Mann Ki Baat: छतरपुर और डिंढौरी के गांवों की महिलाओं ने कर दिखाया ऐसा करिश्मा कि पीएम मोदी को करनी पड़ी उनकी तारीफ
Mann Ki Baat: छतरपुर। प्रधानमंत्री मोदी ने आज रविवार को 'मन की बात' कार्यक्रम में मध्य प्रदेश के छतरपुर और डिंडौरी जिले के दो गांवों की महिलाओं की प्रशंसा करते हुए इसे अद्भुत उदाहरण बताया। उन्होंने कहा कि मुझे मध्य प्रदेश के दो बड़े ही प्रेरणादायी प्रयासों की जानकारी मिली है। पीएम मोदी ने अपने 'मन की बात' (Mann Ki Baat) संबोधन में डिंडौरी के शारदा आजीविका स्वयं सहायता समूह और छतरपुर के स्वयं सहायता समूह के प्रयासों की सराहना की।
सीएम मोहन यादव ने भी ट्विटर पर शेयर किया वीडियो
पीएम मोदी द्वारा राज्य के दो गांवों की महिलाओं के स्वयं सहायता समूहों की प्रशंसा किए जाने के बाद राज्य के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भी अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर एक वीडियो शेयर किया। वीडियो का कैप्शन देते हुए उन्होंने लिखा, “मध्यप्रदेश के डिंडोरी और छतरपुर में महिलाओं द्वारा जल संरक्षण के लिए किये जा रहे प्रयास बहुत सराहनीय व प्रशंसनीय हैं ... मुझे पूरा भरोसा है कि आप सभी देशवासी अपने आसपास हो रहे ऐसे प्रयासों से जरूर जुड़ेंगे।”
छतरपुर में गांव की महिलाओं ने किया तालाब का जीर्णोद्धार, उगाया फूड फॉरेस्ट
छतरपुर जिले के खौंप गांव में महिलाओं के स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने एक प्राचीन कालीन तालाब को खोद कर उसकी गाद (खाद) निकाल कर बंजर जमीन में उसको डाला। इस भूमि में फूड फॉरेस्ट योजना के तहत फलदार पौधों का वृक्षारोपण किया गया। अब बड़े होकर इनमें फल आ गए हैं और इनके जरिए महिलाएं अपनी आर्थिक स्थिति भी सुधार रही हैं। इसके साथ ही तालाब का भी जीर्णोद्धार हुआ और उसमें पानी भर कर फिश फार्मिंग करने लगी। इस तरह एक पंथ दो काज हो गए।
यह फूड़ फॉरेस्ट लगभग 6 एकड़ जमीन में लगाकर तैयार किया गया है। इस पूरे काम को करने में खौंप गांव की हरी बगिया समिति समूह की लगभग 10 सदस्यीय महिलाओं के द्वारा इस काम को किया गया है। जब प्रधानमंत्री मोदी द्वारा खौंप गांव की महिलाओं एवं उनके स्वयं सहायता समूह हरी बगिया की तारीफ की गई तब महिलाओं ने स्वयं के ऊपर गर्व अनुभव किया। महिलाओं का कहना है कि यह बहुत बड़े गौरव की बात है कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा उनके काम की सराहना की गई है और उनकी तारीफ मन की बात कार्यक्रम में की गई है।
कलेक्टर संदीप जीआर ने दिया महिलाओं का साथ
इस पूरे प्रोजेक्ट में तत्कालीन छतरपुर कलेक्टर संदीप जी आर ने ही जल संरक्षण और फूड फॉरेस्ट के लिए पहल की थी। बाद में भी उनके द्वारा खौंप गांव का लगातार निरीक्षण किया जाता था। उन्हीं के प्रयासों और सहायता के कारण महिलाओं ने इसे चैलेंज को पूरा कर दिखाया। यहां के प्राचीन कालीन तालाब को भी खोदकर उसमें जल संरक्षण का कार्य के साथ 6 एकड़ जमीन में लगभग 2300 फलदार पौधों का रोपण भी कलेक्टर के प्रयास से ही हो पाया है।
आपको बता दें कि यह जमीन पहले एक दबंग के पास थी परंतु कलेक्टर ने उसके पास से भूमि को मुक्त करवा कर स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को फूड फॉरेस्ट के लिए दिया था। कलेक्टर के द्वारा लगातार साइकिल से इस गांव का निरीक्षण किया जाता था। इसके साथ ही गांव के सरपंच सचिव ने भी महिलाओं को इस कार्य के लिए प्रेरित किया।
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