Jabalpur High Court: डायरेक्टर मेडिकल एजुकेशन पर हाईकोर्ट ने लगाई 25 हजार की कॉस्ट, सेवा शर्तों के विपरीत प्रोफेसर का तबादला करने का है मामला
Jabalpur High Court: जबलपुर। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की प्रिंसिपल पीठ ने एक मामले में सुनवाई करते हुए मप्र शासन के डीएमई अर्थात डायरेक्टर ऑफ मेडिकल एजुकेशन पर 25 हजार की कॉस्ट लगाई है। हाई कोर्ट जस्टिस विशाल मिश्रा ने डीएमई को याचिकाकर्ता का तबादला आदेश निरस्त करने के आदेश दिए और एक सप्ताह के भीतर निजी आय से 25 हजार रूपए की कॉस्ट की रकम याचिकाकर्ता को देने कहा है।
किस वजह से डीएमई पर हाईकोर्ट ने लगाई कॉस्ट:
हाई कोर्ट ने जबलपुर के नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडीकल कॉलेज की एसोसिएट प्रोफेसर का नियमों की अनदेखी करते हुए ट्रांसफर किया गया था। इस बात को लेकर हाई कोर्ट ने 25 हजार की कॉस्ट डीएमई पर लगाई है। बता दें कि जबलपुर के शासकीय मेडिकल कॉलेज की एसोसिएट प्रोफेसर डॉक्टर मयूरा सेठिया की सेवा शर्तों के मुताबिक उनका तबादला नहीं हो सकता था।
इसके बाद भी डायरेक्टर ऑफ मेडीकल एजुकेशन ने नियमों और सेवा शर्तों को दरकिनार करते हुए डॉ मयूरा सेठिया का तबादला सिवनी मेडिकल कॉलेज कर दिया। डीएमई के तबादला निर्देश को याचिकाकर्ता डॉ मयूरा सेठिया ने हाई कोर्ट में चुनौती दी और हाईकोर्ट ने प्रकरण में सुनवाई करते हुए डीएमई पर 25 हजार की कॉस्ट लगाई। हाई कोर्ट जस्टिस विशाल मिश्रा की एकलपीठ ने याचिका की सुनवाई के दौरान एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. मयूरा सेठिया का सिवनी तबादला आदेश निरस्त करने का आदेश दिया है।
हाई कोर्ट ने डीएमई को दी एक सप्ताह की मोहलत:
मप्र हाई कोर्ट जस्टिस विशाल मिश्रा ने डीएमई पर केवल कॉस्ट ही नहीं लगाई है बल्कि डीएमई को कॉस्ट की 25 हजार रकम याचिकाकर्ता को भुगतान करने के लिए समय सीमा भी तय कर दी। हाई कोर्ट ने इसके लिए डीएमई को आदेश दिया है कि वह हर हाल में एक सप्ताह के भीतर कॉस्ट के 25 हजार रुपए याचिकाकर्ता को प्रदान करें।
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