MP Gwalior Police: ग्वालियर पुलिस महकमे में जल्द बड़ा बदलाव, सालों से एक ही थाने में पदस्थ पुलिसकर्मियों की बनेगी लिस्ट
MP Gwalior Police: ग्वालियर। मध्य प्रदेश के ग्वालियर में पुलिस महकमे को लेकर बड़े बदलाव का अंदेशा साफ नजर आ रहा है। लंबे समय से थाना एवं पुलिस के अन्य विभागों में पदस्थ आरक्षकों एवं अधिकारियों के बदलाव होने की संभावनाएं बढ़ने लगी हैं। बाकायदा इनकी सूची भी तैयार की जा रही है। जल्द ही इस संबंध में सरकार कोई बड़ा आदेश भी जारी कर सकती है।
लंबे समय से एक थाने में टिके पुलिसकर्मियों की सूची बनाने के आदेश होंगे जारी
वर्तमान में पुलिस विभाग (MP Gwalior Police) में बड़े बदलाव होने की संभावनाएं साफ तौर पर नजर आने लगी हैं। वरिष्ठ अधिकारियों की माने तो जल्दी ही लंबे समय से थानों में पदस्थ पदाधिकारी और आरक्षकों के बदलाव किए जाएंगे। इसके लिए सूची बनाने के निर्देश भी जल्दी ही जारी किए जाएंगे। बदलाव होने का कारण आरक्षकों एवं पदाधिकारियों के एक ही विभाग या थाने में लंबे समय से चली आ रही पदस्थी है। जिसके चलते विभाग में यह बात फैलने लगी है कि जो एक ही जगह पर कई सालों से तैनात हैं, वे लोग ही थानों को चला रहे हैं। कई बार शिकायतें भी हुई। इसके बाद कुछ दिनों तक तो कागजों में तबादला किया गया लेकिन बाद में उन्हें वापस उन्हें थानों में भेज दिया गया। इतना ही नहीं, लंबे समय से पदस्थी के कारण यह आरक्षक और पदाधिकारी अपने मनमाफिक थानों का संचालन भी करते हैं। अगर किसी तरह से अन्य स्थानों पर भेजा भी जाता है तो यह कहीं ना कहीं से व्यवस्थाएं बैठाकर वापस उन्हीं थानों में नजर आते हैं।
ऐसे लोग मनमर्जी से चलाते हैं थाने
सबसे बड़ी बात तो यह है कि इन्हीं का अन्य थानों में ट्रांसफर करने वाले अधिकारी भी कहने को तो बड़ी सख्ती बताते हैं लेकिन गुपचुप तरीके से उनकी वापसी भी इन्हीं के द्वारा की जाती है और फिर यह लोग अपने हिसाब से पुलिस के नेटवर्क (MP Gwalior Police) का इस्तेमाल कर थानों का संचालन करते हैं। यही वजह है कि थानों में अपराध होते तो हैं लेकिन नजर नहीं आते फिर चाहे वह जुआ, सट्टा, अवैध शराब या हथियारों की तस्करी का मामला ही क्यों ना हो। उनके नेटवर्क के चलते यह मामले कई बार दर्ज भी नहीं होते। केवल आवश्यकता पड़ने या वाहवाही लूटने के लिए ही इन मामलों को दर्ज किया जाता है।
इन थानों में आम जनता की नहीं होती सुनवाई
इतना ही नहीं आम जनता के प्रति भी वर्षों से पदस्थ इन आरक्षकों और पदाधिकारियों का नजरिया पूरी तरह बदल चुका है। कई बार लोग अपनी गुहार लेकर थानों में पहुंचते हैं तो उन्हें दुत्कार कर भगा दिया जाता है। जिसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जनसुनवाई में आने वाले शत प्रतिशत लोग यही कहते हैं कि हम थाने गए थे लेकिन वहां हमारी सुनवाई नहीं हुई। इन थानों की अग्रणी श्रेणी में पड़ाव, इंदरगंज, बहोड़ापुर, सिरोल, झांसी रोड, माधवगंज, किला गेट, महाराजपुर और जनकगंज थाने हैं। इन थानों में कई ऐसे आरक्षक और प्रधान आरक्षक हैं जो बीते 5 वर्षों से भी अधिक समय से इन्हीं थानों में काम कर रहे हैं।
ग्वालियर आईजी ने कही यह बात
पुलिस के इस तरह के रवैया को लेकर ग्वालियर रेंज आईजी अरविंद सक्सेना का कहना है कि इस तरह की लापरवाही कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। जल्द ही नियमानुसार (MP Gwalior Police) थानों में लंबे समय तक पदस्थ रहने वाले आरक्षक और कर्मचारियों की सूची तैयार कर उन्हें अन्य स्थान पर भेजा जाएगा और इन नामों की सूची जल्दी ही तैयार की जाएगी। वहीं एसपी धर्मवीर सिंह की माने तो नियम के अनुसार समीक्षा की जा रही है, जो लोग लंबे समय से एक ही थाने में तैनात हैं, उन्हें दूसरे थानों में स्थानांतरित किया जा रहा है।
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