Mahashivratri Celebration Ujjain: उज्जैन में पहली बार होगा ड्रोन शो का आयोजन, भगवान शिव की उकेरी जाएगी आकृतियां

Mahashivratri Celebration Ujjain: उज्जैन। महाशिवरात्रि (26 फरवरी) पर महाकाल नगरी उज्जैन में आसमान में भगवान शिव की आकृति और उनसे जुड़े प्रतीक चिह्न रंगारंग रूप में दिखाई देंगे।
mahashivratri celebration ujjain  उज्जैन में पहली बार होगा ड्रोन शो का आयोजन  भगवान शिव की उकेरी जाएगी आकृतियां

Mahashivratri Celebration Ujjain: उज्जैन। महाशिवरात्रि (26 फरवरी) पर महाकाल नगरी उज्जैन में आसमान में भगवान शिव की आकृति और उनसे जुड़े प्रतीक चिह्न रंगारंग रूप में दिखाई देंगे। मध्यप्रदेश सरकार के आयोजन विक्रमोत्सव के शुभारंभ दिवस पर संध्या के समय ड्रोन शो के माध्यम से ये अनुपम दृश्य दिखाई देंगे। उज्जैन के आसमान में एक साथ हजारों ड्रोन उड़कर भगवान शिव की अलग अलग आकृति बनाएंगे।

उज्जैन में होगा यह शो 

ड्रोन शो का एक अद्भुत नज़ारा उज्जैन में पहली बार लोगों को देखने को मिलेगा। इस तरह के शो विदेशों और बड़े शहरों में आयोजित होते हैं। उज्जैन से शुरू होने वाले 125 दिनों के विक्रमोत्सव के शुभारंभ समारोह में संस्कृति विभाग के अंतर्गत महाराजा विक्रमादित्य शोधपीठ द्वारा यह उत्सव आयोजित होगा। मुख्य समारोह के दौरान ड्रोन शो होगा, जिसमें एक हजार से अधिक ड्रोन आसमान में उड़ाए जाएंगे और इनके माध्यम से महादेव भगवान शिव की आकृतियां बनाई जाएंगी। ड्रोन शो के प्रभारी डॉ. अनिल कोठारी ने बताया शो के लिए एक टीम उज्जैन आएगी। मध्यप्रदेश में पहली बार यह शो आयोजित किया जा रहा है। इसकी तैयारी की जा रही है।

Mahashivratri Celebration Ujjain

क्या है ड्रोन शो

कई ड्रोन को एक साथ उड़ाकर आकाश में मनोरम पैटर्न, आकार, और एनिमेशन दिखाना होता है। ड्रोन को कंप्यूटर प्रोग्राम के जरिए कंट्रोल किया जाता है। ड्रोन शो को रात में किया जाता है। फिलहाल, यह तय नहीं किया गया कि ड्रोन शो कहां होगा? यह आतिशबाजी का एक बेहतर विकल्प होता है। ड्रोन शो को संगीत के साथ भी सिंक्रोनाइज किया जाता है। ड्रोन को एलईडी लाइट से लैस किया जाता है। स्मोकपॉड, लेजऱ, या लाइट बीम से भी लैस किया जा सकता है। इंजीनियरों और डिजाइनरों की टीम के माध्यम से शो होता है।

श्रीराम तिवारी, निदेशक महाराजा विक्रमादित्य शोधपीठ उज्जैन ने कहा कि ,विक्रमोत्सव के शुभारंभ समारोह के अंतर्गत ड्रोन शो करने का निर्णय लिया गया है। उज्जैन से आरंभ हुआ विक्रमोत्सव अब देश और दुनिया में अपनी पहचान बना रहा है।

(उज्जैन से संजय पाटीदार की रिपोर्ट)

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