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MP Hindu Children In Madrasas : NCPCR का बड़ा खुलासा ,एमपी के मदरसों में तालीम ले रहे हैं 9417 हिंदू बच्चे

MP Hindu Children In Madrasas भोपाल। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने बड़ा खुलासा किया है। आयोग की रिपोर्ट के अनुसार मध्य प्रदेश के मदरसों में 9 हजार 417 हिंदू बच्चे भी तालीम ले रहे हैं। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण...
09:33 AM Jun 15, 2024 IST | Ranjan Ravi

MP Hindu Children In Madrasas भोपाल। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने बड़ा खुलासा किया है। आयोग की रिपोर्ट के अनुसार मध्य प्रदेश के मदरसों में 9 हजार 417 हिंदू बच्चे भी तालीम ले रहे हैं। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो ने कई विभागों की समीक्षा बैठक के बाद इसका खुलासा किया है। आयोग के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था पर चिंता जताते हुए सरकार से मांग की है कि मदरसों में पढ़ने वाले बच्चों का जल्द-जल्द सामान्य स्कूलों में एडमिशन कराया जाए।

मदरसों में पढ़ रहे 9,417 हिंदू बच्चे

दरअसल राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के राष्ट्रीय अध्यक्ष कई विभागों के साथ समीक्षा बैठक कर रहे थे। इसी दौरान उन्हें जानकारी दी गई कि प्रदेश में 1,755 मदरसे पंजीकृत हैं। इन मदरसों में बड़ी संख्या में हिंदू बच्चे भी पढ़ रहे हैं। राज्य सरकार ने जो आंकड़े प्रस्तुत किए उसके अनुसार एमपी के मदरसों में 9 हजार 417 हिंदू बच्चे पढ़ रहे हैं।

मदरसों में दी जाती है इस्लामिक-धार्मिक शिक्षा

मध्य प्रदेश मदरसा बोर्ड की स्थापना के अधिनियम में स्पस्ट रूप से उल्लेख है कि मदरसों में इस्लामिक धार्मिक शिक्षा दी जानी चाहिए। मदरसों में पढ़ाने वाले शिक्षक दक्ष शिक्षक नहीं है। नियमों के अनुसार उन्हें बीएड, डीएलएड क्वालिफाई होना चाहिए।आयोग का कहना है कि मदरसों का इंफ्रास्ट्रक्चर भी मानकों के अनुसार नहीं है। ऐसे में बड़ी संख्या में बच्चों को इनमें रखना गलत है। खास तौर पर हिंदू बच्चों को मदरसा भेजना तो बिल्कुल गलत है।

बच्चों की शिक्षा की जिम्मेदारी सरकार की

आयोग के अध्यक्ष ने कहा कि ‘‘शिक्षा के अधिकार कानून में साफ तौर पर कहा गया है कि स्कूलों की स्थापना और बच्चों को पढ़ाने का काम सरकार करेगी। ऐसे में मदरसा बोर्ड को फंडिंग करना,गरीब बच्चों के हक का पैसा मदरसों को देना है।’’ राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने प्रदेश की डॉ. मोहन यादव की सरकार से इस पूरी योजना पर फिर से विचार करने की मांग की है, साथ ही तत्काल हिंदू बच्चों को मदरसों से निकालने के लिए भी कहा है।

मदरसों का सर्वे और मैपिंग कराने का निर्देश

भोपाल में समीक्षा बैठक में आयोग ने इस बात पर नाराजगी जाहिर की है कि निर्देश के बाद भी पिछले एक साल में सरकार मदरसों का सर्वे और मैपिंग नहीं करा पाई। आयोग ने निर्देश दिया है कि जल्द से जल्द मदरसों का सर्वे कराया जाए ताकि पता चलें कि कितने वैध और कितने अवैध मदरसे संचालित हैं। इसके अलावा आयोग ने वक्फ बोर्ड द्वारा संचालित यतीम खानों पर भी गंभीर सवाल खड़े किए हैं। आयोग को बताया गया है कि वक्फ बोर्ड द्वारा 4 यतीम खाने संचालित हैं, लेकिन इनमें से कोई भी किशोर न्याय अधिनियम के तहत रजिस्टर्ड नहीं हुए है, जबकि इस कानून को लागू हुए 10 साल हो गए है।  आयोग ने निर्देश दिए हैं कि यतीम खानों का निबंधन कराया जाए। जो ऐसा नहीं कर रहे उन पर केस दर्ज कर कार्रवाई की जाए।

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