MP Atithi Shikshak: अतिथि शिक्षकों पर दिए बयान को लेकर जीतू पटवारी का सरकार पर हमला, गरमाई सियासत
MP Atithi Shikshak: भोपाल। मध्य प्रदेश के स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह के अतिथि शिक्षकों को लेकर दिए गए बयान पर सियासत लगातार गर्माती जा रही है। अब इस मुद्दे पर बोलते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने उनसे माफी मांगने की मांग की है। पटवारी ने कहा कि अतिथि शिक्षकों (MP Atithi Shikshak) को व्यवस्था बनाने के लिए रखा जाता है। परन्तु अभी शिक्षकों को अपमानित करने का काम किया जा रहा है। शिक्षकों के इस अपमान के लिए शिक्षा मंत्री को माफी मांगनी चाहिए।
अतिथि शिक्षकों को लेकर ये कहा था स्कूल शिक्षा मंत्री ने
उल्लेखनीय है कि स्कूल शिक्षा मंत्री राव उदय प्रताप ने कहा था “अतिथि शिक्षकों के हितों की रक्षा करेंगे लेकिन उनकी उपयोगिता भी देखी जाएगी। इनका नाम ही अतिथि है, आप मेहमान बनकर आओगे तो क्या घर पर कब्जा करोगे। जहां शिक्षक कम हैं, वहां उनकी सेवा ली जाती है। अतिथि शिक्षकों के हितों की चिंता विभाग कर रहा है, सरकार को उनके हितों की चिंता है। जहां शिक्षकों की पूर्ति होगी, वहां उनका उपयोग कैसे करेंगे।”
उच्च शिक्षा मंत्री राव उदय प्रताप ने कहा था कि अतिथियों को नियमित नही किया जा सकता। उन्होंने कहा कि इस तरह हंगामा करके ये शिक्षक क्या संदेश देना चाहते हैं, उन्हें कहा था कि अतिथि हो, मेहमान बनकर आए हो तो क्या घर पर कब्जा कर लोगे। इसके बाद अतिथि शिक्षकों ने मंत्री को मांफी मांगने को कहा और चेतावनी दी कि राजधानी को एक बार फिर घेरा जायेगा।
यह है पूरा मामला
राज्य के स्कूल शिक्षा विभाग का मानना है कि प्रदेश में करीब 75 हजार अतिथि शिक्षक हैं। इनमें से 55 हजार अतिथि शिक्षक स्कूलों में पढ़ा रहे हैं, तथा करीब 15 हजार अतिथि शिक्षकों को भी एडजस्ट कर दिया गया है। अब जो आंदोलन कर रहे हैं, उनकी संख्या कुछ हजार हैं और ऐसे में इन शिक्षकों को लेकर सरकार जल्द फैसला करेगी। उल्लेखनीय है कि बाहर किए गए यही अतिथि शिक्षक आंदोलन कर रहे हैं। इस महीने अतिथि शिक्षकों ने राजधानी भोपाल आकर बड़ा आंदोलन किया और अपनी मांगों को पूरा करने के लिए सरकार पर दवाब बनाया था।
शिक्षा मंत्री ने कहा, शिक्षकों की चल रही है काउंसलिंग
आंदोलन को देखते हुए सरकार ने प्रतिनिधि मंडल को बुलाया और बातचीत भी की। इनकी मांग है कि स्कूलों से एक भी अतिथि शिक्षक (MP Atithi Shikshak) को नहीं हटाया जाना चाहिए और उनका नियमितीकरण करना चाहिए। जबकि अतिशेष शिक्षकों को लेकर स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह ने बताया कि युक्तियुक्त होने से शिक्षकों की पूर्ति हो गई है। अब बच्चों की पढ़ाई प्रभावित नहीं होगी। जहां स्कूलों में शिक्षक कम हैं, वहां 10 हजार शिक्षकों की काउन्सलिंग हो चुकी है, जबकि तीन हजार शिक्षकों की काउंसलिंग अभी होनी है।
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