Jabalpur News: एयरपोर्ट का आधुनिकीकरण के बाद हाईकोर्ट का केंद्र, राज्य सरकार एवं विमानन कम्पनियों से सवाल क्यों खर्च किए 500 करोड़, नोटिस जारी
Jabalpur News: जबलपुर। डुमना एयरपोर्ट को अत्याधुनिक एयरपोर्ट के रूप में विकसित करने के लिए भारी भरकम 500 करोड़ रुपए खर्च कर दिए गए। विमानों की संख्या पहले 8 थी, जिसे घटाकर 4 कर दिया गया। डुमना एयरपोर्ट से विमानों की घटती संख्या को लेकर शहरवासियों द्वारा बीते दिनों नो फ्लाई डे के तहत विरोध जताकर बंद हुईं फ्लाइट्स को दोबारा शुरू करने की मांग की गई। आम शहरवासियों की मांग पर केन्द्र और राज्य सरकार, उड्यन मंत्रालय एवं विमानन कम्पनियों ने गंभीरता से नहीं लिया। अब यह मामला हाई कोर्ट पहुंच गया।
पहले 8 उड़ानें, आधुनिकीकरण के बाद 4 बचीं
डॉ.पी.जी.नाजपांडे एवं रजत शर्मा की ओर से दायर जनहित याचिका पर एडवोकेट दिनेश उपाध्याय ने जस्टिस संजीव सचदेवा और जस्टिस विनय सराफ की डिवीजन बेंच में याचिका की सुनवाई हुई। इसमें तर्क दिया कि पूर्व डुमना एयरपोर्ट से 8 फ्लाइटें उड़ानें भर रही थी। जब से यहां 500 करोड़ रुपए खर्च अत्याधुनिक सुविधाओं में इजाफा किया गया, तब से उड़ानों की संख्या घटकर केवल 4 रह गई है। हाई कोर्ट ने जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए एयर कनेक्टिविटी के मामले में राज्य सरकार, भारत सरकार और विमान कंपनियों को नोटिस जारी कर 1 माह में जवाब पेश करने के निर्देश दिए। मामले पर अगली सुनवाई 11 दिसंबर को होगी।
केन्द्र, राज्य एवं विमानन कंपनियों से सवाल
हाई कोर्ट ने जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान विमानन कम्पनी एवं सरकारी वकील के जरिए केंद्र सरकार से पूछा है कि जबलपुर भौगोलिक रूप से देश का सेंटर प्वाइंट है। लिहाजा सरकार जबलपुर एयरपोर्ट से अन्य शहरों की फ्लाइट कनेक्टिविटी बढ़ाने की दिशा में क्या कदम उठा रही है ? इतना ही नहीं जब सरकार जबलपुर एयरपोर्ट से ज्यादा फ्लाइट्स चलाने पर ध्यान नहीं दे रही तो फिर 500 करोड़ रुपए की लागत से एयरपोर्ट का विस्तार क्यों किया गया?
डुमना एयरपोर्ट से मौजूदा उड़ानें
हाई कोर्ट में जस्टिस संजीव सचदेवा और जस्टिस विनय सराफ की डिवीजन बेंच में हुई जनहित याचिका की सुनवाई में उड्डयन मंत्रालय की ओर से बताया कि मौजूदा समय में दिल्ली, मुंबई, बैंगलोर के लिए हफ्ते में 4 दिन उड़ाने संचालित हैं। इंदौर, हैदराबाद सहित हर दिन डुमना एयरपोर्ट से 4 से 5 उड़ानें भरी जा रही हैं। याचिकाकर्ता की ओर से दिल्ली के लिए हर दिन नियमित फ्लाइट की मांग पर जोर दिया गया। इस पर हाई कोर्ट ने कहा कि जब जबलपुर देश का सेंटर प्वाइंट है तो केवल दिल्ली ही क्यों, चेन्नई, मुंबई, कोलकाता जैसे महानगरों के लिए जबलपुर की सीधी कनेक्टिविटी भी जरूरी है।
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