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Allegations Against Narottam Mishra: व्यापम, ई-टेंडर से लेकर अनैतिक संबंधों तक, हर घोटाले के सूत्रधार हैं नरोत्तम मिश्रा - राजेंद्र भारती

Allegations Against Narottam Mishra: भारती ने नरोत्तम मिश्रा पर भ्रष्टाचार, आपराधिक गतिविधियों और अनैतिकता के आरोप लगाते हुए कहा कि उनके खिलाफ विस्तृत जांच होनी चाहिए।
09:07 PM Jan 06, 2025 IST | Saraswati Chandra

Allegations Against Narottam Mishra: भोपाल। कांग्रेस नेता व दतिया विधायक राजेंद्र भारती ने भाजपा नेता और पूर्व गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा पर गंभीर आरोप लगाए। भारती ने मिश्रा पर भ्रष्टाचार, आपराधिक गतिविधियों और अनैतिकता के आरोप लगाते हुए कहा कि उनके खिलाफ विस्तृत जांच होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि मिश्रा ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए कई मामलों में राज्य के संसाधनों का दुरुपयोग कर जनता को धोखा दिया है।

सौरभ शर्मा प्रकरण से जोड़ा नरोत्तम का नाम

भारती ने कहा कि हाल ही में चर्चा में आए परिवहन विभाग के भ्रष्ट आरक्षक सौरभ शर्मा का मुद्दा उठाया। उन्होंने आरोप लगाया कि सौरभ शर्मा को अनुकंपा नियुक्ति दिलाने और उसके बाद दतिया की चूरूला बेरियर पर पोस्टिंग कराने में नरोत्तम मिश्रा की प्रत्यक्ष भूमिका रही है। यहीं से मिश्रा ने शर्मा के द्वारा करोड़ो रूपए की वसूली एवं लूट शुरू कराई। यह मामला केवल एक उदाहरण है। राजेंद्र भारती ने कहा कि मिश्रा के ऐसे दर्जनों भ्रष्ट अधिकारियों और कर्मचारियों से संबंध हैं। भारती ने इस मामले को प्रदेश में बढ़ते राजनीतिक संरक्षण के एक उदाहरण के रूप में पेश किया। उन्होंने कहा कि जब भ्रष्ट मामूली आरक्षक के पास इतना पैसा और संपत्ति है। तो सोचिए इनकी पोस्टिंग और संरक्षण देने वाले नरोत्तम मिश्रा के पास कितनी काली कमाई होगी, इसकी जांच होनी चाहिए।

ई-टेंडर और व्यापम घोटाले में मिश्रा की भूमिका

कांग्रेस नेता ने कहा कि नरोत्तम मिश्रा के तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री रहते हुए उन्होंने कई फर्जीवाड़े करवाए। दतिया सहित प्रदेशभर में स्वास्थ्य विभाग में फर्जी भर्तियां और ट्रांसफर किए गए। उनमें से अधिकांश फर्जी कर्मचारियों का वेतन यूनिक कोड से कराया गया। भारती ने इसी प्रकार, भ्रष्टाचार और ई-टेंडर घोटाले में नरोत्तम मिश्रा की कथित संलिप्तता का आरोप लगाया। भारती ने कहा कि व्यापम घोटाले, जिसने प्रदेश की छवि को धूमिल किया, उसमें भी नरोत्तम मिश्रा की अहम भूमिका रही है। मिश्रा ने इन घोटालों के माध्यम से न केवल धन अर्जित किया बल्कि प्रदेश के युवाओं के सपनों के साथ खिलवाड़ किया।

इससे पहले आयकर विभाग की टीम ने मुकेश शर्मा के यहां छापा मारा था, जिसमें बरामद दस्तावेजों से पता लगा कि दो अलग-अलग कंपनियों से नरोत्तम मिश्रा ने 27 करोड़ रूपए के लगभग रिश्वत ली और उस पैसे से भोपाल में जमीन खरीदी। उस पैसे का ट्रांजेक्शन डबरा, भितरवार से फर्जी किसानों के नाम पर डाला गया था। जो रिपोर्ट में उजागर है। भारती ने कहा कि नरोत्तम मिश्रा के छोटे पुत्र अंशुमान मिश्रा की कंपनी डाबर अल्कोब्रू प्राइवेट लिमिटेड, गैलेक्टिक इंफ्राटेक प्राइवेट लिमिटेड, संसाई प्रोप्राइटर्स एंड होटल प्राइवेट लिमिटेड के नाम से तीनों कंपनी में काली कमाई को सफेद किया जा रहा है।

भ्रष्टाचार के लगाए कई आरोप 

इसके अलावा विधायक राजेंद्र भारती ने कहा कि डाबर में नरोत्तम मिश्रा और उनके परिवार ने नवग्रह मंदिर बनाकर एक निजी ट्रस्ट बनाया। इसमें अकूत काली कमाई को सफेद करने का भगवान की आड़ में खेल खेला जा रहा है। डबरा शुगर फेक्ट्री जिसकी जमीन सरकारी हो चुकी है। उस पर नरोत्तम ने अवैध कब्जा बना रखा है। इसी तरह से दतिया में नरोत्तम के परिवारजनों ने दिनारा रोड पर वन विभाग की जमीन पर कुशवाहा की और शासकीय जमीन पर अवैध कब्जा कर भवन बना लिया है।

