Lok Sabha Speaker Election : पहली बार होगा लोकसभा अध्यक्ष का चुनाव , ओम बिड़ला एनडीए के उम्मीदवार, विपक्ष ने के.सुरेश को उतारा
Lok Sabha Speaker Election नई दिल्ली। 18वीं लोकसभा में स्पीकर पद के लिए सत्ता पक्ष और विपक्ष में ठन गई है। एनडीए ने स्पीकर के लिए एक बार फिर ओम बिड़ला का नाम तय किया है तो विपक्ष ने के. सुरेश को मैदान में उतारा दिया है। इस तरह आजादी के बाद यह पहला मौका होगा जब लोकसभा स्पीकर का चुनाव होगा।
ओम बिड़ला लगातार दूसरी बार बनेंगे स्पीकर
राजस्थान के कोटा से भाजपा सांसद ओम बिड़ला 17वीं लोकसभा में स्पीकर के पद पर थे। इस बार फिर एनडीए ने उन्हीं के नाम पर भरोसा जताया है। 2019 से 2024 तक लोकसभा स्पीकर रह चुके ओम बिड़ला आज नामांकन पर्चा दाखिल करेंगे। वे भाजपा के पहले ऐसे सांसद होंगे, जो लगातार दूसरी बार लोकसभा स्पीकर का पद संभालेंगे।
जानिए ओम बिड़ला के बारे में
17वीं लोकसभा में पहली बार स्पीकर बने ओम बिड़ला का जन्म 23 नवंबर 1962 को हुआ था । ओम बिड़ला एक भारतीय विधिवेत्ता और सामाजिक कार्यकर्ता हैं। भारतीय जनता पार्टी के सक्रिय सदस्य रहे ओम बिड़ला 2014 से राजस्थान के कोटा-बूंदी संसदीय क्षेत्र से लोकसभा सदस्य के रूप में कार्यरत हैं। वे 2003 से 2014 तक कोटा दक्षिण विधानसभा क्षेत्र से विधान सभा सदस्य भी रहे।
छात्र जीवन से ही राजनीति में थी रूचि
छात्र जीवन मे ही ओम बिड़ला भाजपा की युवा शाखा भारतीय जनता युवा मोर्चा में शामिल हो गए थे । जल्दी ही वे भारतीय जनता युवा मोर्चा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बन गए। भाजपा ने उन्हें 2003 में कोटा विधानसभा सीट से टिकट दिया और वे जीत कर विधानसभा पहुंचे थे। ओम बिड़ला नागरिकों, गरीब और असहाय महिलाओं की मदद करने जैसे विभिन्न सामाजिक कार्यों में रुचि रखते हैं। बिड़ला 16वीं और 17वीं लोकसभा में कोटा निर्वाचन क्षेत्र से भाजपा के उम्मीदवार के रूप में चुने गए।
बलराम जाखड़ की करेंगे बराबरी
माना जा रहा है कि अगर ओम बिड़ला एक बार फिर अध्यक्ष बने और अपना कार्यकाल पूरा कर लेते हैं तो कांग्रेस के बलराम जाखड़ के रिकॉर्ड की बराबरी कर लेंगे। कांग्रेस नेता बलराम जाखड़ 1980 से 1985 और 1985 से 1989 तक लगातार दो बार लोकसभा अध्यक्ष रहे थे। बलराम जाखड़ ने भी अपने दोनों कार्यकाल पूरे किए थे। इनके अलावा जीएमसी बालयोगी और पीए संगमा जैसे नेता दो बार लोकसभा अध्यक्ष तो बने, लेकिन 5-5 साल का कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए।
डिप्टी स्पीकर के पद लिए अड़ा विपक्ष
गौरतलब है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पहले ही कह दिया था कि लोकसभा में विपक्षी सांसदों की संख्या के हिसाब से उनकी दावेदारी डिप्टी स्पीकर के पद पर बनती है। मंगलवार को सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले राहुल गांधी ने कहा कि ‘‘उनके पास स्पीकर के समर्थन के लिए राजनाथ सिंह का फोन आया था। विपक्ष ने साफ कहा है कि हम स्पीकर को समर्थन देंगे लेकिन विपक्ष को डिप्टी स्पीकर मिलना चाहिए। राजनाथ सिंह ने दोबारा फोन करने की बात कही थी, हालांकि अब तक कॉल नहीं आया।’’अब विपक्ष ने के.सुरेश का नाम स्पीकर पद के लिए आगे बढ़ा दिया है।
कौन हैं के सुरेश?
कांग्रेस नेता के सुरेश केरल के कद्दावर नेता हैं और 8 बार सांसद रह चुके हैं। के सुरेश वर्ष 1989, 1991, 1996, 1999, 2009, 2014, 2019, 2024 में केरल की मावेलिक्कारा सीट से चुनाव जीतकर संसद पहुंचे हैं। के. सुरेश केंद्रीय मंत्री भी रह चुके हैं। विपक्ष ने आरोप लगाया है कि सबसे अनुभवी सांसद होने के बावजूद उन्हें प्रोटेम स्पीकर नहीं चुना गया। के . सुरेश 1989 में पहली बार सांसद चुने गए थे. 2009 में वे कांग्रेस संसदीय दल के सचिव भी रहे। मनमोहन सिंह की सरकार में के सुरेश केंद्र में मंत्री रहे थे।
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