Mahakaleshwar Ujjain: भगवान महाकालेश्वर का सूर्य और चंद्र अर्पित कर हुआ दिव्य श्रृंगार
Mahakaleshwar Ujjain: उज्जैन। विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में फाल्गुन माह की कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि (शनिवार) तड़के मंदिर के कपाट खोले गए। भगवान महाकाल का सबसे पहले जल से अभिषेक किया गया। इसके बाद दूध, दही, घी, शहद, फलों के रस से बने पंचामृत से अभिषेक पूजन किया। भगवान महाकाल के मस्तक पर त्रिपुंड भूषण अर्पित कर श्रृंगार किया गया।
महाकाल बाबा का हुआ श्रंगार
आज बाबा महाकाल को भस्म चढ़ाई गई। भस्म आरती के दौरान महाकाल को भांग, चन्दन, सिंदूर अर्पित कर कपूर आरती कर भोग लगाया। भगवान महाकाल का त्रिपुंड, सूर्य, चंद्र, रुद्राक्ष, बिल्व पत्र अर्पित कर राजा स्वरूप दिव्य श्रृंगार किया गया। नंदी का पूजन कर गर्भगृह में विराजित माता पार्वती, भगवान गणेश और कार्तिकेय की वंदना की करने के पश्चात भगवान ने शेषनाग का रजत मुकुट, रजत की मुण्डमाल, रुद्राक्ष की माला के साथ सुगंधित पुष्प से बनी फूलों की माला धारण की और फल और मिष्ठान का भोग लगाया गया।
श्रद्धालुओं ने लिया आशीर्वाद
भस्म आरती में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने भगवान का आशीर्वाद प्राप्त किया। शुक्रवार अल सुबह भस्म आरती में सैकड़ों श्रद्धालुओं ने दर्शन कर पुण्य लाभ कमाया। लोगों ने नंदी महाराज का दर्शन कर उनके कान के समीप जाकर अपनी मनोकामनाएं पूर्ण होने का आशीर्वाद मांगा। इस दौरान श्रद्धालु बाबा महाकाल की जयकारे भी लगा रहे थे। पूरा मंदिर बाबा के जयकारे से गुंजायमान हो रहा था। महा निर्वाणी अखाड़े की ओर से भगवान को भस्म अर्पित की गई।
(उज्जैन से संजय पाटीदार की रिपोर्ट)
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