MP Doctors Strike Guideline: हाईकोर्ट का आदेश, MP के सरकारी डॉक्टरों की हड़ताल अब गैरकानूनी नहीं, लेकिन...
MP Doctors Strike Guideline जबलपुर: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की जबलपुर प्रिंसिपल पीठ ने प्रदेशभर के सरकारी डॉक्टरों को बड़ी राहत दी है। राज्य या केंद्र सरकार के किसी निर्णय के खिलाफ या फिर अपनी मांगों को लेकर डॉक्टरों के हड़ताल को गैरकानूनी बताने वाले मामले में सुनवाई (MP Doctors Strike Guideline) करते हुए हाईकोर्ट ने डॉक्टरों को राहत दी है। हालांकि हाईकोर्ट ने स्पष्ट कहा है कि डॉक्टर हड़ताल या आंदोलन तो कर सकते हैं, लेकिन हाईकोर्ट को इसकी पूर्व सूचना देना जरूरी है।
हड़ताल अब गैरकानूनी नहीं, देनी होगी पूर्व सूचना
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस जस्टिस सुरेश कुमार कैत की बेंच में डॉक्टरों की हड़ताल को गैरकानूनी बताने वाली याचिका पर सुनवाई हुई। सरकारी अस्पतालों के डॉक्टरों की हड़ताल से जुड़े मामले में सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत ने अपने आदेश में कहा, "सरकार के किसी निर्णय से आहत होकर डॉक्टर विरोध या हड़ताल करने पर उसे गैरकानूनी (Doctors Strike is Not Illegal ) नहीं माना जाएगा। डॉक्टर हाईकोर्ट को पूर्व सूचना दिए बिना हड़ताल नहीं कर सकेंगे।"
डॉक्टरों की लंबित मांगें हाई लेवल कमेटी बनाकर समाधान करें
आदेश के अनुसार, कभी भी सरकारी अस्पताल के डॉक्टर अचानक हड़ताल या काम बंद नहीं कर पाएं, बल्कि उन्हें हड़ताल पर जाने से पहले कोर्ट को इसकी विधिवत सूचना देनी होगी। हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को डॉक्टरों की लंबित मांगों (MP Doctors Pending Demands) को हल करने के लिए 2 सप्ताह में एक उच्च स्तरीय समिति बनाने का आदेश भी दिया है। इससे पूर्व 1 सप्ताह में डॉक्टरों के विभिन्न संगठनों, सस्थाओं से उनकी मांगों और हॉस्पिटल में कार्य कौशल को बढ़ाकर मरीजों को बेहतर उपचार सुविधाएं देने के लिए सुझाव सरकार तक पहुंचाने के लिए भी कहा है।
चिकित्सक महासंघ के आह्वान पर हुई थी प्रदेशव्यापी हड़ताल
दरअसल मध्य प्रदेश में बीते साल 2023 में शासकीय-स्वशासी चिकित्सा महासंघ मध्य प्रदेश के आह्वान पर प्रदेशव्यापी हड़ताल की गई थी। 3 मई को राज्यभर के मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल, जिला अस्पताल, सामुदायिक एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के तमाम सरकारी डॉक्टर हड़ताल पर चले गए थे। हड़ताल के दौरान चिकित्सक महासंघ ने राज्य सरकार से डॉक्टरों के कार्यकाल, वेतन और सुविधाओं एवं अस्पतालांे में काम के दौरान होने वाली परेशानियों को प्रमुखता से उठाया था।
ये भी पढ़ें: Betul Pushpa- 2 Dispute: बैतूल में बड़ा बवाल, पुष्पा-2 देखने पहुंचे युवकों के 2 गुटों में जमकर मारपीट