Jabalpur News: यूपीएससी परीक्षा में EWS की आयु सीमा और 9 अटेम्प्ट वाली याचिरा खारिज, कोर्ट से लगा अभ्यर्थियों को झटका
Jabalpur News: जबलपुर। यूपीएससी परीक्षाओं में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) को आयु सीमा में छूट की मांग करने वाली तमाम 17 याचिकाओं को मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की जबलपुर प्रिंसिपल पीठ ने खारिज कर दिया। मसलन यूपीएससी की परीक्षाओं में गरीबों को आयु सीमा में छूट नहीं मिलेगी। मप्र हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत एवं जस्टिस विवेक जैन की डबल बैंच ने ईडब्ल्यूएस वर्ग के उम्मीदवारों को अन्य आरक्षित वर्ग की तरह आयु सीमा सहित अटेम्प्ट संख्या में छूट प्रदान करने से इंकार कर दिया है।
नहीं मिलेगी आयु में छूट
हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि एसटी, एससी, ओबीसी की तरह ईडब्ल्यूएस को आयु सीमा में छूट प्रदान करने का कोई प्रावधान नहीं है। इसके अलावा हाईकोर्ट ने कोर्ट ने सेंट्रल ओबीसी की तरह स्टेट ओबीसी उम्मीदवारों को परीक्षा में 9 अटेम्प्ट देने की मांग भी खारिज कर दी। मसलन ईडब्ल्यूएस कैटेगरी के अभ्यार्थियों को हाईकोर्ट से बड़ा छटका लगा है।
ईडब्ल्यूएस अभ्यार्थियों को बड़ा झटका
दरअसल, सतना मैहर निवासी याचिकाकर्ता आदित्य नारायण पांडेय सहित अन्य दायर 16 याचिकाओं में कहा गया था कि ईडब्ल्यूएस के उम्मीदवारों को आरक्षित श्रेणी में रखा गया है। आरक्षित श्रेणी में होने के बावजूद भी ईडब्ल्यूएस के उम्मीदवारों को आयु सीमा सहित अन्य छूट प्रदान नहीं की जाती हैं। 25 मई 2025 को आयोजित 979 पदों के लिए यूपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा में ईडब्ल्यूएस वर्ग के लिए आयु सीमा और अटेम्प्ट की संख्या सामान्य वर्ग के तरफ निर्धारित की गई है। आरक्षित श्रेणी में रखे गए अन्य वर्गों को छूट प्रदान की गई है। लिहाजा याचिका के माध्यम से आयु सीमा में छूट और इेडब्ल्यूएस कैटेगरी के उम्मीदवरों को 9 अटैम्ट परीक्षा की मांग की गई।
परीक्षा के 9 अटैम्ट की मांग खारिज
म.प्र. हाईकोर्ट चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत की डबल बैंच ने फरवरी माह में सुनवाई के बाद सुरक्षित रखा। 44 पेज का आज फैसला सुनाया। फैसले में कहा है कि ओबीसी, एससी, एसटी को मिलने वाला आरक्षण राज्य और केंद्र में अलग-अलग होता है। इसलिए राज्य में मिलने वाली सुविधा केंद्र में लागू करने का दावा नहीं किया जा सकता। केंद्र सरकार की गाइडलाइन के अनुसार, ईडब्ल्यूएस वर्ग को आयु में छूट देने या ज्यादा अटेम्प्ट देने का कोई संवैधानिक या कानूनी प्रावधान नहीं है। इसलिए ईडब्ल्यूएस उम्मीदवारों को यूपीएससी परीक्षा एसटी,एससी,ओबीसी जैसी छूट नहीं दी जा सकती।
याचिकाकर्ताओं की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल, वरिष्ठ अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर, अधिवक्ता धु्रव वर्मा तथा यूपीएससी की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता नरेश कौशिक तथा केन्द्र सरकार की तरफ से असिस्टेंट साॅलिसिटर जनरल व वरिष्ठ अधिवक्ता पुष्पेंद्र यादव उपस्थित हुए।
(जबलपुर से डॉ. सुरेंद्र कुमार कुशवाहा की रिपोर्ट)
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