Jyotiraditya Scindhia: फिर परंपरागत सीट पर लौटे सिंधिया, काफी दिलचस्प है इनका ऐतिहासिक कनेक्शन
Jyotiraditya Scindhia: मध्य प्रदेश की गुना लोकसभा सीट पर केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने एक बार फिर अपनी पताका लहरा दी है। उन्होंने 5 लाख 40 हजार 929 वोटों से जीत हासिल की है। इससे पहले साल 2019 के चुनाव में सिंधिया को इस परंपरागत सीट से हाथ धोना पड़ा था। उस वक्त वह कांग्रेस का हिस्सा थे और उन्हें बीजेपी उम्मीदवार केपी यादव ने हराया था। इसके बाद उन्होंने बीजेपी का दामन थाम लिया। इस बार उनका मुकाबला राव यादवेंद्र सिंह से जिसके बाद उनकी जीत के बाद वापसी हुई।
क्या है गुना-शिवपुरी सीट का भूगोल
सिंधिया घराने(Jyotiraditya Scindhia) का कनेक्शन जानने से पहले इस सीट की भौगोलिक स्थिती जान लीजिए। बता दें कि गुना मालवा और चंबल का प्रवेश द्वार है। यह शहर प्राचीन किलों और मंदिरों से भरा हुआ है। गुना जिला पूर्व में अशोकनगर जिले से घिरा है। राजगढ़ जिला गुना के दक्षिण-पश्चिम में है। उत्तर-पूर्व में शिवपुरी जिला है, जबकि पश्चिम और उत्तर-पश्चिम में राजस्थान के बारां और झालावाड़ जिले स्थित हैं। विदिशा जिला इस क्षेत्र की दक्षिण-पूर्व सीमा पर बसा हुआ है।
इस लोकसभा सीट में अशोकनगर, शिवपुरी और गुना जिले के हिस्से आते हैं। इसके अलावा आठ विधानसभा सीटें शिवपुरी, गुना, अशोकनगर, बमोरी, चंदेरी, मुंगावली, पिछोर और कोलारस आती हैं। गुना विधानसभा में अशोकनगर और बमोरी पर कांग्रेस का कब्जा है। वहीं शिवपुरी, गुना, चंदेरी, मुंगावली, पिछोर और कोलारस पर बीजेपी काबिज है।
काफी दिलचस्प है सिंधिया घराने का कनेक्शन
अब तक हुए दो उपचुनाव समेत 18 लोकसभा चुनाव हो चुके हैं। इनमें से 14 बार गुना ने सिंधिया राज परिवार पर भरोसा जताया है। हालांकि, 2019 के चुनावों में ज्योतिरादित्य सिंधिया(Jyotiraditya Scindhia) की यहां से अप्रत्याशित हार हुई थी। इसके बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने दल बदल लिया और वह कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल हो गए।
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