ऐसा क्या हुआ कि सदन में रो पड़े मध्य प्रदेश के ये मंत्री? पूरा मामला जान हो जाएंगे हैरान

मध्य प्रदेश विधानसभा बजट सत्र में मध्य प्रदेश के सार्वजनिक स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा राज्य मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल सदन की कार्यवाही के बीच रोने लगे।
ऐसा क्या हुआ कि सदन में रो पड़े मध्य प्रदेश के ये मंत्री  पूरा मामला जान हो जाएंगे हैरान

MP Minister Narendra Shivaji Patel भोपाल: मध्य प्रदेश विधानसभा बजट सत्र में प्रश्नकाल के वक्त जब कांग्रेस विधायक अभय मिश्रा के सवाल का जवाब देते हुए प्रदेश के मंत्री फूट-फूटकर रोने लगे। सदन में कुछ देर तक किसी को पता नहीं नहीं चला कि आखिर क्या हो गया। मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल विपक्ष के सवाल का जवाब देते हुए खुद के आंसू नहीं रोक सके और रो पड़े। आखिर क्या है पूरा मामला आइए विस्तार से जानते हैं।

जब सदन में रोने लगे मोहन सरकार के मंत्री

दरअसल, कांग्रेस विधायक अभय मिश्रा ने कहा कि विधायक और उसका परिवार सुरक्षित नहीं है। ऐसे मामले में सरकार को फैसला (MP Budget Session 2025) लेना चाहिए। बता दें कि मंत्री पटेल के बेटे के साथ भी पिछले साल इसी तरह की घटना हो चुकी है। उसे याद कर वे फूट-फूट कर रो पड़े और कहा कि उनके बेटे के खिलाफ भी थाने में केस है। कांग्रेस विधायक मिश्रा ने कहा कि न्याय के लिए आपके चरणों में गिरने को तैयार हैं, लेकिन कार्रवाई होनी चाहिए।

मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल विधायक को दिया ये आश्वासन

इस पर मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल (MP Minister Narendra Shivaji Patel) ने कहा कि किसी तरह का अन्याय नहीं होने देंगे। पुलिस का मनोबल बना रहे। इसलिए उन्हें जिले से हटाकर जांच कर लेते हैं। अपने परिवार के सदस्यों पर दर्ज हुए प्रकरण को लेकर उन्होंने कहा, "प्रभारी उपनिरीक्षक और फिर बाद में निरीक्षक अवनीश पांडेय द्वारा केस दर्ज करने के बाद खात्मा लगा दिया गया।" इसके जवाब में मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल ने कहा कि परिवार से जुड़ा मसला हो तो केस के निराकरण के लिए दूसरे रास्ते हो सकते हैं। मंत्री ने कहा कि अभय मिश्रा के मामले में दोनों ही अधिकारी एक नहीं थे। रिपोर्ट करने वाले हीरामणि पटेल थे, जांच करने वाले राजेश तिवारी थे।

सदन में जमकर हंगामा

सार्वजनिक स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा राज्य मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल ने कहा, "यह सच है कि थाना प्रभारी एक है। मंत्री ने कहा कि वह सहमत हैं कि भोपाल से अधिकारी भेजकर उच्च स्तरीय जांच करा ली जाए। दोषी पाए जाने पर कार्रवाई करेंगे।" इस पर कांग्रेस विधायक मिश्रा ने कहा कि न्याय के लिए आपके चरणों में गिरने को तैयार हैं। इस बीच विधायक अजय सिंह ने कहा कि अगर पहले ऐसी कार्रवाई हो जाती तो मऊगंज जैसी घटना नहीं होती। इस पर जमकर हंगामा हुआ।

गलत करने वालों को सजा देने की मांग

इसके बाद नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार (Leader of Opposition Umang Singhar) ने कहा कि विधायक नारायण सिंह पट्टा के साथ भी ऐसे ही घटना हो चुकी है। जो अच्छा करे उसे सजा नहीं मिलनी चाहिए, लेकिन जो गलत करे उसे सजा मिलनी चाहिए। इस दौरान विधायक भंवर सिंह शेखावत ने कहा कि पुलिस का काम विवादों में हो रहा है। कहीं पुलिस पिट रही है, कहीं दूसरा काम कर रही है।

कांग्रेस विधायकों ने उठाया कानून व्यवस्था का मामला

विधायक अभय मिश्रा ने प्रश्नोत्तर काल के दौरान कहा कि सिमरिया विधानसभा से उनका चुनाव लड़ना अपराध हो गया है। थाना चोरहटा में उनके और उनके बेटे विभूति नारायण मिश्रा के खिलाफ अपराध दर्ज किया। अपने परिवार के सदस्यों पर दर्ज मामले की शिकायत वे मंत्रियों के पास करा चुके हैं।

प्रदेश में खनन माफिया नहीं बल्कि पेट माफिया- कृषि मंत्री 

मुरैना जिले में रेत माफिया द्वारा वन विभाग की टीम पर हमला करने के मामले में कृषि मंत्री एदल सिंह कंषाना ने कहा कि वहां रेत माफिया नहीं, पेट माफिया है। पेट भरने के लिए लोग अपना काम कर रहे हैं। वहां कोई रेत माफिया नहीं है। वहीं, राजस्व मंत्री और मुरैना के प्रभारी मंत्री करण सिंह वर्मा कहते हैं कि रेत माफिया पर कार्रवाई होगी। मुरैना जिले में रेत माफिया द्वारा वनकर्मियों पर हमले की घटना पर जिले के प्रभारी मंत्री करण सिंह वर्मा ने कहा कलेक्टर से जानकारी लेकर कार्रवाई के लिए निर्देश देने का आश्वासन दिया है।

(भोपाल से सरस्वती चंद्र की रिपोर्ट)

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