DGP Rakesh Makwana: एमपी के नए डीजीपी की कहानी, जिनके 3 साल में 7 बार तबादले हुए, सीआर भी खराब कर दी गई

एमपी के नए डीजीपी राकेश मकवाना की गिनती तेज तर्रार और ईमानदार अफसरों में होती है। अभी वे मध्य प्रदेश पुलिस हाउसिंग कॉर्पोरेशन के चेयरमैन हैं।
dgp rakesh makwana  एमपी के नए डीजीपी की कहानी  जिनके 3 साल में 7 बार तबादले हुए  सीआर भी खराब कर दी गई

DGP Rakesh Makwana: भोपाल। एमपी की प्रशासनिक कमान बेहद ईमानदार अफसर अनुराग जैन संभाल रहे हैं और अब पुलिस की कमान भी बेहद ईमानदार अफसर राकेश मकवाना संभालेंगे, वे एक तारीख से मध्य प्रदेश पुलिस के नए डीजीपी होंगे। राकेश मकवाना अपनी ईमानदार छवि के कारण चर्चा में रहे हैं। वे एक ऐसे अफसर हैं जिनके तीन साल में सात बार ट्रांसफर हुए, वे भी सिर्फ इसलिए कि मकवाना सियासत में बैठे लोगो की नहीं सुनते थे और ईमानदारी से फैसले लेते थे।

कौन हैं राकेश मकवाना जिनका 3 साल में हुआ 7 बार ट्रांसफर

मकवाना की गिनती तेज तर्रार और ईमानदार अफसरों में होती है। अभी वे मध्य प्रदेश पुलिस हाउसिंग कॉर्पोरेशन के चेयरमैन हैं। शिवराज सरकार के कार्यकाल में मकवाना को लोकायुक्त डीजी बनाया गया था। लेकिन पद पर रहते हुए उन्होंने भ्रष्टाचारियों की दबी फाइल खोली जो तत्कालीन शिवराज सिंह चौहान सरकार को नागवार गुजरा। इसी वजह से उन्हें छह महीने में ही इस पद से हटा दिया गया। उन्होंने जांचों की फाइल खोली और जांच शुरू कर दी जिसके तुरंत बाद ही आनन-फानन में उनको डीजी लोकायुक्त से हटा दिया गया। सिर्फ 3 साल में ही उनके सात बार ट्रांसफर किए गए।

महाकाल कॉरिडोर में भ्रष्टाचार की जांच कराई तो नाराज हो गए शिवराज

उज्जैन महाकाल के कॉरिडोर निर्माण में भारी भ्रष्टाचार की शिकायतें मिली थी जिसके बाद इन्होंने लोकायुक्त पद पर रहते हुए कॉरिडोर की जांच शुरू की। इस पर सरकार ने नाराजगी दिखाते इनको हटाते हुए पुलिस हाउसिंग में चेयरमैन बना दिया। साथ ही उनकी एसीआर भी खराब कर दी गई। इस पर उन्होंने अपनी एसीआर सुधरवाने के लिए मप्र सरकार से 9 महीने पहले अपील की थी। मकवाना ने रिप्रेजेंटेशन भेजते हुए सरकार से कहा था कि लोकायुक्त संगठन में डीजी रहने के 6 महीने के दौरान उनकी एसीआर खराब कर दी गई। दुर्भावनापूर्वक खराब की गई एसीआर पर शासन को उचित निर्णय लेना चाहिए। इस पर खुद मोहन यादव ने उनकी एसीआर (DGP Rakesh Makwana ACR) पढ़ी और उसे सुधारते हुए 10 में 10 अंक दिए।

3 नामों का पैनल हुआ था फाइनल

प्रदेश सरकार की तरफ से डीजीपी (DGP Rakesh Makwana) के लिए 9 नाम भेजे गए थे। दिल्ली में यूपीएससी की बैठक में 3 नामों का पैनल तैयार किया गया था। इनम 1988 बैच के आईपीएस कैलाश मकवाना का नाम पहले नंबर पर था। इसके बाद 1988 बैच के आईपीएस और डीजी होमगार्ड अरविंद कुमार और 1989 बैच के आईपीएस और डीजी ईओडब्ल्यू अजय शर्मा के नाम शामिल थे।

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