Jabalpur High Court News: हाईवे निर्माण में करोड़ों की इमारती लकड़ी के पेड़ काटे, भरपाई के लिए कहां लगाए पौधे, HC ने केंद्र-राज्य सरकार को जारी किया नोटिस

Jabalpur High Court News जबलपुर: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की जबलपुर प्रिंसिपल पीठ में चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत और जस्टिस विवेक जैन की डबल बैंच ने हाईवे निर्माण की याचिका पर सुनवाई करते हुये केंद्र और राज्य सरकार को नोटिस...
jabalpur high court news  हाईवे निर्माण में करोड़ों की इमारती लकड़ी के पेड़ काटे  भरपाई के लिए कहां लगाए पौधे  hc ने केंद्र राज्य सरकार को जारी किया नोटिस

Jabalpur High Court News जबलपुर: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की जबलपुर प्रिंसिपल पीठ में चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत और जस्टिस विवेक जैन की डबल बैंच ने हाईवे निर्माण की याचिका पर सुनवाई करते हुये केंद्र और राज्य सरकार को नोटिस जारी कर सवाल (Jabalpur High Court News) पूछा है। अदालत ने पूछा है कि राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण के दौरान बेसकीमती इमारती लकड़ी के पेड़ तो काट दिए गए, लेकिन इसकी भरपाई के लिए पौधारोपण कहां पर किया है।

हाईवे निर्माण के दौरान काटे गए पेड़ों पर HC सख्त

इसके साथ ही कोर्ट ने काटे गए पेड़ों के बदले पौधारोपण न केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग विभाग के प्रमुख सचिव, राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के चेयरमैन, मध्य प्रदेश सड़क विकास प्राधिकरण (Madhya Pradesh Road Development Authority) के महाप्रबंधक और वन विभाग के प्रमुख सचिव को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।

जनहित याचिका पर हाईकोर्ट ने जारी किया नोटिस

जबलपुर में रहने वाले सामाजिक एवं पर्यावरण कार्यकर्ता नीरज गर्ग ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है। दायर याचिका में कहा गया कि साल 2012 में जबलपुर-भोपाल, नागपुर-जबलपुर, और जबलपुर-इलाहाबाद (प्रयागराज) हाईवे का निर्माण किया गया है। इन हाईवे के निर्माण के दौरान भारी तादाद में करोड़ो रूपयें कीमत की इमारती लकड़ी के पेड़ (Cutting Trees During Highway Construction) काटे गए थे। इन पेड़ों की भरपाई के लिए वन विभाग ने राशि भी जारी की थी।

काटे गए पेड़ों की भरपाई के लिए नहीं लगाए गए पौधे- याचिकाकर्ता

नियमावली के तहत आम, जामुन, बरगद, नीम और पीपल जैसे ऑक्सीजन प्रदाता और फलदार वृक्ष लगाने का निर्देश दिये गये थे, लेकिन अब तक काटे गये पेड़ों की भरपाई (Jabalpur Highcourt News) के लिए कहीं भी पौधारोपण नहीं किया गया है। हाई कोर्ट ने केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग विभाग के प्रमुख सचिव, राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के चेयरमैन, मप्र सडक विकास प्राधिकरण के महाप्रबंधक और वन विभाग के प्रमुख सचिव को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।

सजावटी पौधों से की गई रस्म अदायगी

सामाजिक एवं पर्यावरण कार्यकर्ता नीरज गर्ग के वकील ने हाईकोर्ट में दायर जनहित याचिका में आरोप लगाया है कि हाईवे के निर्माण में बड़े और वर्षों पुराने पेड़ों को काटकर पर्यावरण के संतुलन को बिगाड़ा गया है। इसकी भरपाई के लिए ही नये पौधारोपण की शर्त निर्माण कार्य में शासन द्वारा रखी जाती है, लेकिन हाईवे के निर्माण में भरपूर ऑक्सीजन देने वाले पेड़ों को काटने के बदले महज रस्मअदायगी के लिए इन पेड़ों के स्थान पर केवल सजावटी पौधे लगा दिए गए हैं। इन सजावटी पौधों से अपेक्षाकृत ऑक्सीजन की मात्रा हाईवे पर कई गुना कम हो गई है।

पक्षियों और जानवरों को नहीं मिल रहा पोषण

याचिकाकर्ता के मुताबिक, हाईवे निर्माण के दौरान काटे गए फलदार वृक्षों (Jabalpur High Court News) के अभाव में पक्षियों और जानवरों को पोषण नहीं मिल रहा है। इसके साथ ही हाईवे की सुरक्षा के लिए दोनों ओर फेंसिंग का कार्य भी किया जाना था, लेकिन फेंसिंग कार्य अब तक शुरू भी नहीं हुआ है।

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