MP Drone Didi: 15 अगस्त कार्यक्रम के लिए MP की इन ड्रोन दीदी को दिल्ली से विशेष बुलावा, समाज में मिली पहचान
MP Drone Didi ग्वालियर: 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस पर नई दिल्ली में होने वाले मुख्य आयोजन में मध्य प्रदेश के स्व-सहायता समूह की 2 ड्रोन दीदियों को विशेष अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया है। इससे उत्साहित ड्रोन दीदियां प्रधानमंत्री समूह संवाद में अवसर मिलने पर आजीविका मिशन को और अधिक सशक्त बनाने की योजना पर चर्चा करेंगी। जिले के लिए यह गौरव का विषय है कि सामान्य घरेलू ग्रामीण महिला से ड्रोन दीदी तक पहुंचने वाली दोनों महिलाएं स्वतंत्रता दिवस आयोजन में शामिल होंगी।
ड्रोन दीदी को दिल्ली से विशेष बुलावा
ग्रामीण क्षेत्रों में परिवार संचालन के दौरान आर्थिक तंगी से जूझ रही महिलाओं का जीवन स्तर आजीविका मिशन से जुड़ने के बाद बदल गया है। ड्रोन संचालन का प्रशिक्षण (MP Drone Didi ) लेने के बाद किसानों को कम लागत में तरल खाद का छिड़काव खेतों में कर प्रतिमाह 15 से 20 हजार रुपए आमदनी के साथ इन महिलाओं ने जिले में अपनी अलग पहचान बना ली है।
पहले सिलाई मशीन अब ड्रोन चला रहीं महिलाएं
आजीविका मिशन के स्व-सहायता समूह से जुड़कर गांव में आय-वृद्धि के लिए सिलाई का काम करने वाली महिलाओं का जोश और जुनून देखते ही बनता है। महिलाएं ड्रोन संचालन प्रशिक्षण के लिए फूलपुर, प्रयागराज और एमआईटीएस ग्वालियर तक पहुंच गईं। जीवन में आगे बढ़ने का सफर प्रशिक्षण तक ही सीमित नहीं रहा। बल्कि, सरकार की ओर से प्रदान किए जा रहे लगभग 15 लाख रुपए कीमत के ड्रोन से अपना रोजगार के साथ-साथ और कम कीमत पर किसानों की फसल में तरल खाद का छिड़काव कर अच्छा-खासा कमा रही हैं।
शिद्दत से काम में जुटी हैं ये ड्रोन दीदी
इन दोनों महिलाओं ने लगभग 70-70 एकड़ भूमि में ड्रोन से नैनो यूरिया का छिड़काव किया है। ड्रौन से छिड़काव में किसान की फसल पर कम लागत के साथ अब इन महिलाओं की पहचान क्षेत्र में ड्रोन दीदी के रूप में होने लगी है। ये महिलाएं क्षेत्र में ड्रोन दीदी के नाम से प्रसिद्ध हो गई हैं।
ड्रोन सीखने के लिए महिलाओं में ललक
जिला पंचायत मुरैना के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ. इच्छित गढ़पाले ने कहा, "मुरैना जिले के जौरा तहसील के अंतर्गत पचोखरा में स्व सहायता समूह की महिला ने आजीविका मिशन ज्वाइन करके अपना जीवन बदल लिया है। कैलादेवी एसएचजी की सुनीता शर्मा ने अपने घर से रोजगार बढ़ाने के लिए सिलाई से सफर शुरू किया और धीरे-धीरे से उसे ड्रोन चलाने तक की ट्रेनिंग मिली। सुनीता शर्मा की अब उस क्षेत्र में ड्रोन दीदी के रूप में पहचान बन गई है।"
60 एकड़ से ज्यादा खेत में ड्रोन से खाद छिड़काव
उन्होंने कहा, आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ बनाने के लिए समूह से जुड़ने पर 25 हजार रुपए का ऋण लेकर सिलाई कार्य करने वाली महिला को प्रतिमाह 8 से 10 हजार रुपए की आय होने लगी। समूह गतिविधियों में सक्रिय होने के कारण नमो ड्रोन योजना (Namo Drone Didi Yojana) का प्रशिक्षण लेने के बाद अब तक 60 एकड़ से ज्यादा खेत में ड्रोन से खाद का छिड़काव कर चुकी हैं। अब बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए अंग्रेजी माध्यम के विद्यालय में शिक्षा अध्ययन कराने वाली ड्रोन दीदी देश के प्रधानमंत्री एवं मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री को धन्यवाद दे रही हैं।
ड्रोन दीदी योजना से जुड़कर समाज में मिली खास पहचान
वहीं, मुरैना जिले के जनपद पंचायत क्षेत्र में डूंगरपुर लोधी गांव की खुशबू लोधी अपने परिवार को खुशहाल बनाने के लिए आजीविका मिशन से जुड़ गईं। स्व सहायता समूह सदस्य बनने के बाद वह ड्रोन दीदी तक पहुंचने में सफल हो गई हैं। खुशबू लोधी ने कहा है, "15 अगस्त पर दिल्ली में प्रधानमंत्री समूह संवाद के लिए आमंत्रित किया जाना जीवन की सबसे बड़ी उपलब्धि है। ड्रोन संचालन के लिए ग्वालियर की एमआईटीएस कॉलेज में ट्रेनिंग ली। अभी तक 85 एकड़ से अधिक भूमि पर दवा, खाद का छिड़काव कर अपनी आजीविका को सुदृढ़ किया है।"
ड्रोन दीद योजना से आर्थिक रूप से सुदृढ़ हो रहीं महिलाएं
ड्रोन दीदी योजना से जुड़कर आय में वृद्धि के साथ-साथ महिलाएं अब आत्मनिर्भर भी बन रही है। साथ ही इससे परिवार में खुशहाली भी आ रही है। आजीविका सुदृढ़ होने पर महिलाएं प्रधानमंत्री से लेकर जिले के मिशन संचालक तक का आभार व्यक्त कर रही हैं। फिलहाल, ड्रोन दीदी 15 अगस्त को दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में शामिल होने के लिए तैयारियों में जुट गई हैं।
ये भी पढ़ें: Indore Cyber Crime: PM आवास और किसान सम्मान निधि के नाम पर साइबर फ्रॉड, कहीं आप भी तो नहीं कर रहे ये गलती