Jaipur LPG Tanker Blast: एलपीजी गैस टैंकर ब्लास्ट की भयाभह तस्वीर से कांप जाएगी आपकी रूह, पढ़ें पूरी खबर

Jaipur LPG Tanker Blast: राजस्थान के जयपुर में सुबह के वक्त एक एलपीजी गैस से भरा टैंकर ट्रक से टकरा गया। इससे आग पकड़ने से 11 लोगों की मौत हो गई।
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Jaipur LPG Tanker Blast: जयपुर। राजस्थान के जयपुर में सुबह के वक्त एक एलपीजी गैस से भरा टैंकर ट्रक से टकरा गया। इससे गैस का रिसाव होने लगा और गैस ने आग पकड़ ली, जिससे हाइवे पर मौजूद 40 से ज्यादा वाहन इसकी जद में आ गए। मंजर इतना भयानक था कि देखने वालों की रूह कांप उठी। चारों ओर चीख-पुकार और भगदड़ मच गई। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, बसों और सवारी वाहनों में बैठे लोग जिंदा जल गए।

कुछ ही मिनटों में सिर्फ राख ही राख

हादसा इतना भयानक था कि सोचने से भी डर लगता है। जयपुर जा रही एक बस भी आग की चपेट में आ गई। गाड़ियों के अलावा सैकड़ों पेड़ भी जलकर राख हो गए। जयपुर के एसएमएस अस्पताल में घायलों को पहुंचाया गया। अचानक से हुए इस हादसे के बाद सभी लोग हैरान हैं। सवाल यह भी है कि आखिर इतनी बड़ी चूक कैसे हो गई? क्या यह एक संयोग था या फिर कोई साजिश? घटना के बाद गेल अधिकारी तुरंत मौके पर पहुंचे। उन्होंने हाइवे से गुजरी गैस पाइपलाइन को संभाला।

टैंकर में 18 टन भरी थी गैस

गेल के अधिकारियों ने बताया कि जिस टैंकर से रिसाव हुआ, उसमें 18 टन गैस भरी हुई थी। यह टैंकर अजमेर से जयपुर की तरफ जा रहा था। घटना के कई घंटों तक शव वाहनों में ही फंसे रहे। कुछ शव बुरी तरह जल चुके हैं, जिनकी पहचान तक नहीं हो पा रही है। इस हादसे के बाद हर किसी की आंखें नम थीं और दिल में अनजाना डर बैठा हुआ था। हादसे के गवाह मृतकों के परिजनों का काफी बुरा हाल है। पूरे राजस्थान में इस घटना ने सभी को स्तब्ध कर दिया।

अब तक 11 की मौत

बता दें कि हादसे के बाद से अब तक 11 लोगों की मौत हो गई। कई लोग गंभीर रूप से घायल हैं। कई लोग 50 फीसदी से ज्यादा झुलस गए। इसी बीच एक शख्स जलती गाड़ी से बाहर निकला और वह पूरी तरह आग की लपटों में घिरा हुआ था। सड़क पर दौड़ता यह युवक आग का गोला बना हुआ था और जिंदगी को बचाने में 800 मीटर तक दौड़ा। लेकिन, उसकी जान नहीं बचाई जा सकी। मृतक राधेश्याम के दोस्त हंसराज ने बताया कि वह अपने परिवार का इकलौता सहारा था।

नेल पॉलिश से हुई महिला की पहचान

इस हादसे में आरएसी कांस्टेबल अनीता मीणा की भी जान चली गई। अनीता घटना के वक्त स्लीपर बस में ड्यूटी के लिए जा रही थीं। अनीता की पहचान पैर में लगी नेल पॉलिस और बिछिया से हुई। अनीता के भाई ने बताया कि उसके दो बच्चे हैं। पति खेती किसानी करते हैं। इस घटना के बाद उनके परिवार के लोगों को गहरा सदमा लगा। अनीता जैसे कई परिवारों का सहारा इस हादसे ने छीन लिया। कई बेगुनाह इस अग्निकांड की भेट चढ़ गए। फिलहाल, घायलों का इलाज जारी है और सीएम ने भी मामले की जानकारी ली। अधिकारी जांच में जुटे हुए हैं।

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