Maa Baglamukhi Mandir: बेखौफ जारी है गैरकानूनी बाल भिक्षावृत्ति, दर्जनों बच्चों के साथ महिलाएं भी मांग रही हैं भीख
Maa Baglamukhi Mandir Nalkheda: आगर। आगर मालवा जिले के नलखेड़ा नगर में स्थित विश्वप्रसिद्ध सिद्धपीठ मां बगलामुखी मंदिर पर बेखौफ होकर गैर कानूनी रूप से बाल भिक्षावृत्ति करवाई जा रही है। शासन का कोई विभाग ना तो इन बाल भिक्षुओं को किसी प्रकार की समझाइश दे रहा है और ना ही कोई अन्य विभाग बाल भिक्षुओं से भिक्षावृत्ति करवा रहे आरोपियों के खिलाफ कार्यवाही कर रहा है।
नव वर्ष के प्रथम दिवस भी बड़ी संख्या में बाल भिक्षुओं के साथ महिलाएं भिक्षावृत्ति करती हुई दिखाई दी। विश्वप्रसिद्ध सिद्धपीठ मां बगलामुखी मंदिर पर गत कुछ वर्षों से बाल भिक्षावृत्ति का गैर कानूनी कार्य जारी है। इस संबंध में कई बार समाचारों का प्रकाशन किया जा चुका है तो कई बार शांति समिति की बैठकों में इन्हें यहां से हटाने का निर्णय लेकर जिम्मेदारों को निर्देशित भी किया जा चुका है। लेकिन आज तक बाल भिक्षुओं को नही हटाया गया है। यही कारण है कि मात्र 5 से 12 वर्ष की आयु के कई दर्जन नाबालिगों के साथ महिलाएं सिद्धपीठ पर भिक्षावृत्ति कर रही हैं।
भीख मांगने के साथ ही भक्तों का सामान भी चुरा लेते हैं
भिक्षावृत्ति के कारण हालात इतने बदतर हो गए है मां बगलामुखी के मंदिर (Maa Baglamukhi Mandir Nalkheda) के निकट जैसे ही कोई भी चौपहिया वाहन आकर रुकता है तो 8 से 10 नाबालिग उसके पीछे दौड लगाकर वाहन में से दर्शनार्थियों को उतरने के पूर्व ही उन्हें घेर लेते हैं। इसी प्रकार दर्शन कर अपने वाहनों से लौटते दर्शनार्थियों के वाहनों के पीछे भी वे भीख मांगते हुवे मंदिर क्षेत्र के बाहर तक जा रहे है।
यही नहीं, यहां भीख मांगने वाले बच्चे मंदिर आने वाले भक्तों के जूते-चप्पल व सामान भी चुरा लेते हैं। सरकार द्वारा मंदिरों, बस स्टैंड आदि सार्वजनिक स्थानों पर इस प्रकार की गैर कानूनी भिक्षावृत्ति रोकने के लिए जागरूकता अभियान भी पूर्व में चलाया गया था लेकिन स्थानीय स्तर पर जिम्मेदारों द्वारा कागजी खानापूर्ति कर अभियान की इतिश्री कर दी गई थी।
सरकारी अधिकारियों की लापरवाही है जिम्मेदार
गौरतलब है कि देश मे भिक्षावृत्ति करना व बाल भिक्षावृत्ति करवाना गैर कानूनी है। बावजूद इसके आज तक इनके खिलाफ कोई कार्यवाही किसी भी विभाग द्वारा नही की गई है। ना ही किसी विभाग द्वारा बाल भिक्षुओं को समझाइश देकर भिक्षावृत्ति का कार्य बंद करवाया गया है। बाल भिक्षुओं के लिए सरकार द्वारा विभिन्न योजनाएं भी चलाई जा रही हैं।
इन योजनाओं के तहत भिक्षावृत्ति का कार्य बंद करवाकर ऐसे बाल भिक्षुओं को योजना का लाभ देते हुए उन्हें शिक्षा व अन्य प्रकार के लाभ दिए जा सकते हैं। लेकिन इस दिशा में भी जिम्मेदार विभाग के अधिकारियों द्वारा आज तक कोई कार्य नही किया गया है। इन्हीं कारणों के चलते विश्व प्रसिद्ध सिद्धपीठ मां बगलामुखी मंदिर (Maa Baglamukhi Mandir Nalkheda) पर प्रतिदिन भिक्षुओं व बाल भिक्षुओं की संख्या बढ़ रही है। इसकी रोकथाम के लिए जिम्मेदार विभाग के अधिकारियों को ईमानदारी से कार्य कर नगर पर लगे बाल भिक्षावृत्ति के दाग को साफ करना चाहिए।
यह भी पढ़ें: