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Loksabha Election Result एमपी में भाजपा ने सभी 29 सीटों पर जीत हासिल कर कैसे रच दिया इतिहास?

 Loksabha Election Result भोपाल। मध्य प्रदेश में भाजपा ने कांग्रेस का सूपड़ा साफ कर दिया है। राज्य की सभी 29 लोकसभा सीटों को जीतकर भाजपा ने बड़ा कमाल किया है। हालांकि नतीजों को देखकर खुद भाजपा हैरान है। एक तरफ...
09:03 AM Jun 05, 2024 IST | Ranjan Ravi

 Loksabha Election Result भोपाल। मध्य प्रदेश में भाजपा ने कांग्रेस का सूपड़ा साफ कर दिया है। राज्य की सभी 29 लोकसभा सीटों को जीतकर भाजपा ने बड़ा कमाल किया है। हालांकि नतीजों को देखकर खुद भाजपा हैरान है। एक तरफ जहां देश में भाजपा को अपने दम पर बहुमत नहीं मिला दूसरी तरफ एमपी में रिकॉर्ड तोड़ जीत। ये कैसे हुआ, आइए जानने की कोशिश करें।

क्या एमपी  में चली मोदी की लहर ?

मध्यप्रदेश में प्रचंड जीत के बाद भाजपा के भीतर ही मंथन जारी है। चर्चा हो रही है कि इतनी बड़ी जीत कैसे मिली। पार्टी नेताओं का कहना है कि यह मोदी की गारंटी का कमाल है। कुछ राजनीतिक विश्लेषक कह रहे हैं कि भले ही देश में मोदी मैजिक न चल पाया हो लेकिन एमपी में जनता ने मोदी के नाम पर ही वोट दिया है। एमपी में मोदी ने जमकर चुनाव प्रचार किया। लोगों के बीच गए जिसका नतीजा हुआ कि लोगों ने बंपर वोटिंग की और भाजपा को भारी जीत दिलाई। यह पहली बार हुआ कि कमलनाथ का किला ढह गया। छिंदवाड़ा पर भी भाजपा का झंडा लहराने लगा।

कांग्रेस के कैंडिडेट दमदार , लेकिन फिर भी मिली हार

सबसे हैरान करने वाला नतीजा राजगढ़ लोकसभा से आया जहां कांग्रेस के कद्दावर नेता दिग्विजय सिंह ताल ठोक रहे थे। इस सीट को लेकर भाजपा सशंकित थी लेकिन यहां भी ऐसी मोदी आंधी चली कि दिग्गी राजा भी उड़ गए। बता दें कि राजगढ़ से भाजपा प्रत्याशी रोडमल नागर के प्रति बहुत नाराजगी थी लेकिन लोगों ने सब भूलकर अपने राजा दिग्विजय सिंह को नकार दिया। उधर ग्वालियर चंबल में 34 विधानसभा  सीटों  में से कांग्रेस को यहां 16 सीटें मिली थी तो भाजपा को 18 सीटें मिली थीं। कहना नहीं होगा कि  लाडली बहना की बंपर वोटिंग के बाद भी कांग्रेस यहां पर मजबूत स्थिति में थी। इस बार  लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने जिन प्रत्याशियों को ग्वालियर-चंबल में उतारा था वे सभी दमदार  प्रत्याशी थे। मुरैना में कांग्रेस के नीतू सिकरवार को भी हार का सामना करना पड़ा।

कांग्रेस को भी इतनी बड़ी हार का नहीं था अंदाजा

मध्य प्रदेश में कांग्रेस भी करारी हार से परेशान-हैरान है। पार्टी के बड़े नेताओं को यह अंदाजा नहीं था कि इतनी करारी हार होगी। राजनीतिक विश्लेषक कह रहे थे कि कांग्रेस दो से तीन सीटों पर जरूर जीतेगी। कहा जा रहा है कि  मोदी की  योजनाएं जिसमें मुफ्त राशन,  मुफ्त आयुष्मान हेल्थ कार्ड , किसानों सम्मान निधि और पीएम आवास योजना के तहत आने वाले हितग्राहियों ने मोदी को ही वोट दिया है।

एमपी में राम मंदिर और राष्ट्रवाद का मुद्दा भी चला

मध्यप्रदेश में राम मंदिर का मुद्दा भी खूब चला। राज्य में चुनाव से पहले ही जो राम को लाए हैं हम उनको लाए हैं , ये स्लोगन चलने लगा। भाजपा की प्रचंड जीत का एक कारण यह भी माना जा रहा है। यह अलग बात है कि अयोध्या राम मंदिर का लाभ यूपी में पार्टी को नहीं मिला। हाल तो यह हुआ कि भाजपा अयोध्या का सीट भी हार गई।

कांग्रेस के संगठन में भीतरी कलह भी एक कारण

मध्य प्रदेश में कांग्रेस आलाकमान ने ठीक चुनाव से पहले कमलनाथ को हटाकर जीतू पटवारी को प्रदेश कांग्रेस की कमान सौंप दी। इस फैसले का खामियाजा कांग्रेस को भुगतना पड़ा। जीतू पटवारी का व्यवहार  ना कर्मचारियों और ना ही कार्यकर्ताओं को पसंद आया।  अधिकांश नेता घर पर बैठ गए और उन्होंने चुनाव में कोई काम नहीं किया। कांग्रेस के कई बड़े नेताओं ने तो कांग्रेस का हाथ छोड़कर बीजेपी का दामन थाम लिया।

बंपर वोटिंग प्रतिशत का भाजपा को मिला फायदा

मध्य प्रदेश में इस बार 65% से ज्यादा मतदान हुआ। एक तरफ जहां बिहार यूपी आदि अनेक राज्यों में मतदान का प्रतिशत बहुत कम रहा वहीं दूसरी तरफ एमपी में मतदाताओं में जगब का जोश दिका। लोगों ने कई लोगसभा क्षेत्रों में तो 70 फीसदी से ज्यादा मतदान किया।  पहले यह माना जाता था कि यदि मतदान ज्यादा हुआ तो जनता नाराज है और वह सत्ता को बदलना चाहती है । इधर कुछ सालों में  ट्रेंड बदला है , और जब वोटिंग ज्यादा होती है तो सत्ता धारी पार्टी को फायदा होता है ।

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