MP HC Aadhaar card: हाईकोर्ट का बड़ा फैसला- आधार कार्ड उम्र को नहीं करता प्रमाणित, यह केवल व्यक्ति की पहचान का प्रमाण
MP HC on Aadhaar card जबलपुर: यदि आप अपने आधार कार्ड को किसी सरकारी दफ्तर में उम्र के प्रमाण के तौर पर पेश कर रहे हैं, तो यह खबर आपके काम की है। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की जबलपुर प्रिंसिपल पीठ में हाईकोर्ट जस्टिस जी. एस. अहलूवालिया की सिंगल बेंच ने एक याचिका की सुनवाई में अहम फैसला सुनाते हुए कहा है कि आधार कार्ड केवल आपकी पहचान प्रमाणित करने के लिए पहचान प्रमाण पत्र (आइडेंटी कार्ड) है।
आधार कार्ड उम्र को नहीं करता प्रमाणित
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने कहा कि आधार कार्ड में दर्ज उम्र से आप इसका इस्तेमाल आयु प्रमाणित करने वाले आयु प्रमाण पत्र (एज सर्टिफिकेट) के रूप में नहीं कर सकते है। जस्टिस जी. एस. अहलूवालिया ने अपने फैसले को तत्काल (MP HC on Aadhaar card) मध्य प्रदेश के मुख्य सचिव को भेजने के निर्देश दिए हैं और कहा है कि इसे प्रदेश के सभी शासकीय अधिकारियों और जिला कलेक्टरों को उचित दिशा-निर्देश के साथ जारी कर दिए जाएं।
"आधार कार्ड उम्र प्रमाणित नहीं करता, यह केवल व्यक्ति की पहचान का प्रमाण है - मप्र हाईकोर्ट"
जबलपुर प्रिंसिपल पीठ में हाईकोर्ट के जस्टिस जी.एस. अहलूवालिया की सिंगल बैंच ने एक याचिका की सुनवाई में अहम फैसला सुनाते हुए स्पष्ट किया कि आधार कार्ड केवल व्यक्ति की पहचान प्रमाणित करने… pic.twitter.com/NeSGHDagIQ
— MP First (@MPfirstofficial) November 12, 2024
संबल योजना में आधार को उम्र का आधार नहीं माना
बता दें कि, मामला नरसिंहपुर जिले के सिंहपुर पंचायत क्षेत्र में रहने वाली सुनीता बाई साहू की याचिका (MP HC Aadhaar card) से जुड़ा है। आधार कार्ड से उम्र की प्रमाणिकता की याचिका पति की मौत बाद संबल योजना की पात्रता छिनने के जनपद पंचायत के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में दायर की गई। सुनीता के पति मोहन लाल साहू की करंट लगने से मौत हो चुकी है।
पति की मौत के बाद कोर्ट में याचिका
पति की मौत के बाद सरकार की जन कल्याण (संबल) योजना, 2018 के तहत आर्थिक मदद के लिए सुनीता की ओर से जनपद पंचायत में आवेदन दिया गया। जहां, विभागीय अधिकारियों ने उसके आवेदन की स्क्रूटनिंग के बाद इस आधार पर खारिज कर दिया गया कि उसके पति की उम्र 64 साल (Aadhaar card Identity Card) से ज्यादा हो चुकी है। लेकिन, सुनीता ने पति मोहन साहू का आधार कार्ड का हवाला देते हुए तर्क दिया कि उसके पति की उम्र 64 साल से कम है।
संबल योजना का आवेदन खारिज होने पर लगी याचिका
पति के आधार कार्ड की उम्र को वैध नहीं मानने के जनपद पंचायत के फैसले को याचिकाकर्ता सुनीता साहू ने हाईकोर्ट में चुनौती दी। जहां हाईकोर्ट जस्टिस जी. एस. अहलूवालिया की सिंगल बेंच ने मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि यूआईडीएआई ने अगस्त 2023 में जारी परिपत्र में स्पष्ट किया है, "आधार कार्ड का उपयोग पहचान स्थापित करने के लिए किया जा सकता है और यह जन्म तिथि का प्रमाण नहीं है। मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय सहित विभिन्न उच्च न्यायालयों ने भी आधार कार्ड को आयु प्रमाण पत्र के रूप में मान्य नहीं किया है।"
हाईकोर्ट ने खारिज की याचिका
यूआईडीएआई के अगस्त 2023 में जारी परिपत्र को आधार (Aadhaar Card Does Not Prove Age) मानते हुए हाईकोर्ट जस्टिस जी. एस. अहलूवालिया की सिंगल बेंच ने याचिका को खारिज कर दिया। हाईकोर्ट ने कहा कि मुख्यमंत्री जन कल्याण (संबल) योजना, 2018 के प्रावधान के लिए जो मृतक श्रमिक की आयु को आधार कार्ड में अंकित जन्मतिथि के आधार पर मापते हैं, वह आधार कार्ड के मूल उद्देश्य के विपरीत हैं।
आधार कार्ड केवल एक पहचान पत्र
इसलिए संबंल योजना के ऐसे आवदेन जिसमें आधार कार्ड को उम्र की प्रमाणिकता के साथ पेश कर दावा किया जाता है, उन्हें अनुमोदित नहीं किया जा सकता। आधार कार्ड केवल एक पहचान के रूप में इस्तेमाल किया जाने वाला वैध दस्तावेज है, जिसमें बायोमेट्रिक और आईरिस डेटा होते हैं, लेकिन इससे उम्र की प्रमाणिकता नहीं होती है। हाईकोर्ट जस्टिस जी. एस. अहलूवालिया की सिंगल बेंच ने अपने आदेश में कहा है कि जनपद पंचायत बाबई चीचली ने अन्य संबंधित दस्तावेजों के आधार पर मृतक की आयु 64 साल से अधिक मानते हुए आवेदन खारिज करने में कोई गलती नहीं की है।
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