MP Assembly Session: बीजेपी-कांग्रेस में अनुच्छेद-30 को लेकर टकराव की स्थिति, जानिए पूरा मामला
MP Assembly Session: सदन में अल्पसंख्यकों के मुद्दे पर एक संकल्प पत्र लाने पर बीजेपी और कांग्रेस पार्टियां आमने-सामने आ गई हैं। बीजेपी विधायक अभिलाष पांडेय ने अशासकीय संकल्प में अल्पसंख्यकों को धार्मिक आधार पर शैक्षणिक संस्थाओं को खोलने की अनुच्छेद-30 को खत्म किए जाने वाले बयान पर सियासी माहौल गर्मा गया है।
अशासकीय संकल्प में अनुच्छेद 30 को खत्म करने के समर्थन में पूरी बीजेपी हैं जबकि कांग्रेस विधायक कह रहे हैं कि ये सब बीजेपी के हथकंडे हैं, जिससे भ्रष्टाचार, घोटाले और बेरोजगारी से ध्यान भटकाया जा सके। इस मुद्दे को लेकर शुक्रवार को राज्य विधानसभा में माहौल काफी गर्माया हुआ है।
अनुच्छेप 30 को हटाए जाने के संकल्प पर उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा, "इस देश में अनुच्छेद 29 और 30 का दुरुपयोग हो रहा है। अब समय आ गया है कि इनका रिव्यू किया जाना चाहिए। जिस शैक्षणिक संस्था में 51 फीसदी से अधिक बच्चे पढ़ते हैं उसे अल्पसंख्यक माना जाना चाहिए। ऐसा नहीं होना चाहिए कि अगर उसे कोई अल्पसंख्यक संचालित कर रहा है तो उसे संस्था पेटे के लाभ मिले।"
अवैध मदरसों पर लगाम लगनी चाहिए- उच्च शिक्षा मंत्री
उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा, "अल्पसंख्यक का दर्जा लोगों के जीवन स्तर सुधारने के लिए दिया गया है ना कि व्यवसाय में लाभ कमाने के लिए। जो मदरसे सरकार की देखरेख में चल रहे हैं उनकी कोई बात नहीं, लेकिन जो अवैध तौर पर संचालित हो रहे हैं उन पर नकेल कसी जानी आवश्यक है। हम इस मामले में मूक दर्शक बनकर नहीं बैठ सकते हैं।"
मदरसों में देश-विरोधी ताकतों को बढ़ावा दिया जाता है- उषा ठाकुर
इस मुद्दे पर बीजेपी विधायक ऊषा ठाकुर ने कहा, "मदरसों को बंद करना ठीक है। छोटे से कमरे में कई सारे बच्चे रहते हैं। कई मदरसे बोर्ड और शिक्षा मंडल की बिना अनुमति के चल रहे हैं। असम में मदरसों पर सख्ती सही थी। उसी की तर्ज पर मध्य प्रदेश में भी मदरसों को बंद किया जाना चाहिए। मदरसों में देश-विरोधी गतिविधियों को बढ़ावा दिया जाता है।"
मजहब के आधार पर नहीं मिलनी चाहिए शिक्षा- रामेश्वर शर्मा
विधायक रामेश्वर शर्मा ने कहा, "शिक्षा मजहब के आधार पर नहीं मिलनी चाहिए। शिक्षा सभी के लिए समान होनी चाहिए। हम मदरसा शिक्षा का विरोध करते हैं। मदरसों के जरिए नया तालिबान खड़ा करने की कोशिश को बंद किया जाना चाहिए।"
मुद्दों से ध्यान भटकाने का प्रयास- जयवर्धन सिंह
इस मुद्दे पर कांग्रेस का विचार पूरी तरह से विपरित हैं। कांग्रेस नेता जयवर्धन सिंह ने इस मुद्दे पर कहा, "बीजेपी ये सब मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए करती है। अभी घोटाले, भ्रष्टाचार और बुजुर्गों को पेंशन नहीं दी जा रही है। युवाओं को रोजगार नहीं मिल रहा है। सरकार इन सब मुद्दों पर कुछ नहीं कर रही है। सरकार ये सब लोगों का ध्यान भटकाने के लिए कर रही है।"
क्या है अनुच्छेद 30?
भारतीय संविधान के भाग-3 में अनुच्छेद 30 का वर्णन किया गया है। इसमें अल्पसंख्यकों के शैक्षणिक संस्थानों की स्थापना और प्रशासन के अधिकारों का वर्णन किया गया है। इसे 'शैक्षणिक विशेषाधिकारों का संविधान' भी कहा जाता है। अनुच्छेद 30 अल्पसंख्यक समुदायों के अपने पसंदीदा शैक्षणिक संस्थानों को विकसित करने और प्रबंधित करने के अधिकारों की रक्षा करता है।
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