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Atal Bihari Vajpayee: अटल जी का व्यक्तित्व ऐसा कि ग्वालियर में लोगों ने बनवा दिया उनका मंदिर, यहां के लड्डू थे काफी पसंद

Atal Bihari Vajpayee: देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की 25 दिसंबर को 100वीं जयंती है।अटल जी का आज भी बना है यहां मंदिर।
08:44 PM Dec 24, 2024 IST | Suyash Sharma

Atal Bihari Vajpayee: ग्वालियर। देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की 25 दिसंबर को 100वीं जयंती है। अटल जी तो इस दुनिया में नहीं हैं लेकिन उनके विचार और उनकी कार्यशैली लोगों के जेहन में हमेशा रहती है। वाजपेयी जी का ग्वालियर से खास नाता रहा है। अटल जी का बचपन ग्वालियर के कमल सिंह बाग में गुजरा। उन्होंने प्राथमिक और स्नातक की शिक्षा भी यहीं हासिल की थी। अटल बिहारी वाजपेयी की राजनीति का सफर भी ग्वालियर से शुरू हुई थी।

सहज स्वभाव से बनी पहचान

पूर्व पीएम अटल बिहारी ने अपना बचपन ग्वालियर की कमल सिंह के बाग में गुजारा है। उनका पैतृक घर भी इसी इलाके में है। इन्हीं गलियों में होकर उन्होंने राजनीति में कदम बढ़ाया। अटल जी जब ग्वालियर से दिल्ली पहुंचे तो भी ग्वालियर उनके दिल में हमेशा रहा। वे बतौर प्रधानमंत्री कई बार अपने घर आए। सामान्य तरीके से सभी परिवारों से मुलाकात की। अटल जी ने जिंदा रहते हुए अपने घर को लाइब्रेरी के रूप में तब्दील कर दिया था। ये उन्होंने बच्चों के प्रति अपने लगाव के चलते किया था। इस घर में कुछ दिन पहले तक उनकी भतीजी रहा करतीं थीं।

खाने के थे काफी शौंकीन

अटल जी खाने के भी बड़े शौकीन थे। खुद भी खाते थे और दूसरों को भी खूब खिलाते थे। ग्वालियर में ऐसी कुछ चुनिंदा जगह मौजूद हैं, जहां उनका आना-जाना अक्सर हुआ करता था। इन्हीं में से एक दुकान बहादुरा स्वीट्स की है, जिसे कभी नहीं भुलाया जा सकता। बता दें कि बहादुरा स्वीट्स के लड्डू और रसगुल्ले अटल बिहारी बाजपेयी को काफी पसंद थे।

इसके अलावा जब वे देश के प्रधानमंत्री बने तो उनके पसंदीदा बहादुरा स्वीट्स के लड्डू और रसगुल्ले उन्हें दिल्ली तक पहुंचाए जाते थे। इस दुकान के दुकानदार का कहना था कि यहां के लड्डू बाजपेयी जी से मिलने के लिए एंट्री पास का काम करते थे। अगर किसी को पीएम अटल बिहारी वाजपेयी जी से मिलना होता था तो वह बूंदी के लड्डू लेकर जाता था।

लोगों के दिल में बनाई जगह

प्रधानमंत्री और भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी से लोग काफी स्नेह करते थे। उनका प्रभाव काफी था। वे लोगों से भी साधारण तौर पर मिलते थे। इसी से प्रभावित होकर लोगों ने ग्वालियर में उनका मंदिर ही बनवा दिया। मंदिर में प्रतिदिन भजन-आरती के साथ पूजा भी होती है। अटल जी की मृत्यु के बाद उनके चाहने वालों ने ग्वालियर की सत्यनारायण टेकरी पर उनका मंदिर बनवाया, यहां रोज सुबह शाम उनकी आरती उतारी जाती है। चाहने वाले लोगों का कहना है कि अटल जी का व्यक्तित्व और उनके विचार के मन में बसे हुए हैं।

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