Jabalpur Railway Station: चलती ट्रेन में आया यात्री को पैरालिसिस अटैक, रेलवे अधिकारियों और डॉक्टरों ने ऐसे बचाई जान
Jabalpur Railway Station: जबलपुर। जबलपुर रेलवे स्टेशन पर रेलवे अधिकारियों की संवेदनशीलता और तत्पर्यता से एक मुसाफिर की जान बच गई। जबलपुर से गुजरने वाली ट्रेनों में शामिल दानापुर से बेंगलुरु जाने वाली स्पेशल ट्रेन में दानापुर से कटपड़ी जा रहे एक रेल यात्री को सफर के दौरान पैरालासिस अटैक आने उसके जिंदगी खतरे में पड़ गई, सांस लेने में दिक्कत हुई। इसकी सूचना मिलते ही रेलवे अधिकारियों ने तुरंत डॉक्टर एवं नर्सिंग स्टाफ उपलब्ध करवा कर उसकी जान बचाने का सराहनीय कार्य किया।
चलती ट्रेन में यात्री को आया पैरालिसिस अटैक, सांस लेना हुआ मुश्किल
दानापुर से बैंगलुरु जाने वाली गाड़ी संख्या 03251 दानापुर - बेंगलुरु स्पेशल ट्रेन में सच्चिदानंद सिंह कोच बी-4 के बर्थ न. 60 पर सफर कर रहे थे। चलती ट्रेन में यात्री को पैरालिसिस अटैक आने से उन्हें सांस लेने में अत्याधिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। स्टेशन पहुंचने से पहले वाणिज्य नियंत्रक को इसकी सूचना रनिंग स्टाफ द्वारा दी गई। इस पर जबलपुर स्टेशन (Jabalpur Railway Station) पर मरीज को अर्जेंट मेडिकल सर्विस देकर उसकी जान बचाई गई।
रेल्वे अधिकारियों एवं चिकित्सकों ने दिखाई तत्पर्यता
सीनियर डीसीएम ने जबलपुर स्टेशन (Jabalpur Railway Station) पर स्टेशन प्रबंधक वाणिज्य संजय जयसवाल एवं उप स्टेशन प्रबंधक बलवंत राय को मेडीकल इमरजेंसी की सूचना दी। गाड़ी संख्या 03251 दानापुर- बेंगलुरु स्पेशल ट्रेन के कोच बी-4 के बर्थ न.60 में सफर कर रहे सच्चिदानंद सिंह की जांच डॉक्टर रोहित यादव एवं नर्सिंग असिस्टेंट शुभांक की टीम ने की। जांच करने पर पाया गया कि मरीज की गर्दन के नीचे का पूरा हिस्सा पैरालिसिस से प्रभावित हो गया है, जिसके कारण मरीज अपनी जगह से हिल भी नहीं पा रहा है और इसकी वजह से उन्हें सांस लेने में दिक्कत हो रही है। प्लेटफॉर्म न. 2 पर एक्सटेंशन बोर्ड के द्वारा मरीज को नेबुलाइज करवाया गया। जब यात्री सच्चिदानंद सिंह की स्थिति स्टेबल हुई और परिजनों ने सफर आगे जारी रखने की इच्छा जताई तो ट्रेन आगे के लिए रवाना कर दी गई।
देवदूत बनकर आई चिकित्सकीय टीम
यात्री को रेल प्रशासन द्वारा की गई इस मदद के लिए संबंधित यात्री के परिवार ने रेल अधिकारियों और डॉक्टर एवं नर्सिंग स्टाफ की टीम को देवदूत बताया और कहा कि संकट की स्थिति में यदि समय पर मेडिकल टीम नहीं पहुंचती और तत्काल उपचार नहीं मिलता तो यात्री की जान बचना मुश्किल था। इसके लिये परिजनों ने आभार प्रकट करते हुये मेडिकल टीम को धन्यवाद दिया। रेल्वे अधिकारियों की संवेदनशीलता और तत्पर्यता की ट्रेन के कोच में सफर कर रहे अन्य यात्रियों ने भी मुक्त कंठ से सराहना की और कहा कि यदि समय पर डॉक्टरों की टीम एवं चिकित्सकीय इलाज नहीं मिल पाता तो कोई भी अनहोनी हो सकती थी। मसलन रेलवे ने समय रहते ट्रेन में सफर कर रहे एक यात्री की जान बचा ली।
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