Mahashivratri 2025: शिव नवरात्रि के षष्टम दिवस पर श्री महाकालेश्वर ने श्री होल्कर स्वरुप में भक्‍तों को दिए दर्शन

Mahashivratri 2025: उज्जैन। शिव की महान रात्रि महाशिवरात्रि का पर्व भारत के आध्यत्मिक उत्सवों की सूची में सबसे महत्वपूर्ण मानी जाती है। निराकार से साकार रूप में अवतरण की रात्रि ही महाशिवरात्रि कहलाती है। वह हमें काम, क्रोध, लोभ, मोह, मत्सर...
mahashivratri 2025  शिव नवरात्रि के षष्टम दिवस पर श्री महाकालेश्वर ने श्री होल्कर स्वरुप में भक्‍तों को दिए दर्शन

Mahashivratri 2025: उज्जैन। शिव की महान रात्रि महाशिवरात्रि का पर्व भारत के आध्यत्मिक उत्सवों की सूची में सबसे महत्वपूर्ण मानी जाती है। निराकार से साकार रूप में अवतरण की रात्रि ही महाशिवरात्रि कहलाती है। वह हमें काम, क्रोध, लोभ, मोह, मत्सर आदि विकारों से मुक्त करके परम सुख शान्ति और ऐश्वर्य प्रदान करते हैं। जो इस वर्ष 26 फरवरी 2025 बुधवार को है। श्री महाकालेश्वर मंदिर में शिव नवरात्रि के छठे दिवस संध्या पूजन के पश्चात भगवान श्री महाकालेश्वर ने श्री होलकर स्वरूप में भक्तों को दर्शन दिए।

होल्कर रूप में बाबा ने दिए दर्शन

इसके पहले पुजारी श्री आशीष शर्मा के साथ 11 ब्रा‍हम्‍णों द्वारा श्री कोटेश्वर भगवान के पूजन के पश्चात श्री महाकालेश्वर भगवान का अभिषेक एकादश-एकादशनी रूद्रपाठ से किया गया। पूजन पश्चात भगवान श्री महाकालेश्वर को गहरे गुलाबी रंग के वस्त्र धारण करवाई गई। इसके (Mahashivratri 2025) अतिरिक्त मेखला, दुपट्टा, मुकुट, छत्र, नागकुण्डल, मुण्ड-माला आदि धारण कराई गई। श्री महाकालेश्वर भगवान के श्री होलकर स्वरुप में भगवान ने माँ गंगा को भी धारण किया। भगवान श्री महाकालेश्वर जी के इस अलौकिक दर्शन का पुण्य लाभ श्रद्धालुओं को रात्रि होने वाली शयन आरती तक प्राप्त होता है।

Mahashivratri 2025

संकीर्तन का मिल रहा लाभ

श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति द्वारा इस वर्ष नौ दिवसीय नारदीय कीर्तन हेतु पुणे से राष्ट्रीय कीर्तनकार आयुर्वेदाचार्य डॉ.अजय अपामार्जने का कीर्तन प्रतिदिन सायं 05 से 06 बजे तक मन्दिर परिसर मे नवग्रह मन्दिर के पास संगमरमर के चबूतरे पर हो रहा है। हरिकीर्तन के छठे दिन डॉ. अपामर्जने ने संतश्रेष्ठ ब्रहमानंद महाराज के भजन से कीर्तन का प्रारंभ हुआ। डॉ. अपामर्जने ने कहा कि संत ही है जो हमें सर्वशेस्थ मार्ग दर्शन एवं परामर्श देते है क्योंकि वह निस्वार्थ होते हैं। उन्हें हमारे परम कल्याण की चिंता होती है। वह हमारा यह लोक व परलोक साधने का दिव्य गुरुमंत्र देते हैं। कथा के दौरान तबला पर संगत श्री श्रीधर व्यास ने की। रविवार 23 फरवरी 2025 को शिवनवरात्रि के सप्तम दिवस भगवान श्री महाकालेश्वर जी श्री मनमहेश स्वरूप में दर्शन देंगे।

(उज्जैन से विश्वास शर्मा की रिपोर्ट)

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