Jabalpur News: कोरोना से कर्मचारी की मौत पर हाईकोर्ट ने सरकार को दिया यह निर्देश
Jabalpur News: जबलपुर। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की जबलपुर प्रिंसिपल पीठ में कोरोना पॉजिटिव व्यक्ति की मौत के मामले में राज्य सरकार के रवैया के खिलाफ दायर याचिका पर जस्टिस विशाल धगट की सिंगल बेंच में सुनवाई हुई। कोरोना वार्ड में कोरोना संक्रमित मरीजों के बीच ड्यूटी के दौरान संक्रमित हुए व्यक्ति की मौत को मध्य प्रदेश सरकार ने गंभीरता से नहीं लिया और कोविड-19 योद्धा कल्याण योजना 50 लाख रुपए का मुआवजा के तहत किए आवेदन को बिना कोई ठोस आधार के सरकारी अफसर ने नकार दिया। इसके खिलाफ मृतक की विधवा पत्नी ने सरकार के रवैया के खिलाफ हाई कोर्ट में चुनौती दी और अब हाई कोर्ट ने इस पर राज्य सरकार से जवाब तलब किया है।
यह है पूरा मामला
मामला सागर के राहतगढ़ निवासी फरीदा के पति की मौत से जुड़ा है। याचिकाकर्ता फरीदा ने हाई कोर्ट में वकील के जरिए याचिका दायर की, जिसमें बताया गया कि उसका पति कल्लू खान राहतगढ़ (Jabalpur News) नगर पालिका में स्वच्छता सुपरवाइजर की नौकरी कर रहा था। जब कोविड संक्रमण महामारी तेजी से फैल रही थी और लोग अपनी जान बचाने के लिए कोरोना प्रोटोकॉल के तहत घरों में कैद रहकर अपने जान माल की हिफाजत कर रहे थे उस दौरान उसके पति कल्लू खान के सीनियर अफसरों ने उसकी ड्यूटी कोविड संक्रमित वार्ड में लगाई थी।
कोरोना पॉजिटिव मरीज के बीच लगातार काम करने से उसका पति भी कोरोना महामारी (Jabalpur News) की चपेट में आकर कोरोना पॉजिटिव हो गया। जिसे सरकारी अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराने कराया गया। इलाज के दौरान कल्लू खान ने दम तोड़ दिया। यह बात स्वास्थ्य विभाग, नगर निगम सहित जिला प्रशासन के तमाम अधिकारी भली भांति जानते थे।
पात्र होने के बाद भी मुआवजा नहीं मिला
लिहाजा नगर पालिका एवं कलेक्टर सागर ने कोविड-19 कल्याण योजना के अंतर्गत 50 लाख का मुआवजा प्रदान करने के लिए योजना के अंतर्गत कल्लू खान को पात्र माना। इसके लिए प्रकरण तैयार किया और अंतिम मंजूरी के लिए राज्य शासन को भेज दिया गया। जैसे ही यह प्रकरण राज्य शासन के आला अफसरों तक पहुंचा, उन्होंने बिना किसी कारण के आवेदन निरस्त कर दिया।
राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा कॉविड-19 योद्धा योजना के 50 लाख रुपए मुआवजा के हित लाभ से वंचित किए जाने और बगैर किसी जांच पड़ताल या ठोस वजह के प्रकरण को नामंजूर किए जाने पर मृतक कल्लू खान की विधवा बेगम ने सरकार के खिलाफ हाई कोर्ट जबलपुर में याचिका दायर की। हाई कोर्ट जस्टिस विशाल घगट की सिंगल बेंच ने याचिका पर सुनवाई के दौरान पाया कि याचिकाकर्ता के पति को कोविड संक्रमित वार्ड में स्वच्छता संबंधी कार्य करने आदेशित किया गये जाने से वह संक्रमित हुआ।
कोर्ट ने सरकार को दिया आदेश
सीनियर अधिकारियों के आदेश पर अमल कर कोरोना पॉजिटिव मरीज के बीच काम करने से वह संक्रमित हुआ और उसकी मौत हुई। कल्लू खान का अंतिम संस्कार भी कोरोना प्रोटोकॉल के तहत ही किया गया। इसलिए याचिकाकर्ता के मुआवजा आवेदन को सिरे से खारिज नहीं किया जा सकता, उस पर विचार करना जरूरी है। हाई कोर्ट में याचिकाकर्ता के वकील की दलील को सुनने के बाद माननीय न्यायधीश ने राज्य सरकार से आवेदन को अस्वीकार करने का कारण जानने के साथ-साथ विधवा फरीदा को मुख्यमंत्री कोविड-19 योद्धा कल्याण योजना के तहत 50 लाख का मुआवजा प्रदान करने के लिए निर्देशित किया।
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