कोमल अग्रवाल की मौत निजी जीवन पर सवाल

राजेंद्र भारती ने डबरा निवासी कोमल अग्रवाल का मामला उठाते हुए नरोत्तम मिश्रा के निजी जीवन पर गंभीर सवाल खड़े किए। उन्होंने हाथ में एक तस्वीर दिखाते हुए कहा कि नरोत्तम मिश्रा यह स्पष्ट करें कि कोमल अग्रवाल से उनके क्या संबंध थे और उनकी संदिग्ध मौत का कारण क्या है? यदि यह संबंध सामान्य था तो उन्होंने इस मुद्दे पर चुप्पी क्यों साध रखी है? भारती ने कहा कि एक जगत विजन नामक पत्रिका में इस मामले की तस्वीर सहित रिपोर्ट प्रकाशित हुई थी लेकिन मिश्रा ने इस पर कभी सफाई नहीं दी। पता नहीं नरोत्तम मिश्रा ने कितने अन्य का जीवन बर्बाद किया है?

संपत्ति और परिवार पर लगाए गंभीर आरो

राजेंद्र भारती ने आरोप लगाया कि चिटफंड कंपनियों एवं सहारा कम्पनी में जिन लोगों का अरबों रूपए लगा है, उनके नाम से नरोत्तम मिश्रा ने सुब्रत राय सहारा से धोखाधड़ी कर उनकी जमीन फर्जी नाम से खरीदी। जाली नोटों और अन्य भ्रष्ट तरीकों से बेहिसाब संपत्ति अर्जित की। उन्होंने कहा कि पूर्व गृह मंत्री के पास अकूत संपत्ति है, जिसकी जांच होनी चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने अपने अपात्र बड़े भाई आनंद मिश्रा को जीवाजी विश्वविद्यालय का रजिस्ट्रार बनवाया, जो स्पष्ट रूप से नियमों का उल्लंघन है।

शम्भू तिवारी की मौत, इंजन में आग 

दतिया के पूर्व विधायक शम्भू तिवारी की संदिग्ध मौत पर भी भारती ने नरोत्तम मिश्रा पर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि नरोत्तम मिश्रा और शम्भू तिवारी के बीच खींचतान थी। इसकी वजह से उनकी मौत हुई। इस मामले का सच दतिया की जनता जानती है लेकिन अब इसे सार्वजनिक किया जाना चाहिए। भारती ने कहा कि डबरा में रेल इंजन में आग लगाने का आरोप भी नरोत्तम मिश्रा पर है। इसके अलावा उन्होंने आरोप लगाया कि मिश्रा के शार्प शूटर समीर और तत्कालीन पुलिसकर्मी धनेंद्र भदौरिया से गहरे संबंध रहे हैं। भारती ने कहा कि धनेंद्र भदौरिया को सालों तक बसई थाने में पोस्टिंग मिली, जो मिश्रा के प्रभाव का परिणाम है।

शराब कारोबारी और फ़िल्म इंडस्ट्री में की वसूली

नरोत्तम मिश्रा का नाम शराब कारोबारियों के साथ संदिग्ध लेन-देन में सामने आया था। जानकारी के अनुसार, करोड़ों रूपए का लेन-देन हुआ, जिसमें मिश्रा के करीबी लोग शामिल थे। इसके अलावा फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े लोगों पर दबाव बनाने और उनसे जबरन वसूली के आरोप भी लगे। नरोत्तम मिश्रा के करीबी लोगों पर फ़िल्म इंडस्ट्री के व्यक्तियों से जबरन वसूली और दबाव बनाने के आरोप लगे हैं, जिसमें उनकी मिली भगत भी रही है। जब मुंबई फिल्म इंडस्ट्री को यह जानकारी मिली कि मध्य प्रदेश के गृह मंत्री इस तरह की गतिविधियों में शामिल हैं, तो भाजपा के नेताओं तक शिकायतें पहुंची।

पार्टी के भीतर इस मामले को लेकर असंतोष बढ़ा लेकिन इसे दबाने की कोशिश की गई। आप सब यह जानते है कि नरोत्तम मिश्रा के मंत्री पद से हटते ही मध्य प्रदेश से फिल्म बायकॉट/ ब्लैकमेलिंग गैंग पूरी तरह गायब हो गई। बायकट गैंग का सरगना, और यह गैंग नरोत्तम के पॉवर से हटते ही पूरे देश से गायब हो गई, तो सोचिए कितना बड़ा नेटवक्र चला रहे थे। खुद प्रधानमंत्री मोदी भी ऐसी गैंग और उनके सरगना का विरोध कर चुके हैं।

मुख्यमंत्री से जांच की मांग

राजेंद्र भारती ने देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से आग्रह किया है कि इन सभी मामलों की निष्पक्ष जांच कराई जाए। उन्होंने कहा कि नरोत्तम मिश्रा जैसे नेता का भ्रष्टाचार और अनैतिक आचरण प्रदेश के लिए गंभीर खतरा है। प्रदेश के मुख्यमंत्री को इस मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए और सख्त कार्रवाई करना चाहिए।

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