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Jabalpur News: करोड़ों के भ्रष्टाचार मामले में राज्य सरकार, छतरपुर कलेक्टर, जिला पंचायत सीईओ सहित अन्य को हाईकोर्ट का नोटिस

Jabalpur News: जबलपुर। जबलपुर की हाईकोर्ट ने प्रदेश की सरकार सहित कई अधिकारियों को भ्रष्टाचार के मामले में नोटिस जारी किया। हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजीव सचदेवा और जस्टिस विनय सराफ की डबल बैंच ने छतरपुर के ग्राम पंचायत...
09:31 PM Aug 14, 2024 IST | Dr. Surendra Kumar Kushwaha

Jabalpur News: जबलपुर। जबलपुर की हाईकोर्ट ने प्रदेश की सरकार सहित कई अधिकारियों को भ्रष्टाचार के मामले में नोटिस जारी किया। हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजीव सचदेवा और जस्टिस विनय सराफ की डबल बैंच ने छतरपुर के ग्राम पंचायत में विकास कार्यों में लाखों रूपए के फर्जीवाड़े मामले में राज्य सरकार, छतरपुर कलेक्टर, सीईओ जिला पंचायत सहित अन्य संबंधितों को नोटिस जारी कर 4 सप्ताह में जवाब तलब किया है। हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान भ्रष्टाचार से जुड़े इस मामले में आरटीआई कार्यकर्ता एवं भाजपा नेता ने फोटो सहित कई अहम साक्ष्य पेश किए, जिसे हाईकोर्ट (Jabalpur News) ने अधिकारियों के उदासीन रवैये और भ्रष्टाचारियों की कारगुजारियों पर नाराजगी जताई। इस मामले में आगामी सुनवाई 11 सितम्बर को होगी।

चौहान के कार्यकाल में हुआ घोटाला

छतरपुर के बड़ा मल्हार जनपद पंचायत के अंतर्गत आने वाला परा गांव में विकास कार्यों के नाम पर भाजपा शासनकाल में जमकर भ्रष्टाचार किया गया। शिवराज सिंह चौहान के मुख्यमंत्री काल साल 2013 से मौजूदा मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव के शासन काल तक विकास कार्यों के नाम पर लाखों रूपए के फर्जी निर्माण और बिल भुगतान किए गए। इसका खुलासा दमोह के बीजेपी सांसद के पूर्व प्रतिनिधि और किसान मोर्चा के उपाध्यक्ष रहे लखन लाल शर्मा अयाची ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर किया। लखन लाल शर्मा ने परा ग्राम पंचायत में साल 2013 से अब तक कराए गये दर्जनों विकास कार्यों में फर्जी भुगतान और लाखों की बंदरबांट से जुड़े कई अहम दस्तावेज आरटीआई के जरिए हासिल किए और हाईकोर्ट में याचिका दायर की, जिस पर बुधवार को सुनवाई हुई।

लाखों रूपए का गबन

याचिकाकर्ता के वकील नरिंदर पाल सिंह रूपराह ने हाईकोर्ट में माननीय कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजीव सचदेवा और जस्टिस विनय सराफ की डबल बैंच में सुनवाई के दौरान साक्ष्यों के साथ दलील दी। वकील ने कहा कि छतरपुर की ग्राम पंचायत परा में अधिकारियों के संरक्षण या फिर उदासीन रवैये के चलते जमकर भ्रष्टाचार हो रहा है। याचिकाकर्ता ने परा ग्राम पंचायत की एक सीसी रोड और नाली की तस्वीर दिखाते हुए कहा कि इस रोड़़ पर साल 2013 में 4 लाख 97 हजार रूपए की लागत से सड़क बनाई गई थी, फिर इसी सड़क पर कागजों में साल 2018 में दोबारा 5 लाख रूपयें में सड़क निर्माण का भुगतान कर दिया गया। इसी तरह 4 ऑगनवाड़ी भवनों के निर्माण के लिये 31 लाख 20 हजार रूपए सचिव ने निकाल लिए।

अधिकारियों ने नहीं की जांच

लेकिन मौके पर केवल दो आंगनवाड़ी केन्द्रों का आधा अधूरा निर्माण कराया गया और 2 आंगनवाड़ी केन्द्रों की राशि हजम कर ली गई। इसी तरह स्टॉप डैम के लिए 19 लाख 22 हजार से अधिक की रकम सामुदायिक भवन के लिए निकाली, जिसमें से 12 लाख रूपए की राशि हजम कर ली गई। जबकि, मौके पर न तो स्टॉप डैम का काम पूरा हुआ और न ही सामुदायिक भवन उपयोग करने लायक बन सका। मसलन विकास कार्यो और भवन निर्माण के नाम पर छतरपुर के परा ग्राम पंचायत में करोड़ों रूपए भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गए।

इसकी शिकायत छतरपुर कलेक्टर, सीईओ जिला पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग से जुड़े अधिकारियों को सबूतों के साथ की गई लेकिन अधिकारियों ने जांच नहीं की। फिर लखन लाल शर्मा ने हाईकोर्ट में स्थानीय ग्रामीणों को साथ लेकर जनहित याचिका दायर कर दी। जनहित याचिका से जुड़े इस मामले में राज्य सरकार, छतरपुर कलेक्टर, सीईओ जिला पंचायत सहित अन्य संबंधितों को नोटिस जारी कर 4 सप्ताह में जवाब मांगा है।

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