MLA Sanjay Pathak: जमीन घोटाले में घिरे भाजपा विधायक, 1000 करोड़ की जमीन 90 करोड़ में खरीदी, EOW करेगी जांच
MLA Sanjay Pathak: भोपाल। कटनी जिले के विजयराघवगढ़ से भाजपा विधायक संजय पाठक इन दिनों नई मुश्किल में पड़ गए हैं। उनकी कंपनियों के खिलाफ चल रही जांच में ऐसी कई जानकारियां सामने आई हैं जिनके चलते उनके खिलाफ जांच शुरू हो सकती है। मध्य प्रदेश सरकार की जांच एजेंसी आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) इस संबंध में विस्तृत जांच-पड़ताल में जुटी हुई है।
सहारा सिटी की जमीन से जुड़ा है मामला
दरअसल सहारा इंडिया रियल स्टेट कॉर्पोरेशन लिमिटेड और सहारा हाउसिंग कॉर्पोरेशन इंवेस्टमेंट ग्रुप ने निवेशकों से पैसा एकत्रित कर सहारा सिटी बनाने की योजना बनाई थी। इसके लिए कई शहरों में जमीनें भी खरीदी गई हालांकि बाद में कंपनी के खिलाफ सेबी की जांच शुरू हो गई और मामला खटाई में पड़ गया। निवेशक अपने पैसे वसूलने के लिए कोर्ट में पहुंचे। वर्ष 2014 में सेबी और सुप्रीम कोर्ट दोनों ने ही सहारा समूह को निवेशकों का पैसा लौटाने का आदेश दिया तथा कंपनी को अपनी जमीनें भी बेचने की परमिशन दी गई।
1000 करोड़ रुपए की जमीन महज 90 करोड़ में खरीदने के लगे आरोप
इन्हीं जमीनों की खरीद-फरोख्त को लेकर संजय पाठक (MLA Sanjay Pathak) जांच के लपेटे में आ गए हैं। उनके खिलाफ समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. मनोज यादव ने अरबों की जमीन कौड़ियों के भाव खरीदने के आरोप लगाए हैं। यादव ने कहा कि सहारा समूह की कंपनियों से जुड़ी जमीनों को पाठक ने नाम मात्र की कीमत देकर खरीदा और रजिस्ट्री करवाने में भी जमकर स्टाम्प ड्यूटी की चोरी की गई। यादव ने पाठक पर कुल 1000 करोड़ रुपए की कीमत वाली 310 एकड़ जमीन मात्र 90 करोड़ रुपए में खरीदने के आरोप लगाए थे।
भोपाल, जबलपुर और कटनी में खरीदी गई थी जमीनें
सपा प्रदेश अध्यक्ष ने मध्य प्रदेश सरकार में पूर्व मंत्री और अभी विजयराघवगढ़ विधायक संजय पाठक (Katni MLA Sanjay Pathak) के खिलाफ 15 जनवरी को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए बड़े आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि पाठक ने भोपाल, जबलपुर और कटनी में सहारी समूह की 310 एकड़ जमीन औने-पौने दामों पर खरीदी है। इन जमीनों की कीमत 1000 करोड़ रुपए से अधिक थी लेकिन पाठक ने इन्हें मात्र 90 करोड़ में ही खरीद लिया। इसके साथ ही सहारा सिटी बनाने के लिए जो जमीनें रेजिडेंशियल परपज में काम आनी थी उन्हें एग्रीकल्चर लैंड में रजिस्ट्री करवाई गई और सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचाया गया।
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