धान खरीदी में 47 करोड़ से ज्यादा का घोटाला, नागरिक आपूर्ति निगम जिला प्रबंधक, 17 राइस मिल संचालक समेत कई कर्मचारियों के खिलाफ FIR

जबलपुर में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी में 47 करोड़ से ज्यादा का घोटाला सामने आया है। नागरिक आपूर्ति निगम के जिला प्रबंधक सहित 13 कर्मचारी 17 राइस मिल संचालक 44 सोसाइटी एवं उपार्जन केंद्र कर्मचारियों पर FIR दर्ज।
धान खरीदी में 47 करोड़ से ज्यादा का घोटाला  नागरिक आपूर्ति निगम जिला प्रबंधक  17 राइस मिल संचालक समेत कई कर्मचारियों के खिलाफ fir

Jabalpur Paddy Scam जबलपुर: मध्य प्रदेश के जबलपुर में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी में इस सीजन का अब तक का सबसे बड़ा घोटाला उजागर हुआ है। करीब 47 करोड़ रुपए से ज्यादा के धान घोटाले पर पूर्व मंत्री एवं मौजूदा पाटन विधायक अजय विश्नोई ने मुख्यमंत्री मोहन यादव और मुख्य सचिव को पत्र लिखकर धान घोटाले की शिकायत की। शिकायत पर प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव की नाराजगी के बाद उच्चस्तरीय जांच कराई गई। जांच में 47 करोड़ से ज्यादा घोटाला सामने आया है। जिला प्रशासन ने अंतर जिला मिलिंग परिवहन में फर्जी आरओ के जरिए किए गए घोटाले को अंजाम देने वाले 74 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।

धान खरीदी में इनके खिलाफ FIR दर्ज

धान खरीदी में घोटाला मामले में नागरिक आपूर्ति निगम के प्रबंधक दिलीप किरार, उसके 13 मातहतों सहित 17 चावल मिल मालिक और 25 सहकारी समिति और धान खरीदी केंद्रों के 44 कर्मचारियों के खिलाफ जबलपुर जिले के 12 थानों में धोखाधड़ी, आपराधिक षडयंत्र कर अमानत में खयानत की धाराओं में एफआइआर दर्ज की गई है। यह पूरा फर्जीवाड़ा धान की फर्जी खरीदी और अंतर जिला (जिले से बाहर) धान की मिलिंग की आड़ में किया गया।

प्रभारी जिला प्रबंधक मप्र राज्य सिविल सप्लाई कारपोरेशन दिलीप किरार, धान इश्यू सेंटर प्रभारी रामकिशोर बैगा जबलपुर मंडी, रामेंद्र शर्मा रिछाई और शहपुरा मंडी, धर्मेन्द्र सिंह चंद्रोल सिहोरा मंडी, बीएस मेहर पाटन मंडी, दीपक संकलिया कुंडम।

राइस मिलर्स

अनूप गोयल, श्याम सुंदर साहू, मनदीप सिंह, अनिल कुमार अवतानी, सुखदर्शन कुमार, राकेश गुप्ता, प्रवीण सावनी अमन छावड़ा, अभिषेक शर्मा सभी मनेरी मंडला,मनीष घनघोरिया, आयुष खंडेलवाल, रूपेश कावरा, घनश्याम शाक्यवार, दिलीप गुप्ता सभी उज्जैन, संजय जैन ग्वालियर, श्यामलता यादव विदिशा, प्रतीक सक्सेना राजगढ़।

सहकारी समिति प्रबंधक

मुकेश हल्दकार, सेवा सहकारी समिति हरदुली कला केंद्र एक, नीरज शिवहरे, सेवा सहकारी संस्था पड़वार केंद्र दो, अजय दत्त मिश्रा वृहता सेवा सहकारी संस्था पनागर केंद्र एक, विशाल सिंह सेवा सहकारी संस्था छत्तरपुर केंद्र एक, गंदर्भ सिंह वृहता सहकारी संस्था नुनसर केंद्र एक एवं तीन, राजकुमार वाजपेयी वृहता सेवा सहकारीसंस्था पाटन केंद्र दो, रामस्वरूप रजक सेवा सहकारी संस्था कटरा बेलखेड़ा केंद्र एक, शेष स्वरूप शर्मा वृहता सेवा सहकारी संस्था मनकेड़ी केंद्र एक, अनिल पटेल वृहता सेवा सहकारी संस्था बेलखेड़ा केंद्र 2 एवं सेवा सहकारी संस्था पिपरिया कलां केंद्र एक, रामजी पटेल वृहता सेवा सहकारी संस्था बेला केंद्र।

30 करोड़ से अधिक के फर्जी RO के जरिए धान हुआ घोटाला

  1. जबलपुर जिले में समर्थन मूल्य पर हुई धान खरीदी में अनियमितता में नए-नए और हैरान करने वाले घोटाला उजागर हो रहे हैं।
  2. जांच टीम में शामिल करीब 50 अधिकारियों-कर्मचारियों ने पकड़ी चोरी।
  3. 30 करोड़ 14 लाख 19 हजार 600 रुपए कीमत एक लाख 31 हजार 52 किंटल धान को मिलरों के संगठित गिरोह ने पार किया।
  4. 16.54 लाख की ऑनलाइन पोर्टल 71 हजार 919 क्विंटल धान की फर्जी खरीदी चढ़ाई गई है।
  5. 74 लोगों पर 12 थानों में 12 आपराधिक प्रकरण दर्ज कराए हैं।
  6. नागरिक आपूर्ति के प्रबंधक सहित 13 कर्मचारी नामजद।
  7. 17 राइस मिलर संचालक और 25 सोसाइटी- उपार्जन केंद्र के 44 कर्मचारी शामिल हैं।

Jabalpur Paddy Scam

इन टोल नाकों पर जांच में उजागर हुआ महाघोटाला

बता दें कि, पूर्व में कलेक्टर दीपक सक्सेना (Jabalpur Collector Deepak Saxena) ने फर्जी वाले में 22 लोगों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए एफआईआर दर्ज कराई थी। वहीं, इस पूरे मामले मामले में इन टोल नाकों पर फर्जीवाड़ा उजागक हुआ है।

  1. मोहतरा टोल कटनी जिले की ओर जाने वाला मार्ग
  2. बहोरीपार टोल नागपुर की ओर जाने वाला मार्ग
  3. सालीवाड़ा टोल मंडला, मनेरी की ओर जाने वाला मार्ग
  4. शाहपुरा टोल नरसिंहपुर, भोपाल, उज्जैन जाने वाला मार्ग

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नागरिक आपूर्ति निगम के अधिकारियों की मिलीभगत से हुआ घोटाला

घोटाले से जुड़े आंकड़ों के अनुसार, समर्थन मूल्य पर खरीदी गई धान के लिए जबलपुर जिले के बाहर के 17 राइस मिलर्स से अनुबंध किया गया था. जिसके तहत इन राइस मिलर्स को खरीदी केंद्रों से धान का उठाव कर अपनी मिल ले जाना था और मिलिंग के बाद तैयार चावल को नागरिक आपूर्ति निगम में जमा करवाना था, लेकिन राइस मिलर्स ने नागरिक आपूर्ति निगम के अधिकारियों से सांठगांठ कर धान परिवहन के रिलीज ऑर्डर तो ले लिए लेकिन धान की डिलीवरी नहीं ली। खरीदी केंद्र प्रभारियों ने भी मिलीभगत कर कागजों पर धान घटा दी और स्टॉक बराबर कर लिया।

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आपूर्ति निगम के अधिकारियों से सांठगांठ कर घोटाला!

जांच टीम ने जब टोल नाकों से धान परिवहन में इस्तेमाल किए गए ट्रकों की लिस्ट मंगवाई तो पता चला कि जिन ट्रक नंबरों से धान का परिवहन होना था वो टोल नाकों से गुजरे ही नहीं, बल्कि बस, कार और टेंपो के फर्जी रजिस्ट्रेशन वाली गाड़ियों से जरिए धान का परिवहन दिखा दिया गया। जांच अधिकारियों का कहना है, "कुछ राइस मिलर्स ने खरीदी केंद्र प्रभारी और आपूर्ति निगम के अधिकारियों से सांठगांठ कर केंद्रों की धान को खुले बाजार में ब्लैक कर दिया और दूसरे राज्यों से घटिया क्वालिटी की धान सस्ते दामों में खरीद कर नागरिक आपूर्ति निगम को जमा कर RO प्राप्त कर लिए।"

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धान खरीदी में कदम-कदम पर फर्जीवाड़ा!

जांच टीम ने करीब 1 लाख 31 हजार क्विंटल से अधिक धान फर्जी नंबरों के वाहनों जैसे कार, बस, टेंपो और ऑटो में ढुलाई की गई। टोल नाकों के सीसीटीवी फुटेज और टोल पर्ची से पता चला कि रजिस्टर्ड नंबर वाले ट्रकों के 614 ट्रिप टोल नाकों से गुजरने थे। लेकिन, महज 15 ट्रक ही इन टोल नाकों से निकले यानी 95 फीसदी परिवहन फर्जी देखा गया। उनकी जगह बस ऑटो टेंपो और दूसरी गाड़ियों के बिल लगा दिए गए थे।" कलेक्टर दीपक सक्सेना ने इससे पहले भी 3 लाख 81 हजार मीट्रिक टन धान खरीदी में गड़बड़ी पकड़े जाने पर 22 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थीस जिसमें समिति प्रबंधक, खरीदी केंद्र प्रभारी, कंप्यूटर ऑपरेटर और वेयर हाउस संचालकों को आरोपी बनाया गया है।

(जबलपुर से डॉ. सुरेंद्र कुमार कुशवाहा की रिपोर्ट)

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