MP Barwani News: बड़वानी जिले का एक ऐसा गांव जहां शराब की लत के चलते हर घर हुआ बर्बाद
MP Barwani News: बड़वानी। मध्य प्रदेश के बड़वानी जिले में एक ऐसा गांव है जहां शराब की लत ने गांव के हर शख्स के जीवन को बर्बादी की कगार पर लाकर खड़ा कर दिया है। घर की महिलाएं अपना घर चलाने के लिए अपने ही पति और बच्चों से लडने-झगड़ने को मजबूर हैं। शराब की लत के चलते कई युवाओं ने आत्महत्या कर ली और कई परिवार सहित मौत की दहलीज तक जा पहुंचे हैं।
गांव के लोग अपने ही घरों का अनाज-पानी और राशन बेचकर नशे की इस लत को पूरा करते हैं। फिलहाल गांव का ऐसा कोई घर नहीं बचा जहां कोई शराब नहीं पीता हो। गांव में विधवाओं की संख्या इतनी ज्यादा है कि सुनकर और देखकर आंखें नम हो जाती हैं। यहां शराब पीने वालों से परेशान होकर ग्रामीणों ने गांव में मुनादी भी कराई कि अगर कोई शराब बेचता मिला तो उसे एक लाख रुपए तक हर्जाना देना पड़ेगा।
शराब की लत के चलते कई युवा कर चुके हैं आत्महत्या
इस खबर की पड़ताल के लिए जब हम जमीनी स्तर पर गांव मुंडिया पूरा पहुंचे तो गांव वालों की कहानी उनकी ही जुबानी सुनकर रोंगटे खड़े हो गए। मुंडिया पूरा के शिव शंकर ने बताया कि शराब की लत के कारण इस गांव में कई लोग आत्महत्या कर चुके हैं। नशे के इस कदर आदि हैं कि चोरी तक करने लग जाते हैं। गांव में शराब की लत के कारण ग्रामीण काफी परेशान हैं। यहां पर 25 से 45 वर्ष के युवक आत्महत्या जैसा घातक कदम उठा चुके हैं। गांव की महिलाएं अंजड़ थाना एवं एसडीएम के पास ओर जनसुनवाई में भी कई बार जा चुकी हैं लेकिन शासन प्रशासन की ओर से कोई जिम्मेदार ने सुध नहीं ली।
गांव वालों की मांग है कि यहां शराब बिकना बंद हो
बोरा बाई मुंडिया पुर निवासी अपने गांव की दुख भरी दास्तां सुनाते हुए कहती हैं कि गांव में शराब की लत (MP Barwani News) से मरने वालों का आंकड़ा इतना ज्यादा है कि करीब 150 विधवा महिलाएं शराब के नुकसान को झेल रही हैं। इतनी बड़ी आबादी वाला गांव जब शासन प्रशासन के दरवाजे पर दस्तक देने पहुंचा है तो वहां से सिर्फ आश्वासन ही मिला है। सुनने को मिलता है कि आप जाइए, हम शराब बंदी करवा देंगे लेकिन आज तक यहां पर कोई इस तरह की शराबबंदी नहीं हुई। शराब में पूरी तरह से इस गांव को लील लिया है। गांव की महिलाएं कहती हैं कि हर घर में शराब पी जाती है। जब पूछा गया कि शराब कहां से आती है तो बताया कि बाहर से शराब आती है।
थाने से लेकर प्रशासन तक, किसी ने नहीं सुनी ग्रामीणों की व्यथा
मुंडिया पुर गांव के शेखर मुजाल्दे ने बताया कि जनसुनवाई से लेकर थाना तक जाकर चक्का जाम किया गया लेकिन शासन-प्रशासन के कानों पर जूं तक नहीं रेंगी। 350 मकान की आबादी वाले गांव में नई पीढ़ी इस नशे की गिरफ्त में है, वही शराब के कारण इस गांव में मौतों का आंकड़ा अपने आप में चौंकाने वाला है। वही रामकौर बाई ने बताया कि गांव में बिकने वाली कच्ची शराब से घर में विवाद होता है, घर-घर में लड़ाई झगड़े आम बात है।
गांव में ऐसा कोई घर या परिवार नहीं जो शराब की गिरफ्त में नहीं है
क्या बच्चे, क्या बूढ़े और क्या युवा, सभी लोग कच्ची शराब (MP Barwani News) और बाहर से लाकर बेची जाने वाली शराब से काफी नरकीय जिंदगी जीने को विवश हैं। घर में पुरुष घर के अनाज राशन आदि को बेच कर शराब की लत पूरी करते हैं जिससे आए दिन विवाद होता है। मुंडिया पुर की रहने वाली गंगा बाई भी अपने पति से कम पीड़ित नहीं थी हालांकि फिलहाल पिछले दो-तीन महीने से शराब छोड़ दी। गंगाबाई बताती है कि शराब पीने के बाद मेरे पति भी मुझे बहुत मारपीट करते थे।
यहां की कई जवान महिलाएं भी विवाह के बाद जल्द विधवा हो चुकी हैं। शांताबाई ने भी आपबीती बताते हुए बताया कि मेरे पति भी शराब पी कर मर गए, अब हमें गरीबी की इस हालत में छोड़ चुके हैं। अब हम मजदूरी करके जीवन यापन कर रहे हैं।
राम कौर बाई आगे कहती हैं कच्ची शराब की दुकान से मेरे पति को बुलाने गई जिस पर दुकानदार ने मुझसे भी विवाद किया था और मुझसे मारपीट भी की थी। पंचायत ने जरूर कच्ची शराब (MP Barwani News) बेचने वाले के खिलाफ फरमान जारी किया था जिसमें एक लाख रुपए दंड भरने की बात कही गई थी। वक्त रहते यदि शासन प्रशासन ने ऐसे गांव की सुध नहीं ली तो जल्द ही वहां सिर्फ विधवाएं ही अपना नारकीय जीवन यापन करते दिखाई देंगी।
(बड़वानी से योगेश की रिपोर्ट)
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