मध्य प्रदेशराजनीतिनेशनलअपराधकाम की बातहमारी जिंदगीधरम करममनोरंजनखेल-कूदवीडियोधंधे की बातपढ़ाई-रोजगारदुनिया

Jabalpur News: याचिकाकर्ता द्वारा 30 रुपए कोर्ट फीस नहीं चुकाने पर 12 साल से अटक रहा मामला

Jabalpur News: आपने कोर्ट कचहरी से बचने की नसीहत बड़े बुजुर्गो से तो जरूर सुनी होगी और ये भी सुना होगा कि कोर्ट कचहरी के चक्कर में पड़ने वालों की कई पीढ़ियां भी गुजर जाती हैं। कुछ ऐसा ही दिलचस्प...
11:18 AM Aug 08, 2024 IST | Dr. Surendra Kumar Kushwaha

Jabalpur News: आपने कोर्ट कचहरी से बचने की नसीहत बड़े बुजुर्गो से तो जरूर सुनी होगी और ये भी सुना होगा कि कोर्ट कचहरी के चक्कर में पड़ने वालों की कई पीढ़ियां भी गुजर जाती हैं। कुछ ऐसा ही दिलचस्प मामला जबलपुर हाईकोर्ट (Jabalpur High Court) के एक प्रकरण में देखने मिला है। यहां एक केस में याचिकाकर्ता द्वारा महज 30 रुपए की कोर्ट फीस जमा न होने पर प्रकरण 12 साल से लंबित है। आखिर क्या है किस फरियादी का है ये मामला जानते है इस रिपोर्ट में।

जबलपुर स्थित मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की प्रिंसिपल पीठ में रेलवे दुर्घटना में क्षतिपूर्ति का एक मामला एक-दो साल से नहीं पूरे 12 साल से लटका हुआ है। मामले पर 12 साल से सुनवाई नहीं हो पा रही है। वजह केवल इतनी सी है कि याचिकाकर्ता द्वारा कोर्ट फीस की जो महज 30 रुपए है हाईकोर्ट में जमा नहीं करना है। साल 2012 से लगातार टलती चली आ रही सुनवाई पर एक बार फिर हाईकोर्ट जस्टिस विवेक जैन की कोर्ट ने सुनवाई हुई तो उन्होंने याचिका कर्ता को कोर्ट फीस जमा न कर पाने के कारण याचिका खारिज कर दी।

कोर्ट ने याचिकाकर्ता को दिया अंतिम अवसर 

हालांकि, जज ने अपने आदेश में याचिकाकर्ता को इस बात की आजादी जरूर दी है कि यदि वह चाहे तो आगामी 15 दिनों के भीतर 30 रुपए जमा करवा सकता है। ऐसा करने पर हाई कोर्ट रजिस्ट्रार द्वारा इस मामले को संबंधित हेड में फिर से लिस्टिंग की जा सकेगी और प्रकरण में पुनः सुनवाई शुरू हो सकती है।

ऐसे समझिए पूरा मामला 

दरअसल, ये मामला रेलवे दुर्घटना में क्षतिपूर्ति से जुड़ा है। नागदा उज्जैन निवासी कला बाई ने रेलवे क्लेम ट्रिब्यूनल में रेल दुर्घटना के बाद क्षतिपूर्ति का दावा किया था। रेलवे ट्रिब्यूनल में दावे से संबंधित प्रकरण में सुनवाई की और सुनवाई करते हुए साल 2010 में आदेश जारी कर कला बाई के दावे को खारिज कर दिया था। साल 2012 में कला बाई ने इस आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। इस पर जबलपुर हाई कोर्ट में 7 अगस्त, 2015 को पहली बार इस मामले पर सुनवाई हुई।

तब जस्टिस आलोक अराधे की सिंगल बैंच ने प्रकरण को सुनवाई के योग्य माना और रेलवे क्लेम्स ट्रिब्यूनल को आदेश जारी किए कि वह कला बाई के रेलवे दुर्घटना क्षतिपूर्ति से जुड़े केस के तमाम दस्तावेज कोर्ट में पेश करे। इस मामले में अगली सुनवाई की तारीख नियत होने के साथ ही याचिका कर्ता कला बाई को 30 रुपए कोर्ट फीस जमा करने के निर्देश दिए गए।

12 साल से अटका पड़ा मामला 

साल 2012 में केस शुरू होने से लेकर अब साल 2024 तक 12 साल बीत जाने के बाद भी याचिका कर्ता कला बाई की ओर से 30 रुपए कोर्ट फीस जमा नहीं की गई। लिहाजा हाई कोर्ट जज ने प्रकरण संबंधित याचिका खारिज करते हुए आदेश दिया कि याचिका पर पुनः सुनवाई के लिए लिस्टिंग की जा सकती है। हालांकि, उसके लिए पहले याचिकाकर्ता को कोर्ट फीस के 30 रुपए जमा कराने होंगे।

यह भी पढ़ें: 

Gwalior Murder Encounter: अनीता गुप्ता हत्याकांड में बड़ी कामयाबी, एनकाउंटर में एक और इनामी बदमाश गिरफ्तार

Cyber ​​Attack: जबलपुर में कलेक्टर के नाम से साइबर फ्रॉड, व्हॉट्सएप और फेसबुक पर लोगों को बना रहे शिकार

IIT Indore News: जवानों के लिए IIT, इंदौर ने बनाए नए जूते, पहन कर चलने पर बनेगी बिजली

Tags :
Jabalpur Court NewsJabalpur DistrictJabalpur newsMadhya Pradesh Latest NewsMadhya Pradesh Newsmp firstMP First NewsMP Latest NewsMP newsएमपी फर्स्टएमपी फर्स्ट न्यूज़जबलपुर कोर्ट न्यूजजबलपुर जिलाजबलपुर न्यूजमध्य प्रदेश न्यूज़मध्य प्रदेश लेटेस्ट न्यूज

ट्रेंडिंग खबरें

Next Article