Makar Sankranti 2025: खरगोन में नवग्रह मंदिर में उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब, मां नर्मदा नदी में लोग लगा रहे आस्था की डुबकी

Makar Sankranti 2025 भोपाल: देश के विभिन्न राज्यों में मकर संक्रांति, उत्तरायण, बिहू और पोंगल त्योहार धूमधाम से मनाया जा रहा है। मकर संक्रांति को लेकर मध्य प्रदेश के लोगों में खासा उत्साह देखने को मिल रहा है। लोग सुबह से...
makar sankranti 2025  खरगोन में नवग्रह मंदिर में उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब  मां नर्मदा नदी में लोग लगा रहे आस्था की डुबकी

Makar Sankranti 2025 भोपाल: देश के विभिन्न राज्यों में मकर संक्रांति, उत्तरायण, बिहू और पोंगल त्योहार धूमधाम से मनाया जा रहा है। मकर संक्रांति को लेकर मध्य प्रदेश के लोगों में खासा उत्साह देखने को मिल रहा है। लोग सुबह से पवित्र नदियों में आस्था की डुबकी लगा रहे हैं और दान-पुण्य कर रहे हैं। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भी प्रदेशवासियों को मकर संक्रांति की बधाई दी है।

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने दी मकर संक्रांति की बधाई

सीएम मोहन यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा है, "सूर्य उपासना के पावन पर्व मकर संक्रांति की आप सभी को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं। प्रकृति पूजन का यह पर्व आप सभी के जीवन में नई ऊर्जा, उल्लास लेकर आए, भगवान सूर्यदेव आपको आरोग्यता और समृद्धि प्रदान करें, यही कामना करता हूँ।"

MP में आनंद उत्सव 2025

मध्य प्रदेश में मकर संक्रांति पर्व से आनंद उत्सव शुरू हो गया है। इस खास मौके पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा है, "आज से 28 जनवरी तक गांव-गांव, घर-घर में होगा उत्सव का वातावरण; चारों ओर बिखरेंगी खुशियां, हर चेहरे पर होगी मुस्कान। आप भी इस उत्सव से जुड़कर अपने साथ-साथ दूसरों के जीवन में भी आनंद के रंग भरिए।"

मकर संक्रांति पर नवग्रह मंदिर में श्रद्धालुओं का तांता

मकर संक्रांति के पर्व को लेकर खरगोन में स्थित प्राचीन नवग्रह मंदिर में सुबह से ही श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ रहा है। मकर संक्रांति पर धार्मिक महत्व के चलते दिन भर मेले जैसा माहौल रहता है। श्रद्धालु लंबी-लंबी कतार में लगकर भगवान नवग्रह के दर्शन कर रहे हैं। मकर संक्रांति पर नवग्रह मंदिर में करीब एक लाख श्रद्धालुओं का पहुंचने का अनुमान है। ऐसी धार्मिक मान्यता है कि आज के दिन दर्शन करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। मकर संक्रांति पर प्रदेश ही नहीं बल्कि महाराष्ट्र, गुजरात समेत देश के कोने-कोने से श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं।

Makar Sankranti 2025

ऐसे मिलता है भगवान नवग्रह का विशेष आशीर्वाद मिलता

मान्यता है कि, सूर्य की अगवानी का पर्व यानी मकर संक्रांति पर (Makar Sankranti 2025) सूर्य प्रधान नवग्रह मंदिर में दर्शन मात्र से ही भगवान नवग्रह का विशेष आशीर्वाद मिलता है। गर्भगृह में भगवान सूर्यनारायण की मूर्ति मंदिर में बीच में विराजित है। मकर संक्रांति के दिन प्राचीन नवग्रह मंदिर में सूर्योदय से पहले ही भक्तों का तांता लग जाता है। मकर संक्रांति पर दान पुण्य का भी  विशेष महत्व है।

भगवान उड़ाते हैं पतंग!

बुरहानपुर जिले में मकर संक्रांति को लेकर लोगों में खासा उत्साह है। मान्यता है कि शहर के सिलमपुरा वार्ड स्थित प्राचीन श्री स्वामीनारायण मंदिर में भी भगवान मकर संक्रांति के अवसर पर पतंग उड़ाते हैं। मान्यता के अनुसार, आज के दिन भगवान राम ने भी खूब पतंग उड़ाई थी। इसी तर्ज पर भगवान स्वामीनारायण और लक्ष्मीनारायण देव ने पतंग उड़ाई। इसके बाद भगवान ने भक्तों को विशेष दर्शन दिए।

Makar Sankranti 2025

दर्शन मात्र से पूरी होती है मनोकामना!

भक्तों के अनुसार, भगवान स्वामीनारायण ने भी मकर संक्रांति के अवसर पर पतंगबाजी की है। उन्होंने अपने हाथों में पतंग की डोर थामकर पतंग उड़ाई। आज के दिन भगवान ने हजारों भक्तों को अनोखे अंदाज में दर्शन दिए। मकर संक्रांति के दिन भगवान सांकेतिक रूप से पतंग उड़ाते हैं। मान्यता है कि आज के दर्शन का विशेष महत्व होता है। इस दिन दर्शन मात्र से भक्तों के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। परिवार में सुख-समृद्धि की बनी रहती है। यही वजह है कि आज के दिन भारी संख्या में श्रद्धालु दर्शन लाभ लेने पहुंचते हैं।

मकर संक्रांति पर मां नर्मदा नदी में आस्था की डुबकी

सूर्य देव के उत्तरायण में आने का पर्व मकर संक्रांति मां नर्मदा की नगरी नर्मदापुरम में परंपरागत भक्ति भाव के साथ मनाया जा रहा है। मकर संक्रांति पर्व पर मां नर्मदा नदी में स्नान के लिए सुबह से मां नर्मदा के घाटों पर श्रद्धालुओं के पहुंचने का सिलसिला जारी है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, मकर संक्रांति पर्व काल सुबह 9.30 बजे से प्रारंभ होकर शाम 5.30 बजे तक रहेगा।

Makar Sankranti 2025

मकर संक्रांति पर स्नान और दान का विशेष महत्व

मकर संक्रांति के दिन से विवाह आदि मांगलिक कार्य शुरू हो जाते हैं। ज्योतिष के अनुसार इस दिन सूर्य धनु राशि से मकर और दक्षिणायन से उत्तरायण में आ जाते हैं। संक्रांति पर्व पर नदियों और पवित्र तीर्थों स्थानों पर स्नान और दान करने से पापों से मुक्ति मिलती है। मकर संक्रांति पर तिल दान का विशेष महत्व होता है।

ये भी पढ़ें: Ahilya Award Honours: अहिल्या पुरस्कार से सम्मानित हुए रामजन्म भूमि आंदोलन प्रमुख चंपत राय

ये भी पढ़ें: Dhirendra Krishna Shastri: कुंभ की जमीन किसी के अब्बा की नहीं हमारे बब्बा की है: बागेश्वर सरकार

Tags :

.