Kanya Vivah Mahotsav: बागेश्वर धाम में 251 कन्याओं का महाशिवरात्रि पर्व पर होगा विवाह, सूची जारी
Kanya Vivah Mahotsav: खजुराहो। करोड़ों लोगों की आस्था के केंद्र बागेश्वर धाम में गत वर्ष की तरह इस वर्ष भी महाशिवरात्रि के पर्व पर विशाल कन्या विवाह महा महोत्सव आयोजित किया जा रहा है। इस महोत्सव में 251 बेटियों को परिणय सूत्र में बांधा जाएगा। जिन बेटियों को विवाह के लिए चयनित किया गया है उनकी सूची बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने मीडिया के समक्ष जारी की। इस विवाह में 108 बेटियां आदिवासी समाज से हैं, वहीं 143 बेटियां सभी समाजों से चयनित की गई।
दान का उपयोग बेटियों के घर बसनें में हो
उन्होंने कहा कि इन चयनित बेटियों को धर्मपीठ, राजपीठ सहित विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े लोग सुखी जीवन का (Kanya Vivah Mahotsav) आशीर्वाद देंगे। महाराज श्री ने कहा कि मंदिरों में लाखों- करोड़ों रुपए का दान हिंदू देते हैं। इसलिए मिलने वाला दान हिंदू बेटियों के घर बसाने में उपयोग किया जाना चाहिए। उन्होंने भारत सरकार से मांग की है कि मंदिरों को अधिग्रहण से बाहर निकला जाए।
इस तरह चुनी गईं 251 बेटियां
मीडिया के सामने चयनित की गई कन्याओं की सूची जारी करते हुए महाराज श्री ने बताया कि 1000 से अधिक फॉर्म आए थे। जिन फॉर्म की बारीकी से जांच करने के बाद 251 बेटियों को धाम से विवाह के लिए चयनित किया गया। उन्होंने बताया कि 22 से 24 हजार किलोमीटर की यात्रा करने के बाद सर्वे टीम ने सूची तैयार की। एक महीने तक 60 लोगों की टीम द्वारा सर्वे कार्य किया गया। ग्रामीण, पड़ोसियों, जनप्रतिनिधियों आदि से पूछने के बाद जो मानदंड निर्धारित किए गए थे, उनके आधार पर 251 बेटियां विवाह के लिए चयनित की गईं। इन बेटियों में कई ऐसी बेटियां हैं, जो अनाथ है। साथ ही दिव्यांग बेटियों को भी विवाह के लिए चयनित किया गया।
नौ राज्यों से चुनी गईं विवाह के लिए कन्याएं
बागेश्वर धाम में होने वाले विशाल महा महोत्सव में जिन 251 कन्याओं का विवाह किए जाने हेतु चयन किया गया। उनमें नौ राज्यों की कन्याएं शामिल हैं। सबसे ज्यादा 209 कन्याएं मध्य प्रदेश के विभिन्न जिलों से हैं। उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, दिल्ली, राजस्थान, बिहार, झारखंड, उड़ीसा तथा छत्तीसगढ़ से आए आवेदन फार्मो की जांच करते हुए विवाह के मानदंड पूरे करने पर गरीब बेटियों को परिणय सूत्र में बांधे जाने हेतु चयनित किया गया। महाराज श्री का संकल्प है कि कोई भी बेटी अपने आप को अनाथ और गरीब महसूस ना करे।
दिव्यांग 4, अनाथ 54, पितृहीन हैं 94 बेटियां
विवाह के लिए जिन बेटियों को चयनित किया गया, वह वास्तव में इसी योग्य थी। क्योंकि, चार ऐसी बेटियां हैं, जो दिव्यांग है। 54 बेटियों के सर से माता-पिता का साया उठ चुका है। 94 बेटियों के पिता नहीं है। मातृहीन बेटियों की संख्या 12 है। वहीं अत्यंत गरीब 87 परिवार की बेटियों को चयनित किया गया है। कई ऐसी बेटियां हैं जो न केवल अत्यंत निर्धन परिवार से आती है बल्कि उनके माता-पिता या तो गंभीर बीमारी से पीडि़त है या फिर वह कुछ करने में सक्षम नहीं हैं। एक बेटी के पिता कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं। उनका सपना है कि वह अपने जीते जी बेटी को बागेश्वर धाम से खुशी-खुशी उसकी ससुराल विदा करे। बागेश्वर बाबा ने इस बेटी को विवाह के लिए चयनित किया। महाराज श्री ने कहा कि सभी बेटियों का भाग्य महाशिवरात्रि पर्व पर चमकेगा।
(खजुराहो से गौरव मिश्रा की रिपोर्ट)
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