Jabalpur News: समरसता सेवा संगठन के कजलियां महोत्सव ने रचा इतिहास, सर्व समाज की सहभागिता के साथ हुआ कजलियां मिलन
Jabalpur News: जबलपुर। समरसता भारतीय संस्कृति की आत्मा है। समरसता के बगैर भारतीय समाज निष्प्राण है। समरसता सेवा संगठन ने आज समाज में समरसता के प्राण फूंके। संहिष्णुता और एकता के लिहाज से यह बहुत बड़ी सेवा है। संस्कारधानी में समरसता संगठन की संयोजना में मनाए गए ‘कजलियां महोत्सव’ में आमंत्रित संत जनों ने अपने विचार और भाव व्यक्त किए। मदन महल स्थित दद्दा परिसर के विशाल प्रांगण में आयोजित इस भव्य-दिव्य एवं गरिमामय समारोह में सम्मिलित संतों-महंतों, प्रबुद्धजनों सहित समाज के हर वर्ग ने उपस्थित होकर एक-दूसरे को शुभकामनाएं दीं।
समारोह का श्रीगणेश दीप प्रज्जवल एवं मां नर्मदा पूजन से किया गया। वेद मंत्रोच्चार के बीच कजलियां पूजन किया गया। इसके बाद संतों का पूजन-अर्चन किया गया। संतों ने कहा कि हमारे त्योहार समरसता और सद्भावना के प्रतीक हैं। इन पर्वो के आयोजन पर सभी जाति, वर्ग और समाज के लोग आपस में जुड़कर आपसी एकता का संचार करते हैं। कजलियां महापर्व भी इसी परंपरा से ओतप्रोत हैं।
जबलपुर ने रच दिया इतिहास
संतों ने कहा कि भारत के केंद्र जबलपुर में रचे गए समरसता इतिहास के प्रकम्पन पूरे देश में फैलेंगे। कजलियां-होली जैसे समरसता में डूबे पर्वों को समरसता सेवा संगठन ने जिस तरह से पुर्नजीवित कर इनकी पवित्रता की सामाजिक याद दिलाई है, वो अद्भुत है। इसके लिए समरसता सेवा संगठन की संयोजन टीम बधाई की पात्र है। उन्होंने कहा यह त्यौहार आपसी मेलजोल की भावना को बढ़ाते हैं और आपसी सद्भाव एवं समरसता के प्रति आदर रखने की भावना को प्रबल करते हैं। ऐसे आयोजनों से समाज के लोगों में प्रेम, उल्लास और आनन्द का संचार होता है।
कजलियां भोज का अनूठा जायका
कजलियां महोत्सव में पारंपरिक स्वादिष्ट और जायकेदार खान-पान में भी सामाजिक सहभागिता रही। संगठन अध्यक्ष संदीप जैन ने बताया कि आयोजन में जैन समाज द्वारा गुड़ की जलेबी और मोटे सेव, साहू समाज के द्वारा बेढ़नी पूड़ी-आलू झोल, क्षत्रिय समाज द्वारा आम की लौंजी, पूरन पूरी, पंजाबी समाज द्वारा छोला पुलाव, गुजराती समाज द्वारा खांडवी, सिंधी समाज द्वारा दाल पकवान, केसरवानी समाज द्वारा उबले भुट्टे, अग्रवाल समाज द्वारा आलूबंडा भजिया, यादव समाज द्वारा मही बड़ा, ताम्रकार समाज द्वारा गरम मूंगफली , सिख समाज द्वारा चाय टोस्ट, मारवाड़ी समाज द्वारा जलाहार , मुकादम गंज व्यापारी संघ द्वारा साबुदाना की खिचड़ी और चौरसिया समाज द्वारा मुखवास पान का जायका आयोजन स्थल उपलब्ध कराया गया।
बच्चों-महिलाओं की प्रतियोगिता
इस अवसर पर बच्चों और महिलाओं के लिए प्रतियोगिता का आयोजन (Jabalpur News) भी किया गया। जैन ने बताया कि 12 से 18 वर्ष तक के बच्चे ‘ सामाजिक समरसता में कजलिया पर्व की महत्ता ’ विषय पर निर्धारित शब्दों में लिखकर लाए गए निबंध कार्यक्रम स्थल पर जमा किए गए। वहीं, महिलाओं के लिए हस्त निर्मित राखी और पूजा थाली सजाओ प्रतियोगिता’,पारंपरिक वेषभूषा प्रतियोगिता में भी बड़ी संख्या में प्रतिभागियों ने भाग लिया। सभी प्रतिभागियों की प्रस्तुति के आधार पर प्रतियोगिताओं के प्रथम , द्वितीय, तृतीय विजताओं का निर्णय चयन समिति करेगी। चयनित प्रतिभागियों को आगामी कार्यक्रम में पुरस्कृत किया जाएगा।
चाइल्ड जोन का बाल आनंद
इस अनूठे ‘कजलियां मिलन महोत्सव’ में बच्चे-बड़े, महिला-पुरुष सबकी सहभागिता रही। आयोजन संस्कारधानी की शास्वत एवं गौरवशाली परंपरा के अनुरूप हुआ। आयोजन स्थल पर बच्चों के लिए बने ‘चाइल्ड जोन’ की संयोजना में भगवत स्वरूप बााल आनंद की छटा देखते ही बन रही थी। बच्चों के पसंदीदा झूलों ने उन्हें खूब आकर्षित किया तो वहीं पारंपरिक जायकेदार व्यंजनों की खुशबू बड़ों को लुभाती रही।
कुश जयंती भी मनाई गई
समरसता सेवा संगठन द्वारा कजलियां महोत्सव (Jabalpur News) के दौरान भगवान कुश जयंती मनाई गई। कुश जयंती के महत्व पर आलोक पाठक ने उद्बोधन दिया। साथ ही कजलियां महा महोत्सव में जगतगुरू सुखानंद द्वाराचार्य स्वामी राघव देवाचार्यजी, महामंडलेश्वर स्वामी अखिलेश्वरानंद जी, स्वामी गिरीशानंद जी, बगलामुखी पीठ के ब्रम्हचारी चैतन्यानंद जी, स्वामी कालीनंद जी, साध्वी ज्ञानेश्वरी दीदी जी, पं.रोहित दुबे, पं देवेंद्र त्रिपाठी सहित अनेक संतवृंद महंत ने उपस्थित होकर अपना आशीर्वाद प्रदान किया। वहीं, इस मौके पर प्रदेश सरकार में मंत्री राकेश सिंह, सांसद आशीष दुबे, विधायक अजय विश्नोई, सहित कई गणमान्य हस्तियां उपस्थित थीं।
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