Captain Roop Singh Stadium: कैप्टन रूप सिंह स्टेडियम पर छिड़ी सियासत, हॉकी और क्रिकेट प्रेमी आपस में भिड़े
Captain Roop Singh Stadium: ग्वालियर। मध्य प्रदेश में आजकल पत्र लिखने को सियासत चल रही है। हर दिन कोई न कोई बड़ा नेता या कार्यकर्ता किसी न किसी पत्र को लेकर चर्चा में रहता है। अब इसी क्रम में सांसद भारत सिंह का नाम भी जुड़ गया है। उन्होंने पहले तो ग्वालियर के रेलवे स्टेशन का नाम अटल बिहारी वाजपेई के नाम पर करने को लेकर रेल मंत्री को चिट्ठी लिखी और अब एक बार फिर से भारत सिंह ने ने कैप्टन रूप सिंह क्रिकेट स्टेडियम (Captain Roop Singh Stadium) को हॉकी के लिए आरक्षित करने के लिए मुख्यमंत्री को पत्र लिख दिया है। उन्होंने पत्र में मुख्यमंत्री से अपील करते हुए लिखा कि सीएम अपनी निधि से 6 करोड रुपए स्वीकृत करने की कृपा करें ताकि प्रदेश में हॉकी से जुड़ी गतिविधियों को बढ़ावा मिल सके।
कैप्टन रूप सिंह स्टेडियम के नाम दर्ज हैं कई क्रिकेट रिकॉर्ड
उल्लेखनीय है कि ग्वालियर का कैप्टन रूप सिंह स्टेडियम वर्तमान में क्रिकेट का एक बड़ा स्टेडियम है। क्रिकेट के इतिहास में बने कई रिकॉर्ड इसी मैदान पर रचे गए हैं। सबसे बड़ा इतिहास तो क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर ने लिखा जब 2010 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ उन्होंने डबल सेंचुरी मारकर वनडे क्रिकेट में नया रिकॉर्ड बना दिया था।
पत्र देख कर क्रिकेट प्रेमियों में मची खलबली
ग्वालियर सांसद भारत सिंह के इस पत्र को लेकर अब क्रिकेट प्रेमियों में खलबली मच गई है। कोई कह रहा है कि क्रिकेट कहां खेलेंगे तो कोई इसके अस्तित्व को बचाने की मांग कर रहा है। क्रिकेट जगत से जुड़े कई अधिकारी और पदाधिकारी भी कह रहे हैं कि एक स्टेडियम बन गया है तो क्या हुआ, दूसरे स्टेडियम की भी क्रिकेट को बढ़ावा देने के लिए जरूरत होती है। कई बच्चे यहां पर क्रिकेट सीख रहे हैं। ग्वालियर डिविजन क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रशांत मेहता का कहना है कि हॉकी के बाद क्रिकेट स्टेडियम को सिंधिया परिवार ने बनाया था।
हॉकी के लिए आरक्षित करने की उठी मांग
इस मुद्दे पर बोलते हुए ग्वालियर डिविजन क्रिकेट एसोसिएशन के सचिव संजय आहूजा का कहना है कि वर्तमान में यहां क्रिकेट के कई छोटे-बड़े टूर्नामेंट होते हैं। बीसीसीआई भी अब अंडर 14 और 16 के टूर्नामेंट आयोजित करती है। ऐसे में कई बच्चे इन टूर्नामेंट्स में भाग लेते हैं और क्रिकेट की प्रैक्टिस भी करते हैं। ग्वालियर क्रिकेट से जुड़े एक और व्यक्तित्व और GDCA के फाउंडर मेंबर बालेंदु शुक्ल का कहना है कि स्टेडियम तो हॉकी के लिए ही बनाया गया था और क्रिकेट का दूसरा स्टेडियम बनकर तैयार हो गया है तो इसे हॉकी के लिए आरक्षित करने में कोई बुराई नहीं है।
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