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Jabalpur News: ठेकेदारों ने किया 37 करोड़ का डामर घोटाला, ईओडब्ल्यू ने 5 के खिलाफ दर्ज की एफआईआर

Jabalpur News: मध्य प्रदेश में सड़कों के निर्माण में भ्रष्टाचार या फिर घटिया निर्माण की शिकायतें आम होने के बाद अब सड़क निर्माण में इस्तेमाल होने वाले डामर में बड़ा घोटाला उजागर हुआ है।
09:08 PM Jan 22, 2025 IST | Pushpendra

Jabalpur News: जबलपुर। मध्य प्रदेश में सड़कों के निर्माण में भ्रष्टाचार या फिर घटिया निर्माण की शिकायतें आम होने के बाद अब सड़क निर्माण में इस्तेमाल होने वाले डामर में बड़ा घोटाला उजागर हुआ है। डामर (बिटुमिन) में 37 करोड़ का बड़ा फर्जीवाड़ा ईओडब्ल्यू की जांच में सामने आया है। जबलपुर, मंडला सहित अन्य जिलों के ठेकेदारों ने फर्जी दस्तावेजों के जरिए शासन से करोड़ों रुपए का अवैध भुगतान हासिल किया। ठेकेदारों द्वारा डामर के इस्तेमाल के फर्जी बिल लगाकर करोड़ों रुपए की हेराफेरी का मामला सामने आया है।

5 कम्पनियों के बनाए फर्जी बिल

जबलपुर स्थित आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (ईओडब्ल्यू) कार्यालय में इस आशय की शिकायत की गई, जिसकी जांच डीएसपी ए.व्ही. सिंह ने की। डीएसपी ने जाॅच में पाया कि जबलपुर संभाग के विभिन्न जिलों में रोड़ निर्माण में डामर सप्लाई में करोड़ों रूपए की गड़बड़ी की गई। जांच के पता चला कि ठेकेदारों ने डामर के 37 करोड़ रूपयें के फर्जी बिल पेश कर मध्यप्रदेश सड़क विकास प्राधिकरण से अवैध भुगतान प्राप्त कर सरकार को आर्थिक क्षति पहुंचाई है। ठेकेदारों ने इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन, एचपीसीएल, बीपीसीएल, एस्सार और नायरा जैसी बड़ी कंपनियों के नाम से नकली इनवाइस बनाकर बिल भुगतान के प्राप्त किए गए। जबकि, इन इनवॉइस बिल की जांच करने पर खुलासा हुआ कि ये कंपनियों द्वारा जारी नहीं किए गए बल्कि ये सभी बिल फर्जी एवं कूटरचित दस्तावेज हैं।

5 ठेकेदारों ने लगाये 37 करोड़ के फर्जी बिल

मेसर्स वैष्णव एसोसियेट (धर्मेंद्र प्रताप सिंह) रू 23.57 करोड़ रुपए के 42 फर्जी बिल लगाए गए, जिसमें जबलपुर में 12 पैकेज का भुगतान प्राप्त किया। इसकी तरह मेसर्स लाल बहादुर यादव (लाल बहादुर यादव) रू 79.94 लाख रुपए के 6 फर्जी बिल पेश किये गए। मंडला (Jabalpur News) जिले में 2 पैकेज के लिए अवैध भुगतान, मेसर्स अब्दुल अजीज (अब्दुल अजीज) रू 21.99 लाख रुपए के 3 फर्जी बिल लगाए गए। मेसर्स ए.डी. कंस्ट्रक्शन (अनिल दुबे) रू कुल 36.31 लाख रुपए के 7 फर्जी बिल लगाए।

जबलपुर स्थित मध्यप्रदेश सड़क विकास प्राधिकरण से भुगतान भी प्राप्त कर लिया। इसके साथ ही मेसर्स विश्वकुसुम इन्फ्राटेक (अखिलेश मेहता) रू 12.07 करोड़ रुपए के 45 फर्जी बिल पेश किये गये। जबलपुर से संबंधित 8 पैकेज के लिए फर्जी भुगतान लिया। ईओडब्ल्यू ने जाॅच में इन पांचों ठेकेदारों के 37 करोड़ रुपए का फर्जीवाड़ा पकड़ा है। जिस पर ईओडब्ल्यू ने इन पांचों ठेकेदारों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 420 (धोखाधड़ी), 467 (जालसाजी), 468 (धोखाधड़ी के लिए जालसाजी), और 471 (जाली दस्तावेज का उपयोग) के तहत एफआईआर दर्ज कर विस्तृत जाॅच शुरू कर दी है।

(जबलपुर से सुरेंद्र कुशवाहा की रिपोर्ट)

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