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BRC कार्यालय में कबाड़ हो रहीं छात्रों को दी जाने वाली सैकड़ों साइकिलें, लापरवाही का जिम्मेदार कौन?

Narmadapuram Education News नर्मदापुरम: मध्य प्रदेश में अधिकारियों की लापरवाही के चलते सरकारी योजनाएं कबाड़ में तब्दील हो रही हैं। प्रदेश में सरकारी योजनाओं का किस प्रकार से पालन हो रहा है, इसका एक उदाहरण नर्मदापुरम के बीआरसी कार्यालय...
09:19 AM Dec 23, 2024 IST | MP First

Narmadapuram Education News नर्मदापुरम: मध्य प्रदेश में अधिकारियों की लापरवाही के चलते सरकारी योजनाएं कबाड़ में तब्दील हो रही हैं। प्रदेश में सरकारी योजनाओं का किस प्रकार से पालन हो रहा है, इसका एक उदाहरण नर्मदापुरम के बीआरसी कार्यालय के बंद हॉल में देखा जा सकता है। इस हॉल में वैसी साइकिलें पड़ी हुई हैं जिसे कोरोना काल में सरकारी स्कूल के पात्र छात्र-छात्राओं को वितरित जाना था। हैरानी की बात यह है कि उस समय या बाद में स्कूली छात्र-छात्राओं को साइकिल नहीं बांटी गई। हॉल में पड़े-पड़े साइकिलें कबाड़ में तब्दील हो चुकी हैं।

नर्मदापुरम में कबाड़ हो रही साइकिलें

अब तो हालात यह है कि इन साइकिलों को सुधरवाने में जितना (MP Government Scheme) खर्च आ रहा है, उतने में नई साइकिल खरीदी जा सकती है। इसी ऊहापोह की स्थिति में सैकड़ों साइकिलें नर्मदापुरम के बीआरसी कार्यालय के बंद हॉल में पिछले तीन साल से खराब हो रही हैं। इन साइकिलों का फैक्ट्री में निर्माण तो हो गया, लेकिन लापरवाही के चलते अब बंद हॉल में धूल (Bicycles Given to Students Getting Junk) फांक रही हैं। बदकिस्मती की बात यह है कि इन साइकिलों का उपयोग किसी नहीं किया।

क्या कहते हैं अधिकारी?

वहीं, खराब हो चुकी साइकिलों के बारे में जिले के शिक्षा से जुड़े अधिकारी बीएसी नर्मदापुरम चंद्रभूषण वशिष्ठ (Narmadapuram School Bicycles News) का कहना है कि छात्र-छात्राओं को पूर्व में जो साइकिल वितरित की जानी था। उससे अधिक साइकिल विभाग को प्राप्त हुई थी। इसके अलावा कोरोना काल में छात्र- छात्राओं को भी साइकिलें वितरित नहीं हो सकी थी। ऐसे में उन साइकिलों को हॉल में जमा रखी हैं। ये सभी साइकिल बेहद खराब हो चुकी हैं, लिहाजा अब छात्र-छात्राओं को यह साइकिल वितरित नहीं की जा सकती। इन साइकिलों को सुधरवाने में बहुत ज्यादा खर्च आ रहा है, जिसकी जानकारी उच्च कार्यालय को दे दी गई है।

200 से अधिक साइकिल कबाड़ में तब्दील

शिक्षा विभाग से जुड़े अधिकारी के द्वारा मामले से अवगत कराए जाने के बावजूद अभी तक इस बारे में कोई जवाब नहीं आया है। अगर समय रहते ये साइकिलें छात्र-छात्राओं को वितरित हो जाती तो छात्र-छात्राओं को योजना का लाभ भी मिल जाता, साथ ही सरकारी योजनाओ की बर्बादी भी नहीं होती। हैरानी की बात यह है कि नर्मदापुरम जिले में पिछले 3 साल में कितने ही अधिकारी बदला जा चुके, लेकिन बीआरसी कार्यलय के हॉल में पड़ी इन साइकिलों का कोई निराकरण नहीं हो सका। लापरवाही की वजह से आज भी 200 से ज्यादा साइकिल हॉल में रखे-रखे कबाड़ में तब्दील हो गई हैं। सवाल यह है कि आखिर इसके लिए जिम्मेदार कौन है?

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