हाथियों की मौत पर CM मोहन यादव सख्त, फील्ड डायरेक्टर और एसीएफ पर गिरी गाज, प्रदेश में हाथी टास्क फोर्स गठन का ऐलान
MP Elephant Task Force भोपाल: उमरिया में हाथियों की मौत पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव बिल्कुल सख्त नजर आ रहे हैं। वन क्षेत्र में निगरानी की कमी को लेकर फील्ड डायरेक्टर और प्रभारी एसीएफ को निलंबित (MP CM Mohan Yadav Strict on Elephant Deaths) कर दिया गया है। इसके साथ ही सीएम मोहन यादव ने कहा है कि प्रदेश में राज्य स्तरीय हाथी टास्ट फोर्स गठित किया जाएगा। हाथी- मानव सह अस्तित्व सुनिश्चित करने के लिए हाथी मित्र बनाए जाएंगे।
राज्य स्तरीय हाथी टास्क फोर्स गठन की तैयारी
मुख्यमंत्री ने कहा है, "जिन क्षेत्रों में हाथियों की आवाजाही (MP Elephant Task Force) अधिक है, वहां किसानों की फसलों को बचाने के लिए सोलर फेंसिंग की व्यवस्था होगी। इसके अलावा किसानों को कृषि के अलावा कृषि वानिकी एवं अन्य वैकल्पिक कार्यों से भी जोड़ने के प्रयास किए जाएंगे। मध्यप्रदेश में आने वाले समय में ऐसे वन क्षेत्र विकसित किए जाएंगे, जिसमें हाथियों की बसाहट के साथ सह अस्तित्व की भावना मजबूत हो सके। केंद्रीय वन मंत्री से भी इस संबंध में चर्चा हुई है। वे मार्ग दर्शन करेंगे जिससे वन विभाग इस क्षेत्र में ठोस कार्रवाई कर सके। जिन जिलों में हाथी वन क्षेत्रों में रह रहे हैं, वहां हाथी मित्र जन जागरूकता के लिए कार्य करेंगे।"
घटना दुखद और दर्दनाक, वन अधिकारी सतर्क, सजग रहें
वहीं, उमरिया में 10 हाथियों की मौत पर मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा है, "प्रदेश में उमरिया जिले के वन क्षेत्र में पिछले दिनों 10 हाथियों की अलग-अलग दिन हुई। मृत्यु की घटना दुखद एवं दर्दनाक है, जिसे राज्य शासन ने गंभीरता से लिया है। वन राज्य मंत्री सहित वरिष्ठ अधिकारियों के दल ने क्षेत्र का भ्रमण किया है। प्रारंभिक रिपोर्ट में कोई कीटनाशक नहीं पाया गया है। पोस्टमार्टम की विस्तृत रिपोर्ट आना शेष है। हाथियों के बड़े दल के रूप में आने की घटना गत 2-3 वर्ष में एक नया अनुभव भी है। उमरिया और सीधी जिले में बड़ी संख्या में हाथियों की मौजूदगी दिख रही है। ऐसे में फील्ड डायरेक्टर एवं अन्य अधिकारियों को सतर्क और सजग रहने की जरूरत है।"
दोषी अधिकारियों पर गिरी गाज
वहीं, सीएम मोहन यादव ने कहा है कि हाथियों की मृत्यु (Elephant Death in Umaria) की इतनी बड़ी घटना के समय फील्ड डायरेक्टर का अवकाश से वापस नहीं आना और पूर्व में हाथियों के दल आने के संदर्भ में जो आवश्यक चिंता की जानी चाहिए, वह नहीं की गई। इस लापरवाही के लिए फील्ड डायरेक्टर गौरव चौधरी को सस्पेंड (Elephant Deaths Field Director suspended) किया गया है। इसके साथ ही प्रभारी एसीएफ फतेहसिंह निनामा को भी निलंबित किया गया है।
हाथियों की निगरानी को लेकर सीएम का ऐलान
मुख्यमंत्री ने कहा कि वन क्षेत्र में जो अकेले हाथी घूमते हैं और अपने दल से अलग हो जाते हैं, उन्हें रेडियो टैगिंग का निर्णय लिया गया है। इस तरह से उन पर नजर रखी जा सकेगी, जिससे आने वाले समय में ऐसी घटना न हो। ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के प्रयास किए जाएंगे। सीएम ने कहा कि हाथियों का दल (MP Elephant Task Force) स्थाई रूप से मध्य प्रदेश में रहने लगा है, इसलिए आम लोगों से भी सहयोग की अपेक्षा है। जिन जिलों में हाथियों की बसाहट है, वहां बेहतर प्रबंधन के लिए जिला प्रशासन के माध्यम से जन जागरूकता के प्रयास किए जाएंगे। हाथियों को लेकर लोगों को आवश्यक जानकारी दी जाएगी।
मध्य प्रदेश में हाथी टास्क फोर्स बनाने का निर्णय
हाथियों की मौत को लेकर मुख्यमंत्री मोहन यादव बेहद गंभीर (MP CM Big Decision) नजर आ रहे हैं। सीएम ने कहा है कि बांधवगढ़ क्षेत्र एवं अन्य वन क्षेत्रों में हाथियों के रहने की अनुकूल और आकर्षक स्थिति है। वन क्षेत्रों का प्रबंधन उत्तम होने से हाथियों के दल जो छत्तीसगढ़ एवं अन्य राज्यों से आया करते थे और वापस चले जाते थे, लेकिन वे अब वापस नहीं जा रहे हैं। प्रदेश में बड़े पैमाने पर हाथी डेरा डाले हुए नजर आ रहे हैं। ऐसे में हाथियों की आवाजाही को देखते हुए स्वाभाविक रूप से स्थाई प्रबंधन के लिए शासन के स्तर पर हाथी टास्क फोर्स बनाने का निर्णय लिया जा रहा है।
अधिकारी कर्नाटक, केरल और असम जाकर करेंगे अध्ययन
अधिकारियों के साथ बैठक में सीएम ने कहा कि हाथियों को अन्य वन्य प्राणियों के साथ किस तरह रहवास की सावधानियां रखना चाहिए, इसके लिए योजना बनाई जा रही है। इसमें कर्नाटक, केरल और असम जैसे राज्यों की बेस्ट प्रैक्टिस को शामिल किया जाएगा। इन राज्यों में बड़ी संख्या में हाथी रहते हैं । इन राज्यों में मध्य प्रदेश के अधिकारियों को भेजा जाएगा ताकि सहअस्तित्व की भावना के आधार पर हाथियों के साथ बफर एरिया, कोर एरिया में बाकी का जन जीवन प्रभावित न हो, इसका अध्ययन किया जाएगा। हाथियों की सुरक्षा को भी खतरा न हो।
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