Gwalior Morar River: ग्वालियर की मुरार नदी पर पड़ी भूमाफिया की नजर, बना लिया बर्बादी का प्लान
Gwalior Morar River: ग्वालियर। मध्य प्रदेश के ग्वालियर जिले की मुरार नदी को पुनर्जीवन देने का प्रयास अभी तक रंग नहीं दिखा पाया है। इसे एक बार फिर से सजीव करने के लिए केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने एक योजना बनाई। प्लान आगे भी बढ़ा और शासन-प्रशासन ने इस पर करोड़ों रूपए खर्च भी किए। लेकिन अब उस नदी पर भूमाफियाओं की नजर है। भूमाफिया अपने निजी स्वार्थ के लिए नदी के बहाव को मोड़ रहे हैं जबकि इस नदी को जीवित करने के लिए शहर के लोगों ने अगस्त महीने में जन आंदोलन अभियान चलाया था।
भूमाफिया के चलते नदी के अस्तित्व पर मंडराने लगा है खतरा
मौजूदा हाल यह है कि ग्वालियर शहर के भूमाफियाओं के हौसले इतने बुलंद हो चुके हैं कि उन्होनें शासकीय भूमि पर अवैध कब्जा करने के बाद मुरार नदी पर भी बुरी नजर डाली और उसके पानी के बहाव को डायवर्ट कर दिया। साथ ही अवैध रुप से कब्जा करके प्लॉट भी विक्रय करने शुरू कर दिए। यदि इस पर समय रहते सख्ती नहीं की गई तो आने वाले समय में नदी (Gwalior Morar River) का अस्त्तिव फिर से खतरे में पड़ जाएगा। बीजेपी के सांसद भारत सिंह कुशवाह कहते हैं कि यह ग्वालियर की पुरानी नदी है, जिसे जीवित करना उनका लक्ष्य भी है। तो वही दूसरी ओर कांग्रेस विधायक कहते हैं कि मुरार नदी के नाम पर बंदरबांट हो रही है।
प्रशासन के प्रयासों से चमकी थी नदी की किस्मत
प्रशासन के प्रयासों के चलते अगस्त, सितंबर महीने में मुरार नदी फिर से जीवित होने लगी थी। काफी हद तक उसमें साफ पानी बहने लगा था लेकिन अब फिर से गंदा पानी उस नदी में आ गया है। साथ ही उसके आसपास कब्जे भी होने लगे है। यही नहीं, नदी पर कब्जा करने की नीयत से भूमाफिया उसके बहाव को भी मोड़ रहा है। ऐसे में देखना होगा कि फिर से इस नदी (Gwalior Morar River) को बचाने की कहानी जुबानी ओर चिट्टी पत्री लिखने तक ही सीमित रहती है, या फिर नदी को लेकर कोई बड़ा आंदोलन खड़ा होगा जो इसे जीवित कर पाएगा।
इस तरह बनाया गया था नदी के पुनर्जीवन का प्लान
मौजूदा प्रस्ताव के अनुसार नदी के स्वरूप को करीब चार किलोमीटर तक बदलने की योजना है। कचरा, मिट्टी व अतिक्रमण के कारण नदी की गहराई व चौड़ाई दोनों ही ओर कम हो गई थी इसलिए नदी का 15 फीट तक गहरीकरण प्लान था जिसमें करीब 6 करोड़ 64 लाख रुपए का खर्च किया जाना था। नदी के दोनों तरफ पक्की बाउंड्री, सीमेंटेड या इंटरलॉकिंग टाइल्स के स्लैब और नदी का तल कच्चा रखे जाने का प्लान था। इस काम में करीब 8.10 करोड़ रुपए खर्च होंगे। इससे नदी के घाट तैयार हो सकेंगे।
इनके अतिरिक्त 7 करोड़ 50 लाख रुपए खर्च कर नदी के दोनों तरफ 25-25 फीट की सड़क बनाई जाएगी। इस सड़क पर आदित्यपुरम के पीछे से एसएलपी कॉलेज, काल्पी ब्रिज, नदी पार टाल, कुम्हरपुरा से हुरावली पर लोग निकल सकेंगे। सड़क पर 82 लाख की स्ट्रीट लाइट लगाई जाएंगी। करीब एक करोड़ 20 लाख रुपए की लागत से नदी (Gwalior Morar River) के आसपास 5 गार्डन बनाए जाएंगे। नदी के रूट पर 2100 पौधे ट्रीगार्ड के साथ लगेंगे। इसमें 20 लाख रुपए खर्च होंगे। इनके साथ ही नदी में मिलने वाले सीवेज की समस्या से निपटने के लिए कुम्हरपुरा पुल और काल्पी ब्रिज पुल के पास सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित करने का प्लान। लागत करीब 16 करोड़ 92 लाख रुपए आएगी।
(ग्वालियर से सुयश शर्मा)
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