School Staff Police Verification: एमपी के स्कूलों में शिक्षकों सहित पूरे स्टाफ का होगा पुलिस वेरिफिकेशन

MP School Staff Police Verification: भोपाल। एमपी में स्कूली बच्चों के साथ बढ़ती छेड़छाड़ और दुष्कर्म की घटनाओं के बाद सरकार ने नया आदेश निकालते हुए स्कूल स्टाफ वेरिफिकेशन को अनिवार्य कर दिया है। सरकार के इस आदेश पर अब...
school staff police verification  एमपी के स्कूलों में शिक्षकों सहित पूरे स्टाफ का होगा पुलिस वेरिफिकेशन

MP School Staff Police Verification: भोपाल। एमपी में स्कूली बच्चों के साथ बढ़ती छेड़छाड़ और दुष्कर्म की घटनाओं के बाद सरकार ने नया आदेश निकालते हुए स्कूल स्टाफ वेरिफिकेशन को अनिवार्य कर दिया है। सरकार के इस आदेश पर अब राजनीति शुरू हो गई है। विपक्ष ने सरकार से पूछा है कि इतने सालों से क्या विभाग सो रहा था या फिर किरकिरी से बचने के लिए सरकार ने नया शिगुफा छोड़ा है। उल्लेखनीय है कि पिछले कुछ समय में राज्य में ऐसी कई घटनाएं सामने आई हैं जहां स्कूल स्टाफ द्वारा बच्चों का यौन शोषण किया गया।

अब स्कूलों को कराना होगा शिक्षकों और कर्मचारियों का पुलिस वेरिफिकेशन

जिला परियोजना समन्वयक ने नए नियम जारी कर सभी प्राइवेट स्कूलों और मदरसों में पदस्थ शैक्षणिक और गैर शैक्षणिक स्टाफ का पुलिस वेरिफिकेशन (MP School Staff Police Verification) अनिवार्य रूप से कराने के आदेश जारी किए हैं। इसमें कहा गया है कि वर्तमान परिवेश में मासूम बच्चों के साथ जो घटनाएं हो रही हैं, उनको देखते हुए स्कूल में यह सुनिश्चित किया जाए कि कार्यरत समस्त शैक्षणिक एवं गैर शैक्षणिक स्टाफ का चारित्रिक एवं पुलिस वेरिफिकेशन किया गया है कि नहीं। यदि किसी शिक्षक, गेम्स टीचर, केयर टेकर, कंप्यूटर ऑपरेटर, गार्ड, सफाई कर्मी, माली, बस ड्राईवर, कंडक्टर, क्लीनर, विद्युतकर्मी अथवा अन्य स्टाफ आदि का पुलिस वेरिफिकेशन नहीं हुआ है, तो दो दिन के अंदर कराया जाए।

मानसिक बीमारी के चलते होती हैं ऐसी घटनाएं

एक तरफ सरकार स्कूलों में पुलिस वेरिफिकेशन करवाकर दुष्कर्म और शारीरिक शोषण को रोकना चाहती है वहीं दूसरी ओर मनोचिकित्सकों का कहना है कि इस तरह की समस्याओं का हल पुलिस वेरिफिकेशन से नहीं निकल सकता। बल्कि सरकार को चाहिए कि स्कूलों में मनोचिकित्सक की भी सलाह ली जानी चाहिए। मनोचिकित्सक रूमा भट्टाचार्य का कहना है कि मनोचिकित्सक कर्मचारियों और शिक्षकों से बात करके समझ सकता है कि सामने वाले की किस तरह की साइकोलॉजी है। इसी तरह से इस समस्या का हल निकाला जा सकता है। उल्लेखनीय है कि राजधानी भोपाल के रेडक्लिफ स्कूल में आईटी टीचर द्वारा साढ़े तीन साल की एक बच्ची के साथ रेप की घटना के बाद स्कूल शिक्षा विभाग ने कड़े कदम उठाए हैं।

कांग्रेस बोली, अभी तक विभाग सो रहा था

शिक्षा विभाग का मानना है कि अभी तक टीचर्स का पुलिस वेरिफिकेशन किया जाता था लेकिन अब स्कूल स्टॉफ के सभी कर्मचारियों का वेरिफिकेशन (MP School Staff Police Verification) कराना अनिवार्य है और दो दिन के अंदर सभी का पुलिस वेरिफिकेशन करवा कर दें। सरकार के अनुसार इस तरह के कदम से काफी हद तक बच्चों के शोषण की घटनाओं को रोका जा सकेगा। पूरे मामले पर कांग्रेस सरकार पर हमलावर हो रही है। कांग्रेस प्रवक्ता मुकेश नायक का कहना है कि इस तरह की घटनाएं ऐसी तरह नहीं रुकेंगी, इसके लिए सरकार को सख्त कदम उठाने होंगे । इस तरह के आदेश निकालकर सरकार सिर्फ अपनी हो रही किरकिरी से बचना चाहती है।

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने सरकार पर बोला हमला

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने सीएम को ट्वीट करते हुए लिखा कि “मध्य प्रदेश में बच्चों के साथ दुष्कर्म की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं, जो बेहद चिंताजनक है। भोपाल में 10वीं के एक छात्र के साथ शिक्षक द्वारा किए गए यौन शोषण की खबर से मन आहत है। जिन बच्चों को देश का भविष्य कहा जाता है, मेरे प्रदेश में उनका वर्तमान खराब हो रहा है। पिछले चार दिनों में बच्चों के साथ दुष्कर्म का यह तीसरा मामला है और सरकार मूकदर्शक बनकर तमाशा देख रही है। यह घटना हमें सोचने पर मजबूर कर देती है — अगर स्कूल जैसी जगह पर भी बच्चे सुरक्षित नहीं हैं, तो अभिभावक किस भरोसे अपने बच्चों को स्कूल भेजें? आखिर सरकार बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में असफल क्यों हो रही है? मुख्यमंत्री जी, मध्य प्रदेश में कब बच्चे बिना डर के घर से बाहर निकल पाएंगे?”

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