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Kesar Kheti in Indore: घर में ही कर डाली केसर की खेती, इंदौर के कपल ने किया चमत्कार

इंदौर में रहने वाले अनिल जायसवाल एवं उनकी पत्नी कल्पना जायसवाल ने केसर की खेती इंदौर में कर एक अनूठा रिकार्ड अपने नाम किया है।
12:22 PM Nov 14, 2024 IST | Sandeep Mishra
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Kesar Kheti in Indore: इंदौर। मध्य प्रदेश के इंदौर में रहने वाले दंपति ने अपने घर में केसर की खेती कर एक मिसाल रच दी है। इस खेती में उन्होंने न केवल कई अलग-अलग एक्सपेरिमेंट किए वरन पूरी तरह ऑर्गेनिक केसर तैयार करने में भी सफलता हासिल की जिसकी वजह से उन्हें कम खर्चे में काफी मुनाफा होने की भी उम्मीद है।

घर के ही एक कमरे में की खेती, कश्मीर से बीज मंगाए

दरअसल केसर की खेती का जिक्र होने पर सहज ही कश्मीर की वादियों का ध्यान आता है लेकिन इंदौर में रहने वाले अनिल जायसवाल एवं उनकी पत्नी कल्पना जायसवाल ने केसर की खेती इंदौर में कर एक अनूठा रिकार्ड अपने नाम किया है। इंदौर के साई कृपा कॉलोनी में रहने वाले अनिल जायसवाल के मन में भी इंदौर में केसर की खेती (Kesar Kheti in Indore) करने का ख्याल आया तो उन्होंने इसके लिए अपने ही घर में 320 वर्ग फुट के कमरे में केसर की खेती का बुनियादी ढांचा तैयार किया। इसके लिए उन्होंने तकरीबन 6.5 लाख रुपए के लागत के एक टन बीज बल्ब कश्मीर के पंपोर से मंगाए।

पहली फसल में ही 10 से 17 लाख रुपए का होगा मुनाफा

दंपति ने इसके लिए अपने मकान की पहली मंजिल पर ही पूरा सेटअप लगाया। वहां पर इन बीजों का सही से फैलाव कर ऑर्गेनिक तरह से उसकी देख-रेख कर उन्हें खास तौर पर बनाए गए एरो फोनिक्स पद्धति से बनाए गए ग्रीन हाउस में प्लास्टिक की ट्रे में रखा। सितंबर महीने में लगाए फूलों में 27 अक्टूबर को पहला फूल आया और पौधे को मूर्त रूप दिया। उनकी यही मेहनत बाद में लहलहाती फसल (Kesar Kheti in Indore) के रूप में सामने आई।

अब उन्हें इस मौसम में डेढ़ से दो किलोग्राम तक केसर प्राप्त करने की उम्मीद है। अनिल जायसवाल द्वारा केसर की यह खेती पूर्ण तरह से जैविक पद्धति से की गई है इसलिए इस केसर की कीमत तकरीबन 5 लाख रुपए प्रति किलो आंकी जा रही है जबकि अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसकी कीमत तकरीबन 8.30 लाख रुपए तक मिल सकती है।

परिजनों ने किया विरोध लेकिन पत्नी के साथ ने आगे बढ़ाया

अनिल जायसवाल को जब इंदौर में केसर की खेती करने का ख्याल आया तो उनके परिजनों ने ऐतराज भी जताया लेकिन धीरे-धीरे उनके दृढ़ निश्चय के आगे घर के परिजन भी उनके साथ देने लगे। इस पूरे काम में सबसे बड़ा साथ अनिल जायसवाल की पत्नी कल्पना ने दिया। जिस कमरे में अनिल ने खेती के लिए पौधे तैयार किए थे, उन पौधों की देखरेख की पूरी जिम्मेदारी उनकी पत्नी कल्पना ने उठाई।

कमरे में ही कश्मीर का वातावरण बनाया, रोज म्यूजिक भी सुनाते थे

केसर के पौधों को अकेलापन या अलग तरह का वातावरण जैसा ना लगे, इसके लिए उन्हें संगीत सुनाया गया ताकि बंद कमरे में रहने के बावजूद भी उन्हें महसूस हो कि वे प्रकृति के नजदीक हैं। प्रतिदिन सुबह 2 घंटे और शाम 2 घंटे, इस तरह से संगीत केसर के पौधों को सुनाया गया। इसी का परिणाम है कि इंदौर में एक कमरे में केसर की खेती कर जायसवाल दंपति ने एक अनूठा रिकार्ड अपने नाम कर लिया।

बंद कमरे में ही तैयार किया कश्मीर जैसा वातावरण

आपको बता दें कि आमतौर पर केसर की खेती (Kesar Kheti in Indore) ठंडे प्रदेशों में ही की जाती है। यही वजह है कि अनिल जायसवाल ने जिस कमरे में केसर के पौधों को लगाया था, उस कमरे का टेंपरेचर भी कश्मीर की वादियों की तरह ही रखा था ताकि पौधों को बिल्कुल कश्मीर जैसा वातावरण मिला और वे पौध के रूप में तैयार होकर फसल देने लगे।

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