सुप्रीम कोर्ट में जबलपुर हाईकोर्ट ने दी जानकारी, बर्खास्त 6 महिला जजों में से 4 बहाल, 2 की सौंपी सीक्रेट रिपोर्ट
Jabalpur HC in Supreme Court जबलपुर: मध्य प्रदेश में जून 2023 में प्रोबेशन पीरियड (Probation Period) में बर्खास्त की गई 6 महिला सिविल जजों में से 4 को बहाल कर दिया गया है। वहीं, 2 अन्य न्यायाधीशों की बहाली से जुड़ी जानकारी सिक्रेट रिपोर्ट को हाईकोर्ट ने सीलबंद लिफाफे में सुप्रीम कोर्ट के समक्ष पेश किया है। इस मामले में अभी सुप्रीम कोर्ट का फैसला आना बाकी है।
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, मध्यप्रदेश के विधि और विधायी कार्य विभाग (Law and Legislative Affairs Department) ने हाईकोर्ट की सिफारिश पर 23 मई 2023 को 6 न्यायाधीशों की सेवाएं समाप्त करने का आदेश जारी किया था। यह आदेश हाईकोर्ट की प्रशासनिक समिति और फुल कोर्ट मीटिंग के फैसले के आधार पर दिया गया था। इसका गजट नोटिफिकेशन 9 जून 2023 को जारी किया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने इस पर स्वतः संज्ञान लिया था।
SC ने MP HC और सरकार से मांगा था जवाब
इस मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश सरकार और हाईकोर्ट को नोटिस जारी जवाब मांगा था। इस पर मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की ओर से सीनियर एडवोकेट गौरव अग्रवाल ने सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस बीवी नागरत्ना और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह की डबल बेंच में इसी संबंध में दायर एक याचिका की सुनवाई में बताया, "मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की फुल बेंच ने 6 अधिकारियों की सेवा समाप्ति पर पुनर्विचार किया है।"
इन महिला जजों को किया गया बहाल
बता दें कि बर्खास्त 6 महिला सिविल जजों में से 4 को मुरैना से सोनाक्षी जोशी, रीवा से रचना अतुलकर जोशी, इंदौर से प्रिया शर्मा और टिमरनी से ज्योति बरखेड़े को बहाल कर दिया गया है। वहीं, 2 महिला जज उमरिया में पदस्थ सरिता चौधरी और टीकमगढ़ में पदस्थ अदिति कुमार शर्मा को हाईकोर्ट (Jabalpur HC in Supreme Court) द्वारा बहाल नहीं किया गया। इन दोनों महिला जजों को बहाल न करने के संबंध में हाईकोर्ट ने सीलबंद लिफाफे के साथ रिपोर्ट पेश किया है।
सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस बीवी नागरत्ना और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह की डबल बेंच में हुई सुनवाई के दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता (Senior Advocate) आर बसंत तीन न्यायिक अधिकारियों रचना अतुलकर, ज्योति और प्रिया की ओर से पेश हुए। वहीं, एडवोकेट तन्वी दुबे ने अन्य न्यायिक अधिकारियों की ओर से पेश होकर इसकी पैरवी की।
सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश हाईकोर्ट को दिए ये निर्देश
वरिष्ठ अधिवक्ता आर. बसंत ने चार जजों को बर्खास्तगी अवधि का वेतन (Dismissed 6 Female Judge) दिलाने की मांग की। इस मांग पर जस्टिस नागरत्ना ने कहा कि सिविल जजों ने बर्खास्तगी के दौरान काम नहीं किया है। ऐसे में इन जजों को बर्खास्तगी अवधि का वेतन नहीं दिया जा सकता। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश हाईकोर्ट को निर्देश दिया कि वह बहाल की गई चारों जजों की ड्यूटी पर वापसी को लेकर जल्द से जल्द आदेश जारी करें।
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