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Jabalpur News: हाई कोर्ट ने मंदिर के पास शौचालय निर्माण रोकने की याचिका को किया खारिज, कही दिल छू लेने वाली बात

Jabalpur News: जबलपुर स्थित मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की प्रिंसिपल पीठ ने एक अहम फैसला सुनाते हुए याचिकाकर्ता की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उसने मंदिर के नजदीक शौचालय निर्माण बंद करने की अपील की थी। हाईकोर्ट जस्टिस जी.एस....
04:44 PM Jul 18, 2024 IST | MP First

Jabalpur News: जबलपुर स्थित मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की प्रिंसिपल पीठ ने एक अहम फैसला सुनाते हुए याचिकाकर्ता की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उसने मंदिर के नजदीक शौचालय निर्माण बंद करने की अपील की थी। हाईकोर्ट जस्टिस जी.एस. अहलूवालिया ने अपने आदेश में कहा, "सुलभ शौचालय गंदगी नहीं फैलाता, बल्कि गंदगी को खत्म करता है। जितना जरूरी मंदिर है, उतना ही जरूरी शौचालय भी है।"

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट का ये अहम आदेश नरसिंहपुर जिले के गाडरवारा के पास हनुमान मंदिर के पास निर्माणाधीन सार्वजनिक शौचालय पर रोक से जुड़ा है। दरअसल, गाडरवारा निवासी कपिल दुबे ने हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की थी। याचिकाकर्ता का तर्क था कि गाडरवारा नगर परिषद द्वारा हनुमान मंदिर के पास ही सार्वजनिक शौचालय बनवा रहा है।

शौचालय निर्माण रोकने या स्थानांतरित करने की अपील

याचिका में कहा गया कि मंदिर के नजदीक यदि सार्वजनिक शौचालय का निर्माण किया जाता है तो उससे आसपास का वातावरण खराब होने के साथ-साथ उसकी गंदगी से मंदिर परिसर भी दूषित होगा। लिहाजा इस तर्क के साथ याचिकाकर्ता के वकील बी.पी. पटेल ने सुलभ शौचालय के निर्माण पर तत्काल रोक लगाने और शौचालय का निर्माण किसी अन्य जगह पर करते हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी।

कोर्ट ने अपने फैसले में क्या कहा?

याचिकाकर्ता कपिल दुबे की याचिका पर हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। हाईकोर्ट जस्टिस जीएस अहलूवालिया सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील और सरकारी वकील के तर्को को सुनने समझने के बाद अहम फैसला सुनाते हुए कहा, "सुलभ शौचालय गंदगी नहीं फैलाता, बल्कि गंदगी को खत्म करता है। सार्वजनिक शौचालय के निर्माण से मंदिर के आसपास का वातावरण खराब नहीं, बल्कि स्चच्छ होगा।"

कोर्ट ने कहा कि शौचालय के अभाव में लोग यहां अभी खुले में निस्तार कर रहे हैं, जिससे गंदगी फैलती है। जस्टिस जीएस अहलूवालिया सुनवाई ने अपने आदेश में यह टिप्पणी लिखते हुए शौचालय के स्थान में बदलाव करने के अनुरोध को मानने से इंकार कर दिया।

सरकारी वकील ने याचिकाकर्ता की मंशा पर उठाए सवाल 

इस याचिका में सरकारी वकील स्वप्निल गांगुली के तर्क और पैरवी बेहद सराहनीय रही। गांगुली ने मंदिर के नजदीक शौचालय के निर्माण का विरोध करने वाले याचिकाकर्ता कपिल दुबे की आपराधिक पृष्ठभूमि और शौचालय निर्माण में अड़चन पैदा करने की मंशा को भी उजागर किया।

सरकारी वकील स्वप्निल गांगुली ने हाईकोर्ट में याचिका की सुनवाई के दौरान बताया कि याचिकाकर्ता कपिल दुबे इलाके का बदमाश है और उसके खिलाफ 17 से ज्यादा आपराधिक प्रकरण दर्ज हैं। मंदिर के नजदीक शौचालय का निर्माण रोकने के बहाने से नगर परिषद गाडरवारा के अधिकारियों पर अप्रत्यक्ष दबाव डालना चाहता है। इसके साथ ही हाईकोर्ट से शौचालय के निर्माण में रोक लगवाकर वह अपने क्षेत्र में दहशत को और मजबूत करना चाहता है।

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