Jabalpur News: थानों में कब और किसके आदेश पर बने मंदिर, जवाब के लिए कोर्ट ने दी 7 दिन की मोहलत

Jabalpur News: हाई कोर्ट ने प्रदेश भर के थानों में निर्माणाधीन और पूर्व से निर्मित किए गए मंदिरों को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई हुई।
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Jabalpur News: जबलपुर। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने प्रदेश भर के थानों में निर्माणाधीन और पूर्व से निर्मित किए गए मंदिरों को लेकर दायर याचिका पर सोमवार को सुनवाई हुई। हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत और जस्टिस विवेक जैन की डिवीजन बेंच में याचिका की सुनवाई की। कोर्ट ने पूर्व में सरकार को समय पर जवाब पेश नहीं किए जाने पर गहरी नाराजगी जताई। अब आखिरी मोहलत देते हुए 7 दिन में सरकार से जवाब मांगा।

सात दिनों में करनी होगी रिपोर्ट पेश

मध्य प्रदेश के पुलिस थानों में मंदिर निर्माण और निर्माणाधीन मंदिरों से जुड़ी जनहित याचिका पर चीफ जस्टिस की डबल बैंच ने सुनवाई की। इस दौरान हाई कोर्ट ने 4 नवंबर और 19 नवंबर को राज्य सरकार को नोटिस जारी कर थानों में मंदिरों की मौजूदा स्थिति की रिपोर्ट मांगी थी। जब सरकार की ओर से आंकड़े प्रस्तुत नहीं किए गए तो कोर्ट ने सरकार के रवैये पर नाराजगी जताई।

याचिका की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने सख्त लहजे में सरकार को आदेशित किया कि जल्द से जल्द राज्य सरकार पूरे प्रदेश के थानों के अंदर बने मंदिर और अन्य धार्मिक स्थलों की पूरी सूची पेश करे। सरकार से यह भी पूछा कि प्रदेश के किस थाने में कब मंदिर बनाए गए और मंदिर बनाने के लिए आखिर किसने आदेश दिए थे? थानों में मंदिरों की मौजूदा स्थिति 7 दिनों के भीतर रिपोर्ट प्रस्तुत करें। इस मामले में सरकार को आखिरी मोहलत है।

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सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हो रहा उल्लंघन

जबलपुर निवासी याचिकाकर्ता ओपी यादव ने सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश को आधार बनाकर याचिका दायर की, जिसमें किसी भी सार्वजनिक स्थान, खासकर ऑफिस, पब्लिक रोड पर धार्मिक स्थलों का निर्माण नहीं किए जाने का आदेश सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिया गया। मसलन 20 साल पहले साल 2003 में सुप्रीम कोर्ट ने सरकारी और पब्लिक प्लेस पर किसी भी तरह के धर्म स्थलों के निर्माण पर रोक लगाने का आदेश जारी किया था। याचिकाकर्ता के वकील सतीश वर्मा ने हाईकोर्ट में पक्ष रखा और आरोप लगाया कि सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश को नजर अंदाज कर मध्य प्रदेश के ज्यादातर थानों में थानेदार धार्मिक स्थल बनवा रहे हैं, जो सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन है।

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याचिका में फोटो भी किए संलग्न

याचिकाकर्ता ओपी यादव ने जबलपुर शहर के सिविल लाइन, लार्डगंज, मदनमहल और विजय नगर थाने में बने मंदिरों की फोटो याचिका में लगाई। याचिका पर पिछली सुनवाइयों में हाईकोर्ट ने थानों में बन रहे मंदिरों पर तत्काल रोक लगाने का अंतरिम आदेश दिया था। हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत की डिवीजन बेंच ने इस मामले में मध्य प्रदेश के मुख्य सचिव (सीएस) अनुराग जैन और डीजीपी सहित गृह विभाग, नगरीय प्रशासन विभाग को नोटिस देकर जवाब मांगा था। मामले पर सरकार ने अपनी शुरुआती आपत्तियां भी बताई थी। इसे मानने से हाईकोर्ट ने इनकार कर दिया और विस्तृत रिपोर्ट तलब की। याचिका की अगली सुनवाई 6 जनवरी को नियत की गई।

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