निजी स्कूल और बुक सेलर से सांठगांठ कर फर्जी ISBN किताबों से अवैध कमाई करने वाले पब्लिकेशन एजेंट की जमानत अर्जी खारिज
Jabalpur Publication Agents जबलपुर: मध्य प्रदेश के जबलपुर में शिक्षा माफियाओं को लेकर एक से बढ़कर एक खुलासे हो रहे हैं। शिक्षा माफियाओं पर कार्रवाई भी हो रही है। वहीं, जबलपुर जिला कोर्ट ने निजी स्कूलों से सांठगांठ कर फर्जी आईएसबीएन नंबर के जरिए नकली किताबों की छपवाई कर उंची दर पर बेचने में मध्यस्थता निभाने वाले पब्लिकेशन एजेंट की जमानत याचिका खारिज कर दी है।
पब्लिकेशन एजेंट शिवानम कुमार गुप्ता की जमानत याचिका खारिज
इस पूरे मामले में जिला एवं सत्र न्यायालय के न्यायाधीश शशि भूषण शर्मा की अदालत में पब्लिकेशन एजेंट शिवानम कुमार गुप्ता की जमानत अर्जी पर सुनवाई हुई। पब्लिकेशन एजेंट के वकील ने जिला कोर्ट में जमानत अर्जी दाखिल की थी। याचिका पर जिला कोर्ट में सुनवाई के दौरान अभियोजन की ओर से अपर लोक अभियोजक अरविंद जैन ने दलील की।
निजी आर्थिक लाभ के लिए गंभीर अपराध- अपर लोक अभियोजक
अरविंद जैन ने अदालत को बताया, "पब्लिकेशन एजेंट के खिलाफ गंभीर श्रेणी का आरोप है, उसने निजी आर्थिक लाभ और अकूत अवैध कमाई (Jabalpur Private School Controversy) करने के लिए सोच समझकर साजिश के तहत काम किया है। ऐसे में अगर पब्लिकेशन एजेंट को यदि जमानत मिल जाती है तो समाज में इसका गलत संदेश जाएगा।"
निजी स्कूल संचालकों और बुक सेलर से सांठगांठ
इसके साथ ही जिला एवं सत्र न्यायालय के न्यायाधीश शशिभूषण शर्मा की अदालत में अपर लोक अभियोजक ने दलील दी कि पब्लिकेशन एजेंट (Jabalpur Publication Agents) ने निजी स्कूल संचालकों और बुक सेलर से सांठगांठ करके छात्र छात्राओं और अभिभावकों के साथ ठगी को अंजाम दिया है। अवैध कमाई का ये सिलसिला लगातार चलता रहा।
फर्जी ISBN किताबों का सनसनीखेज खुलासा
हालांकि जब निजी पब्लिकेशन की महंगी किताबों की शिकायत कलेक्टर दीपक सक्सेना तक पहुंची तो स्कूल की जांच के दौरान फर्जी आईएसबीएन किताबों (fake ISBN books) का सनसनीखेज खुलासा हुआ। इस दौरान फर्जी किताबें, ऊंची कीमत पर छपवाकर, बुक सेलर और निजी स्कूलों की मिलीभगत से बड़े स्तर पर कमीशनखोरी को अंजाम दिया गया।
पब्लिकेशन एजेंट की जमानत अर्जी खारिज
कलेक्टर के आदेश पर इस मामले में पुलिस ने कई पब्लिकेशन एजेंट और बुक सेलर के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर जेल भेजा गया था। फिलहाल, अपर लोक अभियोजक की दलील से सहमत होकर जिला सत्र न्यायालय के न्यायाधीश शशिभूषण शर्मा की पब्लिकेशन एजेंट की जमानत अर्जी खारिज कर दी है। इस मामले में जांच जारी है।
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