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MP Bar Association: अध्यक्ष ने मांगी माफी, लगाया था चीफ जस्टिस पर सरकारी बंगले में मौजूद मंदिर तोड़ने का आरोप

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट बार एसोसियेशन के अध्यक्ष धन्य कुमार जैन ने चीफ जस्टिस को पत्र लिखकर खुद के आरोप पर न केवल खेद जताया है, बल्कि भविष्य में ऐसी किसी भी घटना की पुनरावृत्ति नहीं होने का भरोसा भी दिलाया है।
09:40 AM Jan 26, 2025 IST | Sunil Sharma

MP Bar Association: जबलपुर। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैथ के सरकारी बंगले में हनुमान मंदिर को तोड़ने के सनसनीखेज आरोप लगाकर सरकार से जांच करवाने जाने के मामले का पूरी तरह पटाक्षेप हो गया है। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट बार एसोसियेशन के अध्यक्ष धन्य कुमार जैन ने चीफ जस्टिस को पत्र लिखकर खुद के आरोप पर न केवल खेद जताया है, बल्कि भविष्य में ऐसी किसी भी घटना की पुनरावृत्ति नहीं होने का भरोसा भी दिलाया है। इसके अलावा इस आशय के उच्च स्तरीय जांच के लिये दिये आवेदन पर अब किसी भी तरह की कोई कार्रवाई नहीं चाहता, की बात भी कही है।

सीजे पर सरकारी बंगले में मंदिर तुड़वाने का लगाया था सनसनीखेज आरोप

दरसअल, मध्य प्रदेश हाईकोर्ट बार एसोसिएशन (MP Bar Association) के अध्यक्ष धन्य कुमार जैन ने 23 दिसंबर 2024 को हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत के सरकारी बंगले में हनुमान मंदिर तोड़ने के गंभीर आरोप लगाकर सनसनी फैला दी थी। इसके लिये बार काउंसिल अध्यक्ष ने बाकायदा मीडिया ब्रीफिंग से लेकर उच्च स्तरीय जांच की मांग करते हुये हाईकोर्ट रजिस्ट्रार सहित अन्य संबंधितों को पत्र लिखा था।

वकील से मिली गलत जानकारी से हुई गफलत

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट बार एसोसियेशन के अध्यक्ष (MP Bar Association) धन्य कुमार जैन ने चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैथ को लिखे माफीनामा पत्र में अपने निराधार आरोपों पर खेद जताते हुये बिना शर्त माफी मांगी है। पत्र में लिखा है कि 22 दिसंबर 2024 को वकील रविन्द्र नाथ त्रिपाठी ने उन्हें आवेदन पत्र देते हुए सीजे बंगले में स्थित मंदिर तोड़ दिए जाने का आरोप लगाया था। जिसकी जांच के लिए उन्होंने 23 दिसंबर 2024 को मुख्य न्यायाधीश सहित राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को पत्र लिख दिया था। लेकिन जब आरोपों की गंभीरता को देखते हुये लोक निर्माण विभाग की टीम ने भी सीजे बंगले में जाकर तथ्यों की जांच करने के साथ ये भी दावा किया था कि सीजे बंगले में कभी कोई हनुमान मंदिर था ही नहीं तो फिर उसे तोड़ने की जानकारी पूरी तरह भ्रामक और आधारहीन है। बार काउंसिल अध्यक्ष ने स्वयं अपने पत्र में इस बात का उल्लेख किया कि उन्हें पीडब्लूडी विभाग और हाईकोर्ट प्रशासन से जवाब मिला कि चीफ जस्टिस बंगले में कभी मंदिर मौजूद ही नहीं था।

भविष्य में ऐसी पुनरावृत्ति न होने का दिलाया भरोसा

बार काउंसिल अध्यक्ष (MP Bar Association) धन्य कुमार जैन ने मीडिया में माफीनामा पत्र सार्वजनिक करते हुये लिखा है कि चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैथ को वह भ्रामक परिस्थति की वजह से उत्पन्न आरोपों से लज्जित है। पीडब्ल्यूडी विभाग और हाईकोर्ट रजिस्ट्रार के जवाब प्राप्त हुए हैं। जिससे समाधान कारक स्थिति उत्पन्न हुई है। मैं अत्यंत दुखी हूं और मुख्य न्यायाधीश के प्रति खेद व्यक्त करता हूं। उनके प्रति अपना पूर्ण सम्मान व्यक्त करता हूं। वह सीजे बंगले के संदर्भ में लगाये गये आरोपों को वापिस लेने के साथ साथ भविष्य में ऐसी पुर्नावृत्ति नहीं होने का भरोसा दिलाया है।

(जबलपुर से डॉ. सुरेन्द्र कुमार कुशवाहा की रिपोर्ट)

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