Jabalpur News: ससुराल में दामाद को जिंदा जलाने वाले सास-साली और साढू की सजा बरकरार
Jabalpur News: जबलपुर। भोपाल के गौतम नगर थाना क्षेत्र के फूटा मकबरा इलाके में ससुराल में पत्नी को लेने पहुंचे दामाद की ससुरालियों द्वारा जिंदा जलाकर हत्या कर दी थी। मामले में आरोपियों को मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की जबलपुर प्रिंसिपल पीठ से भी राहत नहीं मिली। माननीय जबलपुर हाई कोर्ट में जस्टिस विवेक अग्रवाल एवं जस्टिस देव नारायण मिश्रा की डबल बेंच ने उम्र कैद की सजा से दंडित सास, साली और साढू की सजा को बरकरार रखा। इसके साथ ही हाई कोर्ट की डबल बेंच ने सजा के खिलाफ दायर अपील को खारिज कर दिया।
यह था पूरा मामला
भोपाल जिला कोर्ट से उम्र कैद की सजा से दंड़ित सास, साली और साढू ने इस सजा के खिलाफ हाई कोर्ट में अपील दायर की थी। जिसमें अभियोजन पक्ष के वकील ने आरोपियों की सजा को जायज ठहराते हुए सजा से बचाव की अपील (Jabalpur News) को खारिज करने की मांग की। इस दौरान अभियोजन पक्ष के वकील ने हाई कोर्ट जस्टिस विवेक अग्रवाल एवं जस्टिस देव नारायण मिश्रा की डबल बेंच में केस की सुनवाई हुई। इस दौरान बताया गया कि 9 जून, 2012 को नईम अपनी पत्नी को फूटा मकबरा स्थित ससुराल से लिवाने के लिये पहुंचा था।
जहां ससुराल में नईम की सास रानी बी ने पत्नी के गहने बेचने के संबंध में पूछा। इस पर नईम ने पैसों की जरूरत बताया था। इस बात पर ससुरालियों ने उससे जमकर झगड़ा करते हुए मारपीट कर दी। इतना ही नहीं उसकी पत्नी की बहन के पति शहीद ने उसे धक्का देकर जमीन पर पटक दिया। शहीद की पत्नी समरीन (साली) ने नईम पर पेट्रोल डाला और शहीद और समरीन की नाबालिग बेटी ने माचिस जलाकर नईम को जिंदा जला दिया।
आग की लपटों में घिरा नईम बचने के लिये घर से बाहर सड़क पर दौड़ा और सड़क पर लोटने लगा। घर के सामने रेस्टोरेंट के वेटर ने पानी डालकर आग बुझाई और एंबुलेंस से अस्पताल भिजवाया। गौतम नगर पुलिस ने अस्तपाल में पहुंचकर नईम से मृत्यु पूर्व बयान लिए। उसने सास, साली और साढू द्वारा जान से खत्म करने के इरादे से जिंदा जलाने की जानकारी दी थी।
ससुरालियों ने सुनाई झूठी कहानी
नईम की जिंदा जलकर हुई मौत के मामले में ससुरालियों ने हाई कोर्ट (Jabalpur News) में आत्महत्या की कहानी सुनाई। सास, साली और साढू की ओर से दायर अपील में आवेदकों की ओर से तर्क दिया गया कि नईम ने अपने शरीर पर खुद केरोसिन डालकर आग लगाकर खुदकुशी की। हाई कोर्ट ने अभियोजन पक्ष और अपीलकर्ता आवेदकों की दलील, साक्षियों को सुनने-समझने के बाद अपने आदेश में कहा कि घटना ससुराल में हुई।
इतना ही नहीं आग से जलने के बावजूद भी नईम को ससुराल पक्ष के लोगों ने बचाने का प्रयास नहीं किया। जबकि, वह जलते हुए बचने के लिए चिल्लाता और तड़पता रहा। अस्पताल में भर्ती रहने के दौरान भी ससुराल पक्ष के लोग उसकी हालत देखने तक नहीं पहुंचे। हाई कोर्ट ने अपने आदेश में यह भी कहा है कि जिन गवाह को कोर्ट में पेश कर बयान दिलाए गए, वह घटनास्थल में मौजूद ही नहीं थे। इसी के चलते उनकी अपील को खारिज कर दिया गया।
यह भी पढ़ें: