Loksabha Election Result एमपी में किसकी हुई सबसे बड़ी जीत और कौन जीता सबसे कम वोटों से?
Loksabha Election Result इंदौर/मुरैना। देश में लोकसभा चुनाव के नतीजों पर मंथन जारी है। भाजपा की अपेक्षा के अनुरूप रिजल्ट नहीं आए लेकिन मध्यप्रदेश में भाजपा ने जीत का नया कीर्तिमान बना दिया। राज्य में पहली बार भाजपा ने क्लीन स्वीप कर प्रदेश की सभी 29 सीटें जीती। तो दूसरा रिकॉर्ड बना कि सबसे बड़ी जीत भी मध्य प्रदेश में हुई। इंदौर के भाजपा प्रत्याशी ने 11 लाख से ज्यादा वोटों से जीत दर्ज की। उधर एमपी के मुरैना में पार्टी की सबसे छोटी जीत हुई। मुरैना में जीत का अंतर 50 हजार से ज्यादा मतों का है।
इंदौर की जीत ने बनाया नया कीर्तिमान
यूपी में करारी हार का सदमा झेल रही भाजपा ने मध्य प्रदेश में जीत का नया रिकॉर्ड बनाया है। इंदौर से बीजेपी प्रत्याशी शंकर लालवानी ने देश में सबसे बड़ी जीत दर्ज की है। वे 11 लाख 75 हजार 92 वोटों से जीते। वहीं, विदिशा से शिवराज सिंह चौहान ने देश में तीसरी सबसे बड़ी जीत दर्ज की है। उन्हें 8 लाख 21 हजार 408 वोटों से विजय मिली। लालवानी और शिवराज के साथ ही बीजेपी के 4 कैंडिडेट ऐसे रहे जिनकी जीत का मार्जिन 5 लाख से ज्यादा रहा। इनमें गुना से ज्योतिरादित्य सिंधिया, खजुराहो से वीडी शर्मा, भोपाल से आलोक शर्मा और मंदसौर से सुधीर गुप्ता शामिल हैं।
मुरैना में जीत का अंतर सबसे कम
वैसे तो पूरे मध्य प्रदेश में भाजपा ने कमाल का प्रदर्शन किया है लेकिन कुछ सीटों पर पार्टी को जबरदस्त टक्कर का भी सामना करना पड़ा। मुरैना लोकसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी शिवमंगल सिंह तोमर ने जीत दर्ज कर ली। यहां शिवमंगल सिंह तोमर का मुकाबला कांग्रेस के सत्यपाल सिकवार उर्फ नीटू सिकरवार के बीच था। दोनों के बीच जबरदस्त टक्कर हुआ। आखिरी समय तक रिजल्ट को लेकर लोगों के बीच जिज्ञासा बनी रही। आखिरकार बीजेपी ने बाजी तो मार ली लेकिन यहां जीत का अंतर राज्य में सबसे कम यानी 52,530 मतों का रहा।
कांटे की टक्कर में नीटू सिकरवार हारे
मुरैना में भाजपा के प्रत्याशी को कांग्रेस के सत्यपाल सिकरवार से था। यह सीट चंबल क्षेत्र की सबसे चर्चित सीट बन गई। मुरैना में जातीय समीकरण के कारण भाजपा को कड़ी टक्कर मिली। यहां बघेल, गुर्जर, राजपूत और दलित समुदाय का वोट बैंक निर्णायक माना जाता है। इसके अलावा ओबीसी वर्ग भी यहां काफी तादाद में है। मुरैना मे दलित और अति पिछड़ी जाति के वोटर भाजपा से नाराज थे। यही कारण रहा कि शिवमंगल सिंह तोमर को 515477 वोट मिले तो सत्यपाल सिकरवार को भी 462947 वोट मिले। वोटों की गिनती के अंतिम समय तक जिज्ञासा बनी रही। अंत में पता चला कि यहां जीत का अंतर मात्र 52530 वोट ही है।
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