MP Congress Leaders: क्या MP कांग्रेस में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा? एक तस्वीर को लेकर उठ रहे कई सवाल
MP Congress Leaders भोपाल: ऐसा लग रहा है कि मध्य प्रदेश कांग्रेस में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा। खासतौर से एक तस्वीर को लेकर कांग्रेस की एकता को लेकर तरह तरह के सवाल उठ रहे हैं। मध्य प्रदेश में कांग्रेस को लगातार चुनावों में हार मिल रही है। लोकसभा में कांग्रेस पार्टी को सूबे में एक भी सीट नहीं मिली। प्रदेश प्रभारियों को बदलने का एक्सपेरिमेंट भी काम नहीं आया। मध्य प्रदेश में कांग्रेस ने एक और प्रदेश प्रभारी बदला है, लेकिन कांग्रेस के 2 नेताओं की प्रभारी से अलग-अलग मुलाकात को लेकर भी सवाल खड़े हो रहे हैं।
क्या मध्य प्रदेश कांग्रेस में सब कुछ सही नहीं है?
कांग्रेस को एक ओर जहां चुनावों में हार का सामना करना पड़ रहा है। वहीं, दूसरी ओर कांग्रेस (MP Congress Leaders) के प्रदेश प्रभारी भी नहीं टिक पा रहे हैं। तीन सालों में चार प्रभारी बदले जा चुके हैं। तीन दिन पहले भंवर जितेंद्र सिंह को हटाकर राजस्थान के बायतू से विधायक हरीश चौधरी (MP Congress State In-Charge Harish Chaudhary)को मध्य प्रदेश कांग्रेस का प्रभारी बनाया गया है। नए प्रभारी की नियुक्त के बाद पीसीसी चीफ जीतू पटवारी और नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने दिल्ली में उनसे अलग-अलग मुलाकात की। ऐसे में बीजेपी नेता नरेंद्र सलूजा ने ट्वीट कर इस मुलाकात को कांग्रेस में गुटबाजी का कैंसर बताया।
कांग्रेस की गुटबाजी पर बीजेपी का तंज
मध्य प्रदेश बीजेपी प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने 2 तस्वीरें सोशल मीडिया पर पोस्ट कर कांग्रेस की इंटरनल पालिटिक्स पर तंज कसा है। नरेंद्र सलूजा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा है, "खबर अंदरखाने से - ढाई लोगों की मध्य प्रदेश कांग्रेस की हालत यह हो गई है कि नये प्रदेश प्रभारी से मिलने, मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष एक ही दिन , एक ही समय दिल्ली पहुंचे लेकिन साथ नहीं जाकर अलग-अलग मिले... वास्तव में कांग्रेस में गुटबाजी कैंसर है...।"
गुटीय राजनीति के चलते निपटे प्रदेश प्रभारी!
कांग्रेस चुनावों में खराब परफॉर्म कर रही है, जिसकी भेंट यहां के प्रदेश प्रभारी भंवर जितेंद्र सिंह चढ़ गए। उनको यहां से रवाना कर राजस्थान के विधायक हरीश चौधरी को बनाया गया है। कांग्रेस ने तीन सालों में चार प्रभारी बदल दिए हैं। भंवर जितेंद्र सिंह को प्रदेश कांग्रेस की कमान दी गई थी कि वे कांग्रेस को एकजुट करेंगे और एक मजबूत विपक्ष बीजेपी से टक्कर लेगा, लेकिन उन पर आरोप लगने लगे थे कि वे गुटीय राजनीति को समर्थन दे रहे थे। उनकी शिकायतें हाईकमान तक पहुंची। कार्यकर्ताओं सहित पदाधिकारियों ने भी शिकायत की थी कि जितेंद्र सिंह कुछ लोगों की ही बात सुन रहे थे।
एमपी कांग्रेस में लगातार बदलने पड़े है प्रदेश प्रभारी
वर्ष 2016 में मोहन प्रकाश को लेकर भी शिकायत की गई और उन पर भी गुटबाजी के आरोप लगे। साल 2017 में दीपक बावरिया को प्रदेश प्रभारी बनाया गया। 4 साल तक दीपक बावरिया ने मध्य प्रदेश के प्रभारी पद संभाला। मई 2020 में मुकुल वासनिक एमपी के प्रभारी बनाया गया। हालांकि मुकुल वासनिक लोगों को साथ लेकर नहीं चल सके। सितंबर 2022 में मुकुल वासनिक को हटाकर जेपी अग्रवाल को प्रभारी बनाया गया। इसके बाद अगस्त 2023 रणदीप सिंह सुरजेवाला को मध्य प्रदेश का प्रभार सौंपा गया था और चार महीने बाद सुरजेवाला को हटाकर भंवर जितेंद्र सिंह को प्रदेश प्रभारी बना दिया गया। अब अब हरीश चौधरी को प्रदेश कांग्रेस की कमान सौंपी गई है।
गुरुवार को पहली बार भोपाल आएंगे नए प्रभारी
कांग्रेस के नए प्रदेश प्रभारी हरीश चौधरी गुरुवार, 20 फरवरी को पहली बार भोपाल आएंगे। वे पीसीसी में कांग्रेस के प्रमुख नेताओं, कार्यकर्ताओं, विधायकों और खासतौर से संगठन की निचली कड़ी जिला अध्यक्षों से मुलाकात करेंगे। मध्य प्रदेश कांग्रेस में नए प्रदेश प्रभारी से कांग्रेस के 2 नेताओं के मिलने की टाइमिंग को लेकर कांग्रेस की अंतर्कलह (Factionalism in MP Congress) सामने आई है।
(भोपाल से सरस्वती चंद्र की रिपोर्ट)
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