भोपाल में होने जा रही Global Investors Summit के लिए सरकार उठा रही 2 हजार करोड़ कर्ज, कांग्रेस ने साधा निशाना
Madhya Pradesh Government Take Loan भोपाल: 24-25 फरवरी को होने वाली ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट GIS (Global Investors Summit 2025) से पहले प्रदेश सरकार 2 हजार करोड़ रुपए का कर्ज लेगी। 12 साल के लिए यह कर्ज भारतीय रिजर्व बैंक के जरिए 18 फरवरी को लिया जाएगा। प्रदेश के ऊपर 4 लाख करोड़ रुपए से अधिक का कर्ज हो चुका है। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में कही कोई कमी न रह जाए इसको लेकर तैयारियां अंतिम चरण में है।
कमलनाथ ने सरकार पर साधा निशाना
वहीं, मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सरकार को घेरते हुए आरोप लगाया कि बीजेपी सरकार लगातार कर्ज ले रही है। इससे प्रदेश कर्जदार बन रहा है और राजकोषीय घाटा बढ़ने से वित्तीय घाटा बढ़ रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने कहा कि यह दुख की बात है कि कई मामलों में सरकार ने सार्वजनिक संपत्ति बेचकर या लीज पर देकर धन अर्जित करने का प्रयास किया है।
डेवलपमेंट के लिए लिया जा रहा कर्ज- वित्त मंत्री
विपक्ष का जवाब देते हुए उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा ने कहा, "कर्ज (Madhya Pradesh Government Take Loan) विकास की गति को बढ़ाने के लिए निर्धारित मापदंड के अनुसार ही लिया जा रहा है। कांग्रेस के जमाने में कर्ज लेकर वेतन बांटा जाता था। हमारी वित्तीय स्थिति बेहतर है, कर्ज लेकर हम इन्फ्रास्ट्रक्चर पर जोर दे रहे हैं। इससे प्रदेश सरकार का राजस्व भी बढ़ेगा। बेरोजगारों को रोजगार मिलेगा, उद्योग, व्यापार को सकारात्मक माहौल में काम करने दिया जाएगा। निश्चित तौर पर आर्थिक गतिविधियां भी बढ़ेंगी।"
इस वित्तीय वर्ष में 30 हजार करोड़ का कर्ज
बता दें कि, मध्य प्रदेश की मोहन सरकार ने वर्तमान वित्तीय वर्ष इस कर्ज को मिलकर 30 हजार करोड़ रुपए का कर्ज ले लिया है। इस तरह से मध्य प्रदेश सरकार पर 4 लाख करोड़ रुपए से अधिक का कर्ज हो चुका है। इससे पहले 1 जनवरी, 2025 को मध्य प्रदेश सरकार ने 5000 करोड़ रुपए का कर्ज लिया था। इसको लेकर कांग्रेस ने प्रदेश सरकार पर जमकर निशाना साधा था।
कितना ले सकती है सरकार कर्ज?
राजकोषीय उत्तरदायित्व एवं बजट प्रबंधन अधिनियम के प्रावधान के अनुसार, सरकार प्रदेश के जीएसडीपी उत्पाद का तीन फीसदी तक का कर्ज ले सकती है। इसके मुताबिक 2024-25 में सरकार 65 हजार करोड़ रुपए तक कर्ज ले सकती है। जिसका उपयोग विकास परियोजना और आर्थिक गतिविधियों के लिए किया जा सकेगा।
(भोपाल से सरस्वती चंद्र की रिपोर्ट)
